Oldest Highway India: भारत में सबसे पुराना हाइवे, 100 या 200 साल नहीं, सदियों पहले हुआ था निर्माण

Oldest Highway India: आज हम आपको अपनी इस खबर में देश के सबसे पुराने हाईवे के बारे में बताने जा रहे है। देश का ये हाइवे 100 या 200 साल नहीं बल्कि सदियों पुराना है...
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The oldest highway in India, not 100 or 200 years old, was built centuries ago

Bharat Old Highway : कहा जाता है देश के आर्थिक विकास में परिवहन व्यवस्था का सबसे अधिक योगदान होता है. जिसके चलते देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने के लिए नए राजमार्गों और एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है. नई-नई अत्याधुनिक सड़कें बन रही हैं. इनके माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर व्यापार व अन्य गतिविधियों का संचालन कर आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जाता है. लेकिन अगर आपसे कोई यह पूछे कि भारत का सबसे पुराना हाईवे कौन सा है, तो क्या आप इसका जवाब दे पाएंगे? या इसे कब और किसने बनवाया था.

अगर हम आपसे कहें कि भारत के सबसे पुराने हाईवे से आप विदेश तक जा सकते हैं तो शायद आपको यकीन नहीं होगा, पर यह सच है. अब आपको यह जानने की उत्सुकता तो बढ़ ही गई होगी कि आखिर वो कौन सा हाईवे है जो विदेश तक जाता है. वहीं, इस हाईवे का निर्माण कोई 100 या 200 साल पुराना नहीं है, बल्कि यह सदियों पुराना हाईवे बताया जाता है.

कौन-सा है सबसे पुराना हाईवे-

भारत का सबसे पुराना हाईवे जीटी रोड या ग्रैंड ट्रंक रोड (GT Road) है. इसका निर्माण चंद्रगुप्त मौर्य के शासन काल का बताया जाता है. हालांकि, 16वीं शताब्दी में दिल्ली के सुल्तान रहे शेरशाह सूरी ने इसे पक्का करवाया था. उन्होंने इस मार्ग पर जगह-जगह कोस मीनार, पेड़ और सराय का निर्माण कराया था. कोस मीनार का निर्माण दूरी मापने के लिए किया जाता था, जिसे आज भी दिल्ली के चिड़ियाघर, मथुरा रोड और लाहौर में देखा जा सकता है. एक कोस में 3.22 किलोमीटर तय की जाती थी. वहीं, इस रास्ते से गुजरने वाले लोग सराय में रूका करते थे, जहां उनके ठहरने के लिए कमरे, पशुओं को बांधने के लिए जगह और पीने के पानी के लिए कुआं था.

विदेश तक जाती है ये सड़क-

यह हाईवे सिर्फ देश में ही नहीं खत्म होता, बल्कि दूसरे देशों तक भी जाता है. इसकी शुरुआत बांग्लादेश से होती है और यह अफगानिस्तान के काबुल तक जाता है. बांग्लादेश से शुरू होकर यह बर्धमान, आसनसोल, सासाराम, प्रयागराज, अलीगढ़, दिल्ली, अमृतसर और फिर पाकिस्तान के लाहौर व रावलिपंडी से होते हुए अफगानिस्तान तक जाता है. समय के साथ अलग-अलग राजाओं ने इसको और आगे बढ़ाया. आज यह सड़क आफगानिस्तान तक जाती है. इसका नाम भी कालांतर में बदलता रहा. अंत में अंग्रेजों ने इसे जीटी रोड कहा और तब से यह हाईवे इसी नाम से जाना जाने लगा.

भारत में कितने हैं हाईवे-

भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक, भारत में कुल हाईवे की संख्या 599 हैं, जो कि परिवहन क्षमता का करीब 40 फीसदी भार संभालते हैं. इन हाईवे की मदद से प्रतिदिन बड़ी संख्या में व्यक्ति सफर कर अपनी मंजिलों तक पहुंच रहा है. राष्ट्रीय राजमार्ग देश के विभिन्न राज्यों, राजधानियों, बंदरगाह और औद्योगिक क्षेत्रों को एक दूसरे से जोड़ने का काम करते हैं.

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