Property Dispute : क्या पत्नी बिना पति की मंजूरी के बेच सकती है प्रॉपर्टी, हाईकोर्ट ने किया साफ
Property Rights : पति-पत्नी के बीच संपत्ति को लेकर लगातार विवाद होते रहते हैं। पति की संपत्ति पर अधिकारों (wife's property rights) का विवाद कभी-कभी गहरा जाता है। हाईकोर्ट ने निर्णय दिया है कि पत्नी पति की सहमति या मंजूरी के बिना संपत्ति बेच सकती है या नहीं। आइये कोर्ट के इस फैसले को जानते हैं।

The Chopal, property Rights : पति-पत्नी के संपत्ति के अधिकारों को लेकर कानून में विभिन्न प्रावधान हैं। पति की संपत्ति पर पत्नी के अधिकार (husband's property rights) और पत्नी की संपत्ति पर पति के अधिकार कभी-कभी चर्चा में आते हैं।
इन मामलों में कानूनों और परिस्थितियों को देखते हुए कोर्ट निर्णय देता है। पति-पत्नी के बीच संपत्ति के एक मामले में हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। इससे स्पष्ट होता है कि पत्नी पति की अनुमति के बिना संपत्ति को बेचने का कितना अधिकार रखती है। अब हर कोई हाईकोर्ट का यह निर्णय चर्चा में है, यह हर महिला को पता होना चाहिए।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस निर्णय को पारित किया:
पति की अनुमति के बिना संपत्ति बेचने के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को भी रद्द कर दिया है। कोर्ट ने इस पर भी स्पष्ट टिप्पणी की है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने निर्णय दिया कि पत्नी को पति की अनुमति के बिना संपत्ति बेचने का अधिकार है, लेकिन वह अपने खुद के नाम पर संपत्ति बेच सकती है।
कलकत्ता हाईकोर्ट (HC decision in property rights) ने एक महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय लिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि पत्नी को अपने जीवन के हर निर्णय में पति की अनुमति लेनी चाहिए, यह जरूरी नहीं है।
कोर्ट ने इसे स्वीकार किया-
साथ ही, हाईकोर्ट ने इस मामले में स्पष्ट टिप्पणी की है। कानून ने कहा कि लैंगिक गैर-बराबरी की मानसिकता बदलने में समय लगेगा। आज का समाज महिलाओं पर पुरुषों का वर्चस्व स्वीकार नहीं करता। महिलाओं को स्वतंत्र निर्णय लेने का अधिकार भी संविधान देता है।
कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पति और पत्नी (पति-पत्नी संपत्ति अधिकार) पढ़े-लिखे और समझदार हैं। पति की अनुमति के बिना पत्नी अपनी संपत्ति बेच सकती है। कोर्ट ने माना कि यह किसी भी तरह क्रूरता के दायरे में नहीं आता है।
ट्रायल कोर्ट ने यह निर्णय सुनाया था:
यह मामला कलकत्ता हाईकोर्ट से पहले ट्रायल कोर्ट में चला गया था। इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने निर्णय दिया कि पत्नी (पत्नी की संपत्ति) की ओर से बेची गई संपत्ति का भुगतान पति करेगा। यह भी सिद्ध हो चुका है, क्योंकि जब संपत्ति ली गई, पत्नी को कोई आय का स्रोत नहीं था।
हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की राय को सही मानते हुए कहा कि भले ही ट्रायल कोर्ट की बात सही हो, फिर भी पत्नी के नाम पर संपत्ति है। इसलिए वह पति की अनुमति के बिना उसे कभी भी बेच सकती है।
हाई कोर्ट ने डिक्री को रद्द कर दिया—
पति-पत्नी के बीच संपत्ति से जुड़े मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश और तलाक की डिक्री को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने निर्णय दिया कि ट्रायल कोर्ट का आदेश और डिक्री जारी नहीं किया जा सकता है। याद रखें कि ट्रायल कोर्ट ने पति के पक्ष में फैसला दिया था, लेकिन महिला ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।