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पेंशनर्स की हुई अब मौज, सरकार करने जा रही हैं ये काम

pension news :देश भर में करोड़ों पेंशनर के लिए सरकार ने बड़ा अपडेट दिया है , सरकार ने ये बड़ा काम किया है जिससे करोड़ों लोगों को बहुत तगड़ा फायदा होगा। आइये जानते हैं पूरी खबर 

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Now pensioners are happy, government is going to do this work

New Delhi : केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए अच्छी खबर है। वास्तव में, केंद्रीय सरकार ने देश के 100 शहरों में 500 लोकशन पर एक अभियान शुरू किया है। सरकार ने कहा कि इस अभियान की शुरुआत 17 पेंशन वितरण बैंकों, मंत्रालयों और विभागों, पेंशनभोगी कल्याण संघों, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और यूआईडीएआई के सहयोग से 50 लाख पेंशनभोगियों से की गई है। बीते 1 नवंबर से शुरू हुआ यह कैंपेन 30 नवंबर तक चलेगा।

क्या है मकसद

केंद्र सरकार चाहती है कि देश के दूरदराज के इलाकों में रहने वाले पेंशनभोगियों (सबसे नवीनतम पेंशन अपडेट) को डिजिटल तरीकों से जीवन प्रमाण पत्र प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी. ये खासकर वरिष्ठ, बीमार या अक्षम पेंशनभोगियों को लक्षित करेंगे। जिन स्थानों पर डोरस्टेप बैंकिंग सेवाओं का उपयोग किया जा रहा है, बैंक शाखाओं में निश्चित कर्मचारियों को एंड्रॉइड फोन प्रदान किए जा रहे हैं, ताकि पेंशनभोगी लोग शाखा में जाकर जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकें। 

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इसके साथ ही बेहद बीमार, बिस्‍तर से उठने अक्षम पेंशनभोगियों के डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) जमा कराने के लिए बैंक कर्मचारियों द्वारा उनके घरों का दौरा करने को कहा जा सके। इसके अलावा पेंशनभोगियों को बिना किसी देरी के अपने डीएलसी जमा करने की जानकारी देकर सक्षम बनाने के लिए शिविरों का आयोजन किया जाए।

बता दें कि सरकार ने वर्ष 2014 में बायोमेट्रिक उपकरणों का उपयोग करके डीएलसी जमा करने की व्‍यवस्‍था शुरू की गई थी। इसके बाद आधार डेटाबेस पर आधारित फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी सिस्टम विकसित करने के लिए काम किया गया, जिससे किसी भी एंड्रॉइड आधारित स्मार्ट फोन की मदद से जीवन प्रमाण-पत्र जमा करना संभव हो सके। इस सुविधा के अनुसार फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के जरिए किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित की जाती है और डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र (डीएलसी) बनाया जाता है। 

बता दें कि यह तकनीक नवंबर 2021 में लॉन्च की गई और इससे पेंशनभोगियों (latest pension update) की बाहरी बायो-मीट्रिक उपकरणों पर निर्भरता कम हो गई। अब स्मार्टफोन-आधारित तकनीक का लाभ उठाकर इस प्रक्रिया को और अधिक सुलभ और किफायती बना दिया गया है।