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गुमला में जंगल बचाने के लिए 200 गांवों के लोगों ने बनाई सीड्स बाल, आप भी करें ट्राई

200 गांवों के महिला-पुरुष सीड्स बॉल बनाकर उजड़ते जंगलों में हरियाली की कोशिश। अभी यह प्रयास अगले पांच सालों के लिए किया जा रहा है।

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To save the forest in Gumla, people of 200 villages made seeds ball, you should also try.

The Chopal News : सीड्स बॉल, या बीज गोला, छोटे छोटे बीजों, मिट्टी, और खाद को मिलाकर बनाया जाता है। यह एक प्राचीन तकनीक है जिसका उपयोग बीजों को सीधे जमीन में बोने बिना किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य बीजों को कीटों, जीवों, पक्षियों और अन्य जीवों से बचाना है, जिससे हरियाली को बढ़ावा मिल सके। सीड्स बॉल्स को विशिष्ट तरीके से फैलाने और नए पौधों को उत्पन्न करने के लिए तैयार किया जाता है।

जागरूकता और सीड्स बॉल निर्माण

गुमला जिले के छह प्रखंडों के लोगों द्वारा सीड्स बॉल निर्माण करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए प्रदान संस्था ने वन विभाग के साथ मिलकर काम किया है। इस प्रयास के तहत, 200 गांवों के महिला-पुरुष सदस्य सीड्स बॉल तैयार कर रहे हैं, जिनमें से छह प्रखंड बसिया, कामडारा, गुमला, घाघरा, और पालकोट हैं। इस प्रयास का उद्देश्य अगले पांच सालों के लिए है ताकि खाली और अजानी जगहों में सीड्स बॉल को डाला जा सके और पर्यावरण संतुलन को बनाए रखा जा सके।

पेड़ों और पौधों के महत्व

इस प्रयास के पीछे का मुख्य मकसद है पेड़ों और पौधों की रक्षा करना, जो बढ़ती गर्मी, पेड़ों के विनाश, और खेतों में जमीन की हानि के बीच बिगड़ते पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। लोगों को जंगलों की रक्षा के साथ-साथ खेतों में आग नहीं लगाने के लिए भी जागरूक करना महत्वपूर्ण है।

इस जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत, प्रत्येक गांव में 15 सदस्यीय वन सुरक्षा समितियाँ बनाई गई हैं, जो जंगल बचाने के साथ-साथ जंगलों में आग नहीं लगाने के लिए लोगों को जागरूक करती हैं।

इस प्रयास के माध्यम से लोग पेड़ों और पौधों की रक्षा करने में सहयोग कर रहे हैं, जिससे पर्यावरण संतुलन को सुरक्षित रखा जा सकता है और आने वाली पीढ़ियों के लिए हरियाली का संरक्षण किया जा सकता है।

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