The Chopal

Property Documents : एक जमीन की हो सकती है कई रजिस्ट्री, लेकिन इस दस्तावेज से बनेंगे असली मालिक

Property Registry Rule : आजकल धोखाधड़ी के मामले बढ़ने से सिर्फ रजिस्ट्री पर भरोसा करना सुरक्षित नहीं है, हालांकि रजिस्ट्री मकानों, दुकानों या जमीनों पर मालिकाना हक का सबूत है। जब एक ही जमीन को दो या तीन बार रजिस्ट्री दी जाती है, तो कानूनी विवाद पैदा हो सकता है। यही कारण है कि जमीन या घर खरीदने का विचार कर रहे हैं तो सिर्फ रजिस्ट्री पर भरोसा मत करो। प्रॉपर्टी से जुड़े इन दस्तावेजों को अवश्य देखें। 

   Follow Us On   follow Us on
Property Documents : एक जमीन की हो सकती है कई रजिस्ट्री, लेकिन इस दस्तावेज से बनेंगे असली मालिक 

The Chopal, Property Registry Rule : भारत में, जहां कानूनी जटिलताएं और धोखाधड़ी के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जमीन या मकान खरीदना एक महत्वपूर्ण निर्णय है। आजकल एक ही जगह पर दो-दो या तीन-तीन रजिस्ट्रियां होना आम है। जब ऐसी धोखाधड़ी होती है, व्यक्ति को कोर्ट के चक्कर काटने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहता। ऐसे में, मकान या जमीन खरीदने से पहले सभी संपत्ति दस्तावेजों की पूरी तरह से जांच करना बेहतर होगा।

लोगों का मानना है कि रजिस्ट्री ही जमीन के वैध दस्तावेज है। लेकिन इसी रजिस्ट्री में सबसे अधिक धोखाधड़ी होती है। हम इस लेख में आपको कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देंगे, जिससे आप तुरंत पता कर सकते हैं कि कोई जगह कितने व्यक्तियों के नाम पर रजिस्टर्ड है। यदि आप या आपका कोई परिचित जमीन या घर खरीदने की योजना बनाते हैं, तो उन्हें किन दस्तावेजों की जांच करनी चाहिए, ताकि वे इस तरह की धोखाधड़ी से बच सकें, इसका ध्यान रखना महत्वपूर्ण है।

एक ही जमीन पर दो से अधिक रजिस्ट्री कैसे होती हैं?

शहरों और गांवों में जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया अलग है। गांवों की तुलना में शहरों में फर्जी रजिस्ट्री के मामले कम हैं। शहरों में, विक्रेता अक्सर एक बड़े भूखंड को खरीदकर उसे छोटे-छोटे प्लॉट्स में विभाजित करते हैं। यही धोखाधड़ी का खेल है। इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहना बहुत महत्वपूर्ण है।

जब प्लॉट बेचने के बाद विक्रेता ने खरीदार के नाम दाखिल खारिज नहीं करवाया, यह फर्जी रजिस्ट्री का मामला है। यानी, रजिस्ट्री हो जाती है, लेकिन पुराने मालिक का ही नाम खतौनी में दर्ज रहता है। विक्रेता इसका फायदा उठाकर वही जमीन फिर से किसी और को बेच सकता है। एक ही जमीन पर कई लोगों की रजिस्ट्री करने के लिए यह प्रक्रिया कई बार दोहराई जा सकती है।

भ्रष्टाचार कैसे होता है?

जमीन की रजिस्ट्री करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण कार्य नामंतरण है। यह कार्य रजिस्ट्री के दो से तीन महीने के भीतर पूरा होना चाहिए। असल में, इसी दौरान सारा फर्जीवाड़ा होता है। पुराने मालिक का नाम ही खतौनी में दर्ज रहता है अगर पहले खरीदार ने जमीन का नामांतरण नहीं कराया होता। इसलिए विक्रेता फिर से वही जगह बेच सकता है।

यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है जब तक कि कोई बुद्धिमान खरीदार खतौनी और दाखिल खारिज की प्रक्रिया पूरी नहीं कर लेता। जमीन के कई हिस्से कई लोगों को बेचे जा सकते हैं जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं होती। इस बीच, विक्रेता कई लोगों से पैसा वसूल लेता है और खरीदारों के पास कोर्ट के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं है।

जमीन खरीदने से पहले क्या देखना चाहिए?

भूमि खरीदते समय कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जांच करना महत्वपूर्ण है। पहला कदम है उस जमीन के खतौनी की जांच करना। खतौनी एक लिखित दस्तावेज है जिसमें जमीन के असली मालिक का नाम और उसकी स्थिति बताई जाती है। खतौनी की जानकारी पहले राजस्व विभाग के कार्यालय में मिलती थी, लेकिन अब यह ऑनलाइन किया जाता है। खतौनी की जानकारी राज्य भू-अभिलेख वेबसाइट पर आसानी से मिल सकती है।

जमीन खरीदने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातें याद रखनी चाहिए:

गाटा संख्या देखें: हर जगह जमीन पर एक गाटा संख्या है। यह संख्या उस जगह का नाम बताती है। जब कोई बिल्डर एक बड़ी जमीन खरीदता है और उसे छोटे-छोटे प्लॉट्स (plots) में बाँटता है, तो भी पूरे भूखंड की गाटा संख्या एक ही रहती है। यानी भले ही प्लॉट्स की संख्या अलग हो, गाटा की संख्या वही रहती है। उस गाटा संख्या के आधार पर पहले खतौनी की जांच करनी चाहिए।

खतौनी की जांच: खतौनी की जांच करने के बाद पता लगाना चाहिए कि क्या पहले किसी और को जमीन बेची गई है या नहीं। रजिस्ट्रार ऑफिस में इसकी जांच की जा सकती है। उसकी जानकारी आपको मिल जाएगी अगर उसकी संपत्ति पहले से किसी और के नाम पर दर्ज है।

दर्ज करने की प्रक्रिया: रजिस्ट्री कराने के बाद किसी भी जमीन का नामंतरण या दाखिल खारिज करना अनिवार्य है। इससे आपने जो जमीन खरीदी है, उसके खतौनी में आपका नाम दर्ज हो जाएगा, जिससे कोई भी उस जमीन पर कोई और दावा नहीं कर सकेगा।

अधिकार सूची: जमीन खरीदते समय, विक्रेता से जमीन के अधिकार संबंधी दस्तावेजों की पूरी जानकारी जरूर पूछें। यह दस्तावेज बताता है कि क्या विक्रेता को उस जमीन को बेचने का कानूनी अधिकार है। जमीन खरीदना जोखिमपूर्ण हो सकता है अगर इस दस्तावेज नहीं है।

बिल्डर की साख को देखें: किसी बिल्डर से जमीन या घर खरीदते समय उसकी साख की जांच करना आवश्यक है। आपको पता लगाना चाहिए कि क्या बिल्डर के खिलाफ पहले कोई धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है या नहीं। इसके लिए आप पुराने खरीदारों से बात कर सकते हैं या ऑनलाइन रिव्यूज और फीडबैक देख सकते हैं।