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UP के इस शहर में रेलवे की पुरानी लाइनों पर बनाई जाएगी सड़कें

UP News : उत्तर प्रदेश के इस शहर में सड़कों का जाल बिछाया जाएगा। यूपी के इस शहर में रेलवे की पुरानी लाइनों पर सड़कों का जाल बिछेगा। बता दें कि यूपी के शहर में नगर निगम में हस्ताक्षर्रित कर जाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। पुरानी रेलवे लाइनों पर सड़क बन जाने से आवागमन काफी ज्यादा आसान हो जाएगा। बता दे की मौखिक अनुमति मिल जाने के बाद सड़क बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। पढ़ें पूरी खबर

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UP के इस शहर में रेलवे की पुरानी लाइनों पर बनाई जाएगी सड़कें

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के इस शहर में सड़कों का जाल बिछाया जाएगा। यूपी के इस शहर में रेलवे की पुरानी लाइनों पर सड़कों का जाल बिछेगा। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में इंदिरा नगर कॉलोनी से लोदीपुर तक पुरानी रेल लाइन पर काफी जमीन निरस्त पड़ी है। रेल लाइन की इस खाली बड़ी जमीन पर सड़क बनाने से शहर में जाम से मुक्ति मिलेगी। इंदिरा नगर कॉलोनी से लोदीपुर तक पुरानी रेलवे लाइन पर काफी जमीन है। पुरानी रेलवे लाइन, जो काफी समय से निष्प्रयोज्य है, गर्रा फाटक के पास और अन्य जगहों पर बिछी हुई है। ऐसी रेलवे लाइन पर सड़क बनाने से शहर में जाम की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगा। धनमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने नगर निगम को रेलवे अधिकारियों से संपर्क करके जमीन को सौंपने का आदेश दिया था।

पिछले दिनों, राज्यसभा सांसद मिथिलेश कुमार ने इज्जतनगर बरेली के एडीआरएम विवेक गुप्ता और सीनियर डीसीएम इज्जतनगर संजीव शर्मा से चर्चा की थी कि शहर में निष्प्रयोज्य रेलवे लाइन को राज्य सरकार को हस्तांतरित करने और इसका उपयोग करने की अनुमति दी जाए। रेलवे अधिकारियों ने इसमें सकारात्मक संकेत दिए थे। नगर निगम के अधिकारियों ने इस पर आगे बढ़ते हुए रेलवे से पत्राचार किया। अब इसके लाभ भी दिखाई दे रहे हैं।

1980 के दशक तक शहर में थे चार रेलवे स्टेशन

1980 के दशक तक शहर में चार रेलवे स्टेशन थे: दो वर्तमान उत्तर और पूर्वोत्तर रेलवे स्टेशन। इनके लिए एक मीटरगेज और ब्रॉडगेज की कई किलोमीटर की दो रेल लाइनें थीं। प्रसाद भवन के पीछे से पुराने मालगोदाम तक एक लाइन थी। इस्लामिया इंटर कॉलेज और लकड़ी मंडी से लगभग बारह किमी की लूप लाइन गुजरती थी। मीटर गेज लाइन वहीं से रोडवेज, टाउनहाल और केरूगंज तक जाती थी। 1980 के दशक तक, इन लाइनों पर ट्रेनें चलती थीं। रेलवे ट्रैक बंद होने के बाद, रेलवे स्टेशनों की जमीन पर कब्जा शुरू हुआ, जो आज भी जारी है। बेशकीमती जमीन पर भूमाफिया ने कॉलोनियां बनाईं, लेकिन रेलवे अधिकारी

इन स्थानों पर है रेलवे की निप्रज्योज्य जमीन

इंदिरा नगर कॉलोनी और लोदीपुर के पास से एक रेलवे लाइन बंकाघाट की ओर जाती है। इसी तरह एक रेखा बहादुरपुरा, बहादुरगंज से बंकाघाट तक चली है। रेलवे लाइन पूर्वोत्तर रेलवे स्टेशन से गर्रा फाटक होते हुए अब्दुल्लागंज जाती है। अहमदाबाद रेलवे स्टेशन आज भी है। रेलवे स्टेशन के निकट काफी जमीन है। रेलवे की जमीन पर लोगों ने छप्पर बनाए हैं। 

बहादुरगंज से भोलागंज तक रेलवे भूमि पर लोगों का नियंत्रण है। बहादुरगंज में रेलवे की जमीन पर लकड़ी की ठेकी खुली हुई हैं। रोडवेज रेलवे क्रासिंग के पास रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण को कई बार हटाया गया, लेकिन लोगों ने फिर से रेलवे फाटक के पास कब्जा कर लिया। रेलवे की अक्षम रेलवे लाइन कई जगह जमीन में दब गई। रेलवे लाइन के किनारे काफी जमीन है। लोगों ने रेलवे की जमीन पर कब्जा करके खेती भी की है।

यहां से निकल सकता है लिंक मार्ग

जेल रोड पर अधीक्षण अभियंता कार्यालय और इस्लामिया इंटर कॉलेज से लिंक रोड निकालकर घंटाघर तक रास्ता बनाया जा सकता है। जेल रोड पर फर्नीचर की दुकान से पूर्व एमएलसी जयेश के पंप के सामने सड़क जा सकती है। वहीं, बिजलीपुरा गांव से भी लिंक रोड बनाया जा सकता है। गर्रा चौकी के पास एक बाईपास बनाया जा सकता है जो ईदगाह रोड से जुड़ सकता है।

राजस्व विभाग से निकाला जाएगा रिकार्ड

नगर आयुक्त डॉ. बिपिन कुमार मिश्रा ने बताया कि उन्होंने दो दिन पहले खराब रेलवे लाइन और जमीन का निरीक्षण किया था। रेलवे को निष्प्रयोज्य जमीन देने की सैद्धांतिक अनुमति मिल गई है। इंदिरानगर कॉलोनी में रेलवे की पुरानी लाइन पर खड़ंजा बिछाने का काम इसके बाद शुरू हुआ है। रेलवे से लिखित अनुमति मिलने पर अन्य स्थानों पर रेलवे लाइनों पर सड़क बनाया जाएगा, लेकिन अभी कोई पक्का निर्माण नहीं होगा। इनका सर्वे फिलहाल चल रहा है। राजस्व विभाग को शहर में रेलवे की जमीन का एक रिकार्ड बनाने का आदेश दिया गया है।