Delhi Property Circle Price : दिल्ली में 8 गुना महंगी हुई प्रॉपर्टी, 15 साल बाद बढ़े सर्किल रेट, जानें हर इलाके का रेट
Delhi Property Circle Price : आबादी बढ़ने के साथ-साथ रहने की जगह की किल्लत जमीनों के दाम को आसमान की ओर ले जा रही है. लगभग हर राज्य/केंद्र शासित प्रदेश अपने स्तर पर जमीनों के सरकारी मूल्य को बढ़ा रहा है. इसी कड़ी में नया नाम अब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का जुड़ गया है।
दिल्ली सरकार ने एग्रीकल्चरल लैंड यानी कृषि योग्य भूमि के लिए सर्किल रेट को बढ़ाकर अधिकतम 5 करोड़ रुपये प्रति एकड़ कर दिया है. यह रकम ऐसे सुनने में तो अधिक लगती ही है लेकिन पिछली रकम से तुलना करेंगे तो यह और भी ज्यादा हैरान करने वाली लगेगी. दिल्ली में इससे पहले प्रति एकड़ एग्रीकल्चरल लैंड का अधिकतम सर्किल रेट केवल 53 लाख रुपये था।
इस अंतर की गणना की जाए तो यह वृद्धि पिछली कीमत से 843 फीसदी अधिक है. इस वृद्धि को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंजूरी दे दी है. अतिंम मंजूरी के लिए इसे दिल्ली के उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के पास भेजा जाना है. सर्किल रेट में बढ़ोतरी का आदेश राज्यपाल की मंजूरी के बाद जारी किया जाएगा. दिल्ली की राजस्व मंत्री आतिशी ने 7 अगस्त को कहा था कि अभी तक पूरी दिल्ली में एक ही सर्किल रेट था जिसे बदलकर जिला स्तर पर कर दिया गया है।
15 साल से नहीं बदला सर्किल रेट
आतिशी ने ट्विटर पर बताया कि दिल्ली में 2008 में एग्रीकल्चरल लैंड का सर्किल रेट 2008 से ही 53 लाख रुपये प्रति एकड़ है. उन्होंने कहा कि इसे 15 साल गो गए हैं. अलग-अलग एरिया में अधिकतम रेट भी अलग-अलग है. आतिशी ने ट्विटर से अलग-अलग एरिया के नए सर्किल रेट की जानकारी दी. नई दिल्ली और दक्षिण दिल्ली में यह सबसे अधिक यानी 5 करोड़ रुपये प्रति एकड़ है. वहीं, उत्तरी दिल्ली और दक्षिण पश्चिम दिल्ली में 3 करोड़ रुपये प्रति एकड़ सर्किल रेट रखा गया है. सेंट्रल दिल्ली में प्रति एकड़ सर्किल रेट 2 करोड़ रुपये हो गया है।
किसानों को होगा फायदा
दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के एक अधिकारी ने कहा है कि इससे किसानों को लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि दिल्ली में अब कृषि योग्य जमीन खरीदना महंगा हो जाएगा. दिल्ली में सरकारी कामों, जैसे सड़क निर्माण, भवन निर्माण, स्कूल, अस्पताल व अन्य आधारभूत ढांचों के लिए कृषि योग्य जमीन का अधिग्रहण होता रहता है. किसानों को सर्किल रेट के कारण इसका सही मुआवजा नहीं मिल पाने से अक्सर यह मामला कानूनी पचड़ों में फंस जाता है. सर्किल रेट में इस इजाफे से उम्मीद लगाई जा रही है अब ऐसी परिस्थिति से बचा जा सकेगा।
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