नया गोरखपुर के लिए 3 गांवों से जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू, 6 हजार एकड़ में बसेगा शहर

UP News: उत्तर प्रदेश में शहरीकरण की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत प्रदेश सरकार अब एक नए शहर के निर्माण की दिशा में तेजी से काम कर रही है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए 6000 एकड़ भूमि का अधिग्रहण प्रस्तावित है, जिसमें किसानों से समझौते के आधार पर जमीन ली जाएगी।

   Follow Us On   follow Us on
नया गोरखपुर के लिए 3 गांवों से जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू, 6 हजार एकड़ में बसेगा शहर

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री शहरी विस्तरी करने योजना के तहत अब प्रदेश में एक और नया शहर बनाने की दिशा में तेजी से कदम आगे बढ़ाया जा रहा है. इस परियोजना के तहत 6000 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. किसानों से समझौते के आधार पर जमीन अधिग्रहण किया जाएगा. नया शहर बसाने को लेकर तीन गांव में अनिवार्य जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई है.

समझौते के आधार पर जमीन अधिग्रहण

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री शहरी विस्तरी करने योजना के तहत अब प्रदेश में एक और नया शहर बनाने की दिशा में तेजी से कदम आगे बढ़ाया जा रहा है. इस परियोजना के तहत 6000 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. किसानों से समझौते के आधार पर जमीन अधिग्रहण किया जाएगा. नया शहर बसाने को लेकर तीन गांव में अनिवार्य जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई है. शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत गोरखपुर विकास प्राधिकरण तेजी से भूमि अधिग्रहण कर रहा है। 85.250 हेक्टेयर (6000 एकड़) जमीन अधिग्रहण की गई है। 

जमीन अधिग्रहण की दिशा में तेजी से काम

गोरखपुर विकास प्राधिकरण, मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत प्रस्तावित नए शहर को बसाने के लिए आवश्यक अधिग्रहण की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। शनिवार को दिल्ली की फर्म एग्रिमा ने सामाजिक समाघात निर्धारण की पहली अधिसूचना जारी की है, जो समझौते के आधार पर भूमि लेने और अनिवार्य अधिग्रहण के लिए है। संस्था यह भी आंकलन करेगी कि परियोजना से व्यावसायिक गतिविधियों में कितना इजाफा होगा, कितने लोगों को रोजगार मिलेगा और क्षेत्र से पलायन को कितनी हद तक रोका जाएगा।

इन गांव में जमीन अधिग्रहण होगा 

गोरखपुर-कुशीनगर रोड पर चौरीचौरा तहसील के माड़ापार गांव में 151.261 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की जाएगी, जबकि सदर तहसील के तकिया मेदनीपुर गांव में 44.076 हेक्टेयर और कोनी गांव में 56.482 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की जाएगी। सामाजिक समाघात अध्ययन की प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि "नया गोरखपुर परियोजना का सामाजिक और आर्थिक प्रभाव संतुलित व सकारात्मक होगा।

मूह अपनी रिपोर्ट शासन को भेजेगा

संस्था की तरफ से नकारात्मक प्रभावों का भी विश्लेषण किया जाएगा और उन्हें कम करने की योजना बनाई जाएगी। मेसर्स एग्रिमा अध्ययन के लिए एक विविध समूह बनाएगी। प्रभावित पंचायतों में से दो प्रधान, दो अर्थशास्त्री, दो समाजशास्त्री और एक तकनीकी सदस्य होंगे। बहुसाखीय समूह की बैठक में प्रस्तुतीकरण के बाद समूह अपनी रिपोर्ट शासन को भेजेगा। 

अधिगृहीत जमीन के लिए मुआवजा देने की प्रक्रिया

धारा 11 को प्रकाशित करने के लिए अनुमति भी शासन से मांगी जाएगी। इसके बाद सूचना जारी की जाएगी, गजट प्रकाशित की जाएगी और मुनादी की जाएगी। अधिसूचित जमीन को इसके बाद कोई काश्तकार नहीं बेच सकेगा और ना ही खरीद सकेगा। पेपर प्रकाशित होने के 60 दिन के भीतर आपत्ति मांगों पर सुनवाई की जाएगी। भूमि का निस्तारण होगा, जिसके बाद धारा 19 का प्रकाशन होगा, जिससे अधिगृहीत जमीन के लिए मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू होगी। नया गोरखपुर छह हजार एकड़ में बसेगा. समझौते और आवश्यक अधिग्रहण से प्राधिकरण को 6000 एकड़ जमीन मिलेगी। 

गुरुकुल सिटी फेज-01 होगा लांच

हाल ही में बोर्ड ने समझौते पर ली गई जमीन पर गुरुकुल टाउनशिप फेज-1 आवासीय योजना का तलपट मानचित्र भी मंजूर किया है।  अब तक, समझौते के अनुसार मानीराम और रहमत नगर में 44.135 हेक्टेयर (109.05 एकड़) और बालापार में 41.115 हेक्टेयर (101.593 एकड़) भूमि दी गई है। यानी कुल 85.250 हेक्टेयर या 210.076 एकड़ जमीन है। काश्तकारों से खरीदी गई लगभग 200 एकड़ जमीन पर कब्जा करने के लिए एक टीम बनाई गई है। प्राधिकरण 126.35 हेक्टेयर (312.23 एकड़) मानीराम और रहमत नगर में गुरुकुल सिटी फेज-01 को लांच करेगा।