बिहार में अब बिजली चोरी की होगी निगरानी, हो जाए सावधान, होगा एक-एक मोहल्ले का हिसाब
Bihar News : बिहार सरकार की यह पहल बिजली चोरी की समस्या से निपटने और राज्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। ट्रांसफार्मर पर मीटर लगने से वितरण प्रणाली पारदर्शी होगी और ईमानदार उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। हालांकि, इसे पूरी तरह लागू करने के लिए तकनीकी दक्षता और जनसहयोग की आवश्यकता होगी।

The Chopal : बिहार में बिजली चोरी की निगरानी अब ट्रांसफार्मर करेंगे। जो मीटर लगाने का कार्य लगभग पूरा हो गया है। तीन लाख से अधिक ट्रांसफॉर्मर में से दो लाख 30 हजार से अधिक में मीटर लगाए गए हैं। ये ट्रांसफार्मर हर घर की बिजली खपत मापेंगे। बिहार में बिजली चोरी की समस्या को रोकने के लिए राज्य सरकार ने ट्रांसफार्मर-आधारित निगरानी प्रणाली को लागू करना शुरू कर दिया है। इस नई व्यवस्था के तहत ट्रांसफार्मर पर मीटर लगाए जा रहे हैं, जो घर-घर की बिजली खपत का सटीक रिकॉर्ड रखने में सक्षम होंगे।
बिहार में बिजली की खपत पर नज़र रखना शुरू हो गया है। राज्य के साढ़े तीन लाख ट्रांसफॉर्मर में से दो लाख 30 हजार से अधिक में मीटर लग चुके हैं। अगले तीन से चार महीने में राज्य के सभी ट्रांसफॉर्मर में मीटर लगेंगे। मीटर लगाने से राज्य में बिजली चोरी पर नियंत्रण होगा। गली-मोहल्लों में आवश्यकतानुसार अधिक क्षमता के ट्रांसफॉर्मर भी लगाए जा सकते हैं। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि उत्तर बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के पास एक लाख 97 हजार 892 ट्रांसफॉर्मर हैं। इसमें से लगभग एक लाख 36 हजार ट्रांसफॉर्मर में मीटर लगाए गए हैं। 69% ट्रांसफॉर्मर में मीटर हैं।
दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के एक लाख 51 हजार 376 ट्रांसफॉर्मर में से 96 हजार से अधिक में मीटर लगाए गए हैं। यानी 63% ट्रांसफॉर्मर में मीटर हैं। कंपनी ने राज्य में सभी ट्रांसफॉर्मरों में मीटर लगाने का फैसला किया है। कृषि कनेक्शन से जुड़े ट्रांसफॉर्मर को छोड़ बाकी सभी में अप्रैल 2025 तक मीटर लगा दिये जाएंगे। RDSS योजना के अंतर्गत ट्रांसफॉर्मर में मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
मोहल्लावार खपत रिपोर्ट
ट्रांसफॉर्मर में मीटर लगाने से मोहल्लावार आसानी से बिजली की कितनी मात्रा खर्च की जाती है। मीटर आसानी से संबंधित ट्रांसफॉर्मर से कितने उपभोक्ता जुड़े हैं और कितनी बिजली खपत हो रही है। यह भी जान सकता है कि किस ट्रांसफॉर्मर से कितनी वैध और अवैध बिजली खपत होती है। इसके आधार पर संबंधित गली-मोहल्ले में आकस्मिक छापेमारी की जाएगी। कम्पनी को उम्मीद है कि इस प्रणाली बिजली चोरी को कम कर सकेगा। बिजली चोरों का औचक निरीक्षण किया जा सकेगा। अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर लगाए जा सकते हैं अगर एक ट्रांसफॉर्मर पर अधिक उपभोक्ता लोड होता है। लोगों को अच्छी तरह से निर्बाध बिजली मिलेगी और ट्रांसफॉर्मर से ट्रिपिंग और लो-वोल्टेज की समस्या दूर होगी।
लोड का होगा अध्ययन
राज्य में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की स्थापना के बाद बिजली की खपत का भी अध्ययन शुरू हुआ है। 50 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर अभी लगाए गए हैं। उपभोक्ताओं की खपत का विश्लेषण किया जा रहा है। यह भी बताता है कि उपभोक्ता कब अधिक बिजली खपत करते हैं। किस समय कितनी बिजली खपत होती है, इसका भी अध्ययन किया जा रहा है। क्षेत्रीय बिजली खपत की रिपोर्ट बनाई है, जिसके आधार पर ग्रिड, सब-स्टेशन और फीडर की क्षमता में वृद्धि की जाएगी। इससे शहर से गांव की यात्रा की समस्या दूर होगी। लोगों को निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण बिजली देने के लिए RDSS योजना के तहत आवश्यक कार्रवाई होनी चाहिए।