The Chopal

UP में बच्चों की गलती पर मां-बाप को होगी जेल, यूपी सरकार ने नया नियम किया लागू

UP News : उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों नए नियम लागू हुए हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश में अब इन नियमों का उल्लंघन करने पर बच्चों के माता-पिता को 3 साल की जेल और 25000 जुर्माना लगेगा। चलो पढ़ें क्या है नए नियम 

   Follow Us On   follow Us on
UP में बच्चों की गलती पर मां-बाप को होगी जेल, यूपी सरकार ने नया नियम किया लागू

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों नए नियम लागू हुए हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश में अब इन नियमों का उल्लंघन करने पर बच्चों के माता-पिता को 3 साल की जेल और 25000 जुर्माना लगेगा।  क्या आपने सुना है कि बच्चों की गलती पर माता-पिता जेल जाते हैं? अगर नहीं तो आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में अब एक नया कानून लागू हो गया है जिसके अनुसार माता-पिता को बच्चों की गलती पर जेल जाना होगा। यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन उत्तर प्रदेश में 18 साल से कम उम्र के बच्चों के वाहन चलाने पर पूरी तरह से पांबदी लग गई है।

यूपी में अब नाबालिग किशोर या किशोरी को शासन ने दो पहिया या चार पहिया वाहन चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है । वाहन चलाने के लिए 18 वर्ष से कम उम्र के बालक या बालिकाओं को देने पर माता-पिता को तीन साल की जेल और 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। शिक्षा निदेशक माध्‍यमिक को यह आदेश उत्तर प्रदेश परिवहन यातायात कार्यालय से भेजा गया है। उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग से दिए गए निर्देश के बाद आदेश जारी किया गया है।

जुर्माना और लाइसेंस निरस्त -

नियमों के अनुसार, अगर कोई अभिभावक (वाहन मालिक) 18 साल से कम उम्र के बच्चों को वाहन चलाने के लिए देता है, तो अभिभावक खुद  जिम्मेदार होंगे। नाबालिग को वाहन चलाते हुए गिरफ्तार करने पर उसके अभिभावक या वाहन मालिक को तीन साल की सजा और 25 हजार रुपये तक की सजा हो सकती है। वाहन का लाइसेंस भी निरस्‍त हो जाएगा।

ऐसे बना यह नया नियम -

उत्तर प्रदेश राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने परिवहन आयुक्त को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे बिना ड्राइविंग लाइसेंस के दो पहिया और चार पहिया वाहन चला रहे हैं, जिससे लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं. आपको बता दें कि किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज और लोहिया अस्पताल के विशेषज्ञों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक सड़क हादसों में जान गंवाने वाले 40 से 45% नाबालिक होते हैं जिनकी उम्र 13 वर्ष से लेकर 18 वर्ष के बीच में होती है.