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property occupied : दस बार सोचेगा आपकी जमीन कब्जाने वाला, बस शुरू से ही कर दे ये काम

How to remove illegal possession in india : भूमि अधिग्रहण के मामले हर दिन बढ़ते जा रहे हैं।  कब्जे से जुड़े बहुत से केस कोर्ट में पड़े हुए हैं।  यदि आपकी जमीन भी किसी ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है, तो आज की स्कोर में हम आपको बताने जा रहे हैं उन नियमों के बारे में जिन्हें अपनाने के बाद आपकी जमीन पर कब्जा करने वाला व्यक्ति दस बार सोचेगा।  खबर में संपत्ति के नियमों के बारे में अधिक जानें।

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दस बार सोचेगा आपकी जमीन कब्जाने वाला, बस शुरू से ही कर दे ये काम

The Chopal, property occupied : भूमि अधिग्रहण के मामले पिछले कुछ वर्षों से लगातार बढ़ रहे हैं।  ऑनलाइन संपत्ति रिकॉर्डिंग के बाद कई जगहों पर इस समस्या का समाधान भी हुआ है, लेकिन अवैध कब्जे के मामले हर दिन सामने आ रहे हैं।

अगर कोई आपकी संपत्ति पर अवैध कब्जा कर लेता है, तो उससे लड़ना सही नहीं होगा क्योंकि और भी आसान तरीके हैं जिससे आप इसे वापस पा सकते हैं।

सरकारी तंत्र अवैध कब्जे से जुड़े मामले में खुद मदद करता है, लेकिन बहुत से लोगों को इस बारे में पूरी जानकारी नहीं है।  यदि आप इसे जान लेंगे, तो आप खुद को कभी ऐसी परेशानियों में नहीं डाल देंगे और दूसरों को भी इस तरह की परेशानियों से बचाएँगे।

पीड़ित को बताना चाहिए कि वह सिविल या आपराधिक मुकदमे दर्ज करने का विकल्प रखता है।  हिंसा से देर भली है, हालांकि कानूनी प्रक्रिया कुछ लंबी हो सकती है। 

आज हम प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जे को हटाने के लिए लागू किए जाने वाले कुछ कानूनों के बारे में बता रहे हैं।  इसकी पहली तीन धाराएं आपराधिक कानून (criminal law) से संबंधित हैं, जबकि अंतिम धारा सिविल कानून से संबंधित है।

IPC की अनुच्छेद 420

यह धारा काफी चर्चा में है।  धोखाधड़ी के कई मामलों में इसका इस्तेमाल किया जाता है।  ये कानून लागू किए जा सकते हैं अगर बलपूर्वक किसी व्यक्ति को उसकी संपत्ति से हटाया गया है।  इसे पीड़ित व्यक्ति को पहले इस्तेमाल करना चाहिए।

IPC की अनुच्छेद 406

यह कानून तब लागू होता है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति का विश्वास पात्र बनकर उसकी संपत्ति (property news) में चोट करता है।  इसे संगीन अपराध भी कहा जाता है।  इस धारा के तहत पीड़ित व्यक्ति अपने निकटतम पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कर सकता है।

कानून 467

यह कानून लागू होता है अगर फर्जी संपत्ति दस्तावेजों (property documents) से संपत्ति चुरा ली जाती है।  कूटरचना कानून भी इसका नाम है।  इसमें कूटनीति का उपयोग करके फर्जी दस्तावेज बनाकर संपत्ति हथियाने के मामले को हल किया जाता है।

स्पेसिफिक रिलीफ अधिनियम

ये सिविल नियम है।  इसका उपयोग विशिष्ट परिस्थितियों में किया जाता है।  विशेष राहत अधिनियम में कोई फर्जी दस्तावेज नहीं बनाया जाता है और इसमें कोई धोखाधड़ी भी नहीं होती।  आरोपी सिर्फ पीड़ित की संपत्ति पर जबरन कब्जा करता है। 

धारा 6 पीड़ित को जल्दी और सुविधाजनक न्याय देने की कोशिश करता है।  हालाँकि, इस कानून में एक पेंच है कि गिरफ्तार होने के छह महीने के अंदर ही मुकदमा दर्ज करना चाहिए।  दूसरा पेंच यह है कि आप इसके तहत सरकार पर मुकदमा नहीं कर सकते।

आप इनमें से किसी का भी उपयोग कर सकते हैं।  यदि आप गलत नहीं हैं, तो सरकार आपकी मदद करेगी और आपको जमीन या संपत्ति मिलेगी।  इस तरह के मामलों में आपको भी पेशेवर वकील से परामर्श लेना चाहिए।

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