UP में सस्ता कृषि ड्रोन और उपकरण खरीदने का मौका, सरकार दे रही 5 लाख रुपए, किसान जल्द करें आवेदन
Agriculture News: किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। सरकार का मुख्य लक्ष्य है कि किसान अपनी खेती-बाड़ी से बेहतर मुनाफा कमा सकें और एक सम्मानजनक जीवन जी सकें।
UP Agriculture Subsidy Scheme : किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए सरकारों की तरफ से कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जाती है. सरकार का लक्ष्य है कि किसान अपनी खेती बाड़ी से अच्छा मुनाफा कंकर अच्छा जीवन यापन कर सके. केंद्र और यूपी सरकार की तरफ से किसानों को खेती में मदद करने के लिए योजना चलाई जा रही है. उत्तर प्रदेश में किसानों को कृषि उपकरणों और द्रोण खरीदने पर योगी सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जाएगी. खेती में किसानों की मदद करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने कई योजनाएं शुरू की हैं। यूपी सरकार ड्रोन और कृषि उपकरण खरीदने पर सब्सिडी दे रही है. आवेदन 12 जुलाई तक ऑनलाइन किए जा सकते हैं।
सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन योजना
किसानों को खेती के लिए हर संभव सहायता देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें पूरी कोशिश कर रही हैं। यूपी में कृषि उपकरण और ड्रोन खरीदने के लिए विभिन्न योजनाओं (जैसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना और कृषक दुर्घटना कल्याण योजना) की भी योजनाएं चल रही हैं। इस कार्यक्रम के तहत सरकार इन उपकरणों की खरीद पर अनुदान दे रही है। यूपी सरकार की सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन योजना के तहत आवश्यकतानुसार पूरी तरह से सब्सिडी दी जाती है।
ऑनलाइन आवेदन
आप www.agridarshan.up.gov.in पर 12 जुलाई तक इस सहायता के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। कृषि विभाग की मिशन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन स्कीम, साथ ही अन्य योजनाओं, इसे सहायता प्रदान करती हैं। इसका लक्ष्य कस्टम हायरिंग, कृषि ड्रोन, कृषि मशीनरी बैंक और फसल अवशेष प्रबंधन उपकरणों को बढ़ावा देना है। कृषि यंत्रों पर राज्य सरकार सब्सिडी दे रही है। जिन किसानों ने पूंजीगत वस्तुओं में भारी निवेश किया है, उनके लिए यह सब्सिडी उपलब्ध है।
उपकरणों की सब्सिडी
कृषि विभाग की "मिशन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन स्कीम" के तहत यह सब्सिडी दी जाती है। सब्सिडी का लक्ष्य किसानों को नवीन तकनीक से परिचित कराना है। एग्री ड्रोन, कंबाइंड हार्वेस्टर, न्यूमेटिक प्लांटर और मेज शेलर सरकारी अनुदान से खरीद रहे हैं। इस लिस्ट में पॉपिंग मशीन, बैच ड्रायर, थ्रेशिंग फ्लोर, ऑयल एक्सट्रैक्शन यूनिट और शुगरकेन सेटलिंग प्लांटर भी हैं। सरकार कहती है कि वह किसानों को आधुनिक कृषि प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए प्रेरित करना चाहती है। इसलिए सरकार किसानों को सब्सिडी दे रही है।
कितनी सब्सिडी उपलब्ध है?
किसानों को आवश्यक उपकरणों पर अनुदान मिल रहा है। ड्रोन और उसके सहायक उपकरणों पर किसानों को 50% सब्सिडी मिल रही है। अगर कोई ड्रोन खरीदना नहीं चाहता, तो उसे किराए पर ले सकते हैं। विभाग ड्रोन या पायलट को रखने, ट्रेनिंग, परिवहन, लेबर और प्रचार के लिए 6000 रुपये प्रति हेक्टेयर की आर्थिक मदद देता है। कृषि ड्रोन प्रदर्शन पर अचानक खर्च करने में सरकार को प्रति हेक्टेयर 3000 रुपये की सहायता दी जाएगी। कृषि ड्रोन और उनके सहायक उपकरणों के लिए सब्सिडी का सबसे अधिक 50 प्रतिशत या 5 लाख रुपये है। इसके अलावा, आप 10,000 रुपये की सब्सिडी वाले कृषि यंत्र विभाग के पोर्टल से सीधे बुकिंग कर सकते हैं।
क्या है योग्यता
इस योजना में आवेदन करने के लिए ग्रामीण उद्यमी को 10वीं पास होना चाहिए। किसान को अंग्रेजी भी बोलना चाहिए। आवेदक को भी पासपोर्ट होना चाहिए। अगर आपके पास पासपोर्ट नहीं है, तो पासपोर्ट के लिए आवेदन करना शुरू करें।
