पारुल चौधरी को साढ़े 4 करोड़ रुपए के साथ-साथ मिली DSP की नौकरी, CM Yogi ने की तारीफ
UP News : बहुत से खिलाड़ियों को 75 लाख, डेढ़ करोड़ और तीन करोड़ रुपये मिल चुके हैं। मेरठ की पारुल चौधरी को सबसे अधिक इनाम राशि साढ़े चार करोड़ रुपए मिली है। पारुल यूपी में डीएसपी भी है।
Parul Chaudhary Indian Athlete: शनिवार को यूपी के सात खिलाड़ी अधिकारी बन गए। इनमें से चार खिलाड़ियों को डीएसपी नियुक्ति पत्र प्राप्त हुआ है। योगी सरकार ने खिलाड़ियों को भी भारी रकम दी है। 62 करोड़ रुपये 189 खिलाड़ियों को दिए गए हैं। इनमें से कई खिलाड़ियों को 75 लाख, डेढ़ करोड़ और तीन करोड़ रुपये का पुरस्कार मिला है। मेरठ की पारुल चौधरी को सबसे अधिक इनाम राशि साढ़े चार करोड़ रुपए मिली है। यूपी में पारुल को डीएसपी भी बनाया गया है। शनिवार को लखनऊ के इंदिरा भवन में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने उन्हें साढ़े चार करोड़ रुपए के चेक के साथ नियुक्ति पत्र दिया।
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एशियाई खेल में पारुल चौधरी ने 5000 मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक और 3000 मीटर स्टीपल चेज में रजत पदक जीता। मुख्यमंत्री योगी ने पारुल सहित यूपी के अन्य खिलाड़ियों की भी जमकर तारीफ की। चीन में आयोजित एशियाई खेलों में पारुल का प्रदर्शन सबको हैरान कर दिया। पांच हजार मीटर दौड़ में पारुल चौधरी विजेता रहे। वह अंतिम चालीस मीटर में जापान की रिरिका हिरोनाका से पीछे चल रही थीं, लेकिन 15 मिनट 14.75 सेकंड के समय के साथ स्वर्ण पदक जीत लिया। पारुल ने एशियाई खेलों में दूसरा पदक जीता था। महिला 3000 मीटर स्टीपलचेज में भी उन्होंने रजत पदक जीता था।
संघर्षों से भरा रहा है जीवन
यह प्रतियोगिता जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं पारुल। गोल्डन गर्ल और उड़नपरी के नाम से प्रसिद्ध पारुल का जीवन कठिन है। मेरठ के एक साधारण किसान परिवार से आने वाली पारुल ने गांव में ही अपनी बड़ी बहन प्रीति के साथ खेलना शुरू किया था। पिता कृष् णपाल सिंह की सलाह पर उन् होंने स्कूल की दौड़ प्रतियोगिता में भाग लेकर खेल की यात्रा शुरू की। वह गांव की पुरानी सड़कों पर अभ्यास करती रही। पारुल ने बाद में कोच गौरव त्यागी के कहने पर स्टेडियम में व्यायाम शुरू किया। प्रैक्टिस के लिए सुबह पांच बजे पारुल अपने पिता के साथ मुख्य मार्ग तक पहुंचती थीं।
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पारुल ने एशियाई खेल में 5000 मीटर दौड़ के लिए एक अलग रणनीति बनाई थी। शुरू में वह पांचवीं और छठी रहीं। वह चार हजार मीटर की दौड़ में पांचवें स्थान पर थीं। उसने फिर अपनी गति बढ़ानी शुरू की और पांचवें स्थान से तीसरे स्थान पर पहुंच गईं। वह अंतिम दौर में १५ सेकंड दूसरे स्थान पर थीं। पारुल ने अंतिम नौ सेकंड में अपनी गति का पूरा प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया।