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Property Knowledge : रजिस्ट्री और पट्टा में क्या फर्क होता है? संपत्ति खरीद से पहले समझें ये जरुरी पॉइंट

यदि आप किसी भी तरह की संपत्ति खरीदने पर विचार कर रहे हैं तो सबसे पहले आपको पट्टा और रजिस्ट्री के बारे में समझना बेहद जरूरी है. क्योंकि जमीन का पट्टा विभिन्न प्रकार का होता है यह एक ऐसी जमीन है जिसका मालिकाना हक केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार के पास रहता है.
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Property Knowledge : रजिस्ट्री और पट्टा में क्या फर्क होता है? संपत्ति खरीद से पहले समझें ये जरुरी पॉइंट
Difference between registry and lease : किसी भी प्रकार की संपत्ति लेने से पहले पट्टा और रजिस्ट्री शब्द के बारे में आपको जानना बेहद जरूरी है. कई बार जानकारी न होने के कारण लोग ऐसी जमीन खरीद लेते हैं जिसके बाद उन्हें पछतावा होता है. संपत्ति में घर मकान दुकान या जमीन खरीद करने से पहले पूरी जानकारी आपको होना अनिवार्य है.

जमीन को जांच परख कर खरीदने के बाद यह संशय बिल्कुल खत्म हो जाता है कि आपके साथ किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी हो रही है. जमीन 3 तरह के कागजात वाली होती है जिसमें पट्टे की जमीन को लेकर संशय आमतौर पर बना रहता है. बाकी 2 जमीन रजिस्ट्री और नोटरी वाली होती है जिन्हें खरीदने में उतना दर अथवा संशय नहीं रहता है. इन तीन प्रकार की जमीनों के बारे में विस्तार से बातचीत करेंगे.

वे लोग जो जमीन खरीद बिक्री का काम करते है उन्हें यह ज्ञात होता है कि पट्टे वाली जमीन क्या होती है या फिर उन लोगों को मालूम होता है जिन्हें पट्टे पर जमीन मिली होती है. किसी भी प्रकार की संपत्ति लेने से पहले पट्टा और रजिस्ट्री शब्द के बारे में आपको जानना बेहद जरूरी है. कई बार जानकारी न होने के कारण लोग ऐसी जमीन खरीद लेते हैं जिसके बाद उन्हें पछतावा होता है. संपत्ति में घर मकान दुकान या जमीन खरीद करने से पहले पूरी जानकारी आपको होना अनिवार्य है.

जमीन को जांच परख कर खरीदने के बाद यह संशय बिल्कुल खत्म हो जाता है कि आपके साथ किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी हो रही है. जमीन 3 तरह के कागजात वाली होती है जिसमें पट्टे की जमीन को लेकर संशय आमतौर पर बना रहता है. बाकी 2 जमीन रजिस्ट्री और नोटरी वाली होती है जिन्हें खरीदने में उतना दर अथवा संशय नहीं रहता है. इन तीन प्रकार की जमीनों के बारे में विस्तार से बातचीत करेंगे.

वे लोग जो जमीन खरीद बिक्री का काम करते है उन्हें यह ज्ञात होता है कि पट्टे वाली जमीन क्या होती है या फिर उन लोगों को मालूम होता है जिन्हें पट्टे पर जमीन मिली होती है. पत्ते वाली जमीन की मालिक सरकार होती है परंतु जिस पट्टे पर जमीन मिलती है वह अपने तरीके से इस्तेमाल कर सकता है.

पट्टे वाली जमीन का मालिक कौन?

सरकार की तरफ से विभिन्न प्रकार की नई योजनाओं के मुताबिक लोगों को पट्टा दिया जाता है. सरकार द्वारा पट्टे पर उपलब्ध करवाई गई जमीन के अंतर्गत भूमिहीन परिवारों को थोड़ी सहायता प्रदान की जाती है. पट्टे वाली जमीन पर किसी भी विशेष व्यक्ति का कोई अधिकार नहीं होता. इस पर केवल सरकार का अधिकार होता है. सरकार किसी भी उद्देश्य की पूर्ति के लिए जमीन गरीब परिवारों को पट्टे पर उपलब्ध करवाती है. लेकिन जमीन की असली मालिक सरकार ही होती है.

पट्टा पर दी गई जमीन सरकार द्वारा बनाई अलग-अलग नियम होते हैं. यह जमीन किसी अन्य व्यक्ति को नहीं बेची जा सकती और ना ही जमीन को ट्रांसफर किया जा सकता. सरकार द्वारा निर्धारित मापदडों एवं शर्तों के मुताबिक पता स्थानीय निकाय द्वारा जारी किया जाता है. पट्टे कई तरह के होते हैं जिसकी अवधि सरकार द्वारा नियमों के अनुसार होती.

रजिस्ट्री वाली जमीन कौन सी होती है?

जमीन की रजिस्ट्री होने पर विक्रेता को अपनी संपत्ति ट्रांसफर करने या फिर बेचने का अधिकार मिलता है. रजिस्ट्री में विक्रेता और खरीदार दोनों को शामिल किया जाता है और रजिस्ट्री में गवाह की भी जरूरत होती है. रजिस्ट्री होने के पश्चात मरम्मत और रखरखाव की जिम्मेदारी खरीदार पर आ जाती है. और किसी भी अन्य व्यक्ति का उसे संपत्ति पर हक नहीं होता.

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