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OPS: देश में पुरानी पेंशन को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल का एलान, सरकारी दफ्तर से लेकर रेल, रक्षा उपक्रम होंगे बंद

Old Pension : यह निर्णय बुधवार को शिवगोपाल मिश्रा की अध्यक्षता में हुई नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) के सात पदाधिकारियों की बैठक में हुआ कि देश में एक मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू होगी। रक्षा और ट्रेन उद्योग बंद हो जाएंगे, साथ ही केंद्रीय और राज्य सरकार के विभागों में काम नहीं होगा...।

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OPS: देश में पुरानी पेंशन को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल का एलान, सरकारी दफ्तर से लेकर रेल, रक्षा उपक्रम होंगे बंद

India News in Hindi : देश में "पुरानी पेंशन" की पुनर्स्थापना के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे कर्मचारी संगठनों ने अंततः केंद्र सरकार को अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है। यह निर्णय बुधवार को शिवगोपाल मिश्रा की अध्यक्षता में हुई नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) के सात पदाधिकारियों की बैठक में हुआ कि देश में एक मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू होगी। केंद्रीय और राज्य सरकारों के विभागों में काम नहीं होगा, और रक्षा और ट्रेन क्षेत्र बंद हो जाएगा। 19 मार्च को केंद्र सरकार को अनिश्चितकालीन हड़ताल का नोटिस मिलेगा। क्षेत्रीय कर्मचारी संगठन भी अपनी-अपनी प्रशासनिक इकाइयों को हड़ताल की सूचना देंगे।

इन सात लोगों ने तय की है हड़ताल की तिथि

एनजेसीए की इस महत्वपूर्ण कमेटी में शिव गोपाल मिश्रा, कन्वीनर (जीएस/एआईआरएफ), डॉ. एम राघवैया, को-कन्वीनर (जीएस/एनएफआईआर), कामरेड एसएन पाठक, अध्यक्ष (आईईडीएफ), कामरेड अशोक सिंह, अध्यक्ष (आईएनडीडब्लूएफ), कामरेड रूपक सरकार, आईटीएफ/कन्फेडरेशन, कामरेड गीता पांडे, अध्यक्ष (आईपीटीएफ) और राज्य कर्मचारी संयुक्त यह कमेटी ने फैसला किया कि देश भर में अनिश्चितकालीन अभियान के तौर पर पुरानी पेंशनों को फिर से शुरू किया जाएगा। NGCA ने कहा कि अगर इस अवधि में पुरानी पेंशन बहाल नहीं की जाती, तो देश भर में अनिश्चितकालीन हड़ताल हो जाएगी। रक्षा क्षेत्र के उद्योगों और रेल संचालन इस स्थिति में बंद हो जाएंगे।

पिछले साल से जारी है ओपीएस की लड़ाई

केंद्रीय और राज्य सरकारों के कर्मचारी पिछले वर्ष से ही पुरानी पेंशन की बहाली की मांग कर रहे हैं। कर्मचारी संगठनों ने सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की है। OPSC के लिए गठित नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (NGCA) की संचालन समिति के वरिष्ठ सदस्य और AIDEF के महासचिव सी. श्रीकुमार ने कहा कि पिछले वर्ष दस अगस्त को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में सरकारी कर्मियों की बड़ी रैली हुई थी। लाखों कर्मचारी उस रैली में शामिल हुए। 'पेंशन शंखनाद महारैली' एक अक्तूबर को रामलीला मैदान में ही हुई। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) ने इसे आयोजित किया था। 

एनएमओपीएस के अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि पुरानी पेंशन कर्मियों को इसे लेने का अधिकार है। तीन नवंबर को, कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लाइज एंड वर्कर्स ने रामलीला मैदान में तीसरी रैली का आयोजन किया। ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एंप्लाइज फेडरेशन भी इस रैली में शामिल था। 10 दिसंबर को, ऑल इंडिया एनपीएस एंप्लाइज फेडरेशन ने जंतर मंतर पर रैली निकाली, जिसका उद्देश्य 'राष्ट्रीय मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत' था। रैली में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत पटेल ने भाषण दिया।

अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए सहमति

AIDF के महासचिव सी. श्रीकुमार ने कहा कि अगर लोकसभा चुनाव से पहले 'पुरानी पेंशन' नहीं लागू की जाएगी, तो भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। यह संख्या कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके रिश्तेदारों को मिलाकर दस करोड़ से अधिक है। चुनाव में महत्वपूर्ण परिवर्तन होने के लिए यह संख्या महत्वपूर्ण है। रेलवे और रक्षा (सिविल) देश के दो सबसे बड़े कर्मचारी संगठन हैं, जो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर सहमत हैं। स्ट्राइक बैलेट में रेलवे के 11 लाख कर्मचारियों में से 96 फीसदी ओपीएस लागू नहीं होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को तैयार हैं। इसके अलावा, चार लाख सिविल रक्षा कर्मियों में से 97 फीसदी हड़ताल पर हैं। 

20 और 21 नवंबर को स्ट्राइक बैलेट के माध्यम से 400 रक्षा इकाइयों, 7349 रेलवे स्टेशनों, मंडल और जोनल दफ्तरों, 42 रेलवे वर्कशॉपों और सात रेलवे उत्पादन इकाइयों पर वोट डाला गया था। केंद्रीय कर्मचारी संगठनों और राज्यों की एसोसिएशनों ने भी ओपीएस का मुद्दा उठाया है।  

'रिले हंगर स्ट्राइक' के बाद भी सरकार मौन

केंद्रीय कर्मचारी संगठनों ने 8 जनवरी से 11 जनवरी तक 'रिले हंगर स्ट्राइक' की थी। इसका उद्देश्य सरकार को शिक्षित करना था। 'रिले हंगर स्ट्राइक' के अंतिम दिन, नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) के कन्वीनर शिवगोपाल मिश्रा ने सरकार को चेतावनी दी कि अब ओपीएस की बहाली के लिए कोई धरना नहीं होगा। सरकार ने हमें अनिश्चित हड़ताल करने पर मजबूर किया है। 1974 की रेल हड़ताल की तरह देश में कुछ हुआ तो केंद्र सरकार जिम्मेदार होगी। इसके बाद NGCA की बैठक सात फरवरी को बुलाई गई थी। इस बैठक में देश भर में अनिश्चितकालीन हड़ताल की तिथि निर्धारित करने और सरकार को एक स्ट्राइक नोटिस देने पर चर्चा हुई। अनिश्चितकालीन हड़ताल करने वाले सभी संगठन अनिश्चिकालीन हड़ताल करने के पक्ष में थे। स्ट्राइक की तिथि तय करना और सरकार को नोटिस देना, इसके लिए सात सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी।

डस्टबीन है एनपीएस, मंजूर नहीं संशोधन

नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि केंद्र सरकार एनपीएस को बदलने जा रही है। हम इस तरह की किसी भी संशोधन की मांग नहीं कर रहे हैं। कर्मचारियों को पुरानी गारंटीकृत पेंशन ही चाहिए। यदि सरकार के NPS में संशोधन प्रस्ताव पर कोई कर्मचारी नेता या संगठन सहमत होता है, तो 2004 में हुई गलतियां 2024 में भी दोहराई जाएंगी। NPS एक डस्टबीन है। डस्टबीन में करोड़ों कर्मचारियों और सरकार का दस प्रतिशत पैसा जा रहा है। यह सही नहीं है। कर्मचारियों का आंदोलन पुरानी पेंशन बहाली तक जारी रहेगा। वित्त मंत्रालय की कमेटी की रिपोर्ट अर्थहीन है। यह रिपोर्ट उपलब्ध है या नहीं। इससे कर्मचारी को कोई मतलब नहीं है। वजह, यह कमेटी ओपीएस लागू करने के लिए नहीं, बल्कि एनपीएस में सुधार के लिए गठित की गई थी।

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