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Property Document: प्रॉपर्टी खरीदने वालों के लिए जरूरी कागजात की लिस्ट, वरना काटेंगे कोर्ट कचहरी के चक्कर

Property Papers : वर्तमान में संपत्ति की कीमतों में वृद्धि के कारण लोगों के लिए संपत्ति खरीदना काफी कठिन हो रहा है। ऐसी संपत्ति खरीदते समय, आपको कुछ आवश्यक दस्तावेजों की जांच करनी चाहिए। क्योंकि एक छोटी सी गलती से कई महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है और कोर्ट-कचहरी के चक्कर भी लग सकते हैं। इस विषय पर पूरी जानकारी के लिए खबर पढ़ें।

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The Chopal, Property Buying Tips : अब यह प्रॉपर्टी जीवन के सबसे महंगे उत्पादों में से एक है। इसलिए संपत्ति खरीदते समय हर कदम की पुष्टि करना आवश्यक है। प्रॉपर्टी खरीदते समय आपको धोखा देने या मुश्किलों में डालने से बचने के लिए संपत्ति से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जांच करना बहुत जरूरी है।

इन बातों का ध्यान रखें:

धोखाधड़ी और ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। नई संपत्ति खरीदते समय आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि ठगी और धोखाधड़ी से बच सकें। यदि आप अच्छी लोकेशन, पूर्ण और सही दस्तावेज, विक्रेता की जानकारी और संपत्ति पर कोई विवाद नहीं है, तो भविष्य में संपत्ति का अच्छा मूल्य मिल सकता है। आपको इन संपत्तियों की पूरी जांच करनी चाहिए, चाहे वह फ्लैट, मकान या जमीन हो।

धोखाधड़ी से बचने के लिए इन कदमों का पालन करें:

कानूनी जांच और कानूनी जानकारों से यह पता लगाया जा सकता है कि किसी जमीन पर कानूनी विवाद है या नहीं। यदि आप किसी परियोजना में फ्लैट या घर खरीद रहे हैं, तो आपको प्रोजेक्ट रेरा (RERA) में रजिस्टर कराना चाहिए। RERA एक रियल एस्टेट कानून है जिसका उद्देश्य लोगों और उनके धन को धोखाधड़ी से बचाना है। RERA अधिनियम, 2016 भी इसके लिए उपलब्ध है।

इन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:

प्रॉपर्टी नाम:

ताकि आप किसी प्रकार की धोखाधड़ी का शिकार न हों, किसी भी प्रॉपर्टी के विक्रेता के टाइटल और मालिकाना हक (property rights) को पहले सत्यापित करना चाहिए।

केंद्रीय विवरण:

केंद्रीय दस्तावेज से आप यह जान सकते हैं कि किसी संपत्ति को किसने खरीदा है और कितनी बार बेचा गया है। यह दस्तावेज संपत्ति का इतिहास बताता है। इसे प्रॉपर्टी डील (sale deed) में देखा जा सकता है।

कन्वेंशन सर्टिफिकेट:

इस दस्तावेज (Encumbrance Certificate) में संपत्ति पर मोर्टगेज, संपत्ति पर लोन या कोई बकाया टैक्स की जानकारी मिलती है। यदि संपत्ति पर कोई पेनाल्टी है तो इस दस्तावेज से भी जानकारी मिल सकती है। रजिस्ट्रार के कार्यालय में फॉर्म नंबर 22 भरकर अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है। बिल्डर से नौकरी का सर्टिफिकेट भी लेना अनिवार्य है।

पजेशन पत्र:

बिल्डर या डेवलपर प्रॉपर्टी खरीददार को पजेशन लेटर देता है। इसमें प्रॉपर्टी पर कब्जे की तारीख (property possession letter) स्पष्ट रूप से लिखी गई है। इसलिए इसकी जांच करनी चाहिए। जानकारी के लिए, होम लोन के लिए इसकी मूल प्रति की आवश्यकता होती है। वैसे, प्रॉपर्टी पर कब्जे (property possession) के लिए पजेशन लेटर काफी नहीं होता; यह लोन की आवश्यक प्रक्रिया के तहत मांगा जाता है।

प्रॉपर्टी टैक्स रिपोर्ट:

खरीदार को किसी संपत्ति पर प्रॉपर्टी टैक्स बकाया हो सकता है। इसे न चुकाने से संपत्ति पर शुल्क लगता है, जो संपत्ति की मार्केट वैल्यू पर असर डालता है। खरीदार को स्थानीय म्युनिसिपल अथॉरिटी में जाकर इस बारे में पता लगाना चाहिए। आपको साफ पता चल जाएगा यदि विक्रेता ने प्रॉपर्टी टैक्स में कोई डिफॉल्ट किया है।

योग्यता बिल और कार अलॉटमेंट लेटर:

संपत्ति खरीदते समय यूटिलिटी बिल और कार अलॉटमेंट लेटर की जांच और चेक करनी चाहिए। कार अलॉटमेंट लेटर में कार पार्किंग की जानकारी दी जाती है।

रेसिडेंट हेल्थ से NOC:

यदि आप प्रॉपर्टी NOC नियमों (property NOC rules) को डीलर से ले रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि रेसिडेंट वेलफेयर से NOC मिली है या नहीं। इससे आप बिल्डिंग में धोखाधड़ी से बच सकते हैं।

राज्य कानून:

भूमि को लेकर विभिन्न राज्यों में अलग-अलग कानून हैं। इनके बारे में अवश्य जानना चाहिए। गैर कृषि उद्देश्यों के लिए संपत्ति का रूपांतरण करने के नियम बहुत महत्वपूर्ण हैं। कई राज्यों में गैर किसानों को खेती की भूमि नहीं दी जाती है। भूमि खरीदने के लिए बाहरी राज्यों के लोगों के लिए कई कानून हैं। इसलिए इसकी जांच करना आवश्यक है।

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