Property Rate : मकान बनाना हुआ 30 फीसदी महंगा, जाने दिल्ली-NCR में क्या हाल हैं
Property Rate : अपना मकान बनाने का सपना कौन नहीं देखता। दिल्ली-NCR, मुंबई, पुणे, नोएडा, गाजियाबाद जैसे शहरों में मकान का किराये में बढ़ोतरी हुई हैं। किराया तेजी से चढ़ा रहा हैं इसलिए लोगों की पहली पसंद अपने मकान खरीदने का हैं। जितना किराया देते हीं उस से तो अच्छा अपने मकान की ईएमआई देकर अपना घर खरीद सकते हैं। यही वजह हैं की अब मकान की कीमतों में भारी उछाल आया हैं।
The Chopal : अपना मकान बनाने का सपना कौन नहीं देखता। दिल्ली-NCR, मुंबई, पुणे, नोएडा, गाजियाबाद जैसे शहरों में मकान का किराये में बढ़ोतरी हुई हैं। व घर बनाना महंगा हो रहा है। कोरोना काल समाप्त होने के बाद घर बनाने की लागत बढ़ने से यह महंगा हुआ। हाल ही में एक रिपोर्ट आई है जिसमें बताया गया है कि देश के शीर्ष 13 प्रॉपर्टी मार्केट में निर्माणाधीन आवासीय परियोजनाओं की कीमतें 30% से अधिक बढ़ गई हैं। मांग में वृद्धि ने मकान की कीमतों में वृद्धि की है। यह आंकड़ा जनवरी से मार्च तक का है।
मकान की कीमत कितनी बढ़ी
मैजिकब्रिक्स के प्रॉपइंडेक्स रिपोर्ट के अनुसार, इस साल की पहली तिमाही में मकान की कीमतें 30.6% बढ़ी हैं, यानी जनवरी से मार्च के बीच। वास्तव में, कोरोना काल खत्म होने के बाद कार्यालय पूरी तरह से खुल गए हैं। लोगों को अपने गाँव छोड़कर वापस शहर लौटना पड़ा है। किराया अचानक बढ़ गया क्योंकि मकान की मांग बढ़ी। किराया बढ़ने से लोगों ने सोचा कि मकान खरीदने के लिए अधिकतम ईएमआई देना चाहिए। इसलिए घर की कीमत अचानक बढ़ी।
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कहां कितनी बढ़ी कीमतें
मैजिकब्रिक्स की नवीनतम प्रॉपइंडेक्स रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष की पहली तिमाही में निर्माणाधीन संपत्ति की मांग 7.8% बढ़ी। इससे इनकी कीमतें 1.7% बढ़ी। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 7.1% की तिमाही मूल्य वृद्धि हुई। जबकि मुंबई और बेंगलुरु में 5.7% की मूल्यवृद्धि हुई।
खरीदार की पहली पसंद रेडी टू मूव मकान
मैजिकब्रिक्स के रिसर्च हेड अभिषेक भद्रा का कहना है कि इस समय लोगों की पसंद रेडी टू मूव घर है, न कि अंडर कंस्ट्रक्शन घर। उससे पहले भी लोग अंडर कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट पर भरोसा करते थे। 2023 में मकान की कीमतें भी बढ़ी थीं।
अब छोटे मकानों की मांग बढ़ी
वर्तमान समय में घर खरीदना महंगा हो रहा है, इसलिए 3 बीएचके फ्लैट या छोटे घर की मांग अधिक है। पिछले वर्ष अक्टूबर से दिसंबर की तिमाही में दो कमरों वाले फ्लैट की हिस्सेदारी 32 % थी। अब यह 42% हो गया है। मतलब, छोटे फ्लैट खरीदना शुरू कर दिया क्योंकि उनके दायरे में बड़े फ्लैट नहीं थे।
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