Property Registry : जमीन की रजिस्ट्री कराने से पहले समझ लें काम की बात, मिलेगा ये बड़ा फायदा

The Chopal (New Delhi) : घर या जमीन खरीदने से पहले बहुत महत्वपूर्ण है, बजट बनाना । रजिस्ट्री बजट का सबसे अधिक खर्च करती है। यदि आप भी घर या जमीन की रजिस्ट्री कराने की योजना बना रहे हैं, तो आपको कुछ जरूरी बातें जाननी चाहिए। भूमि या घर की रजिस्ट्री करते समय प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन शुल्क को कम करने के कुछ उपाय मैं आपको बताता हूँ।
अटॉर्नी बल की जांच करें
पॉवर ऑफ अटॉर्नी अक्सर जमीन या संपत्ति की बिक्री करता है, इसलिए धोखाधड़ी का सबसे अधिक चांस है। फाइनेंस एक्सपर्ट रिया उप्रेती ने कहा कि आपको पॉवर ऑफ अटॉर्नी में बताई गई वही संपत्ति बेची जा रही है। भूमि से जुड़े सभी दस्तावेजों को भी देखना चाहिए।
मार्केट मूल्य पर रजिस्ट्री शुल्क लगाएं
सर्किल रेट अधिक होने पर किसी संपत्ति की मार्केट वैल्यू कम होती है। स्टांप ड्यूटी पर खर्च को बचाने के लिए आप रजिस्ट्रार या सभी रजिस्ट्रार से अपील कर सकते हैं। इसे जमीन स्टांप एक्ट के तहत लागू किया गया है। रजिस्ट्रार या सभी रजिस्ट्रार आपके मामले को डीसी के पास भेजता है, जो मार्केट वैल्यू के आधार पर स्टांप ड्यूटी निर्धारित करता है, और अगर आप एक खरीदार हैं, तो आपको स्टांप ड्यूटी में बचत मिलेगी।
महिला खरीदारों को रिबेट का मूल्य
कई राज्य स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट देते हैं अगर एक महिला जॉइंट या सिंगल परचेज में संपत्ति खरीदती है। इन राज्यों में हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश भी शामिल हैं। दिल्ली सरकार ने कहा कि पुरुषों के नाम पर जमीन रजिस्टर करने पर छह प्रतिशत और महिलाओं के नाम पर चार प्रतिशत चार्ज लगेगा। इसके साथ ही, साल में रेजिडेंशियल संपत्ति के रजिस्ट्रेशन पर होने वाले खर्च पर अधिक से अधिक 1.5 लाख रुपये टैक्स बच सकते हैं।
जमीन की रजिस्ट्री करने से पहले आपको ये सभी बातें जानना चाहिए। साथ ही, कमेंट बॉक्स में इस लेख पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें। यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें। हर समय इस तरह के लेखों को पढ़ने के लिए अपनी वेबसाइट पर जुड़े रहें।
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