R Thyagarajan : रातोंरात कर्मचारियों को बना दिया लखपति, बिजनेसमैन ने दान किये 6200 करोड़ रुपये, जाने

The Chopal - श्रीराम ग्रुप के संस्थापक राममूर्ति त्यागराजन ने 6000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति दान कर दी है। त्यागराजन ने कहा कि उन्होंने अपना छोटा सा घर और चार लाख रुपये की की कार छोड़कर बाकी सारी संपत्ति अपने कर्मचारियों के लिए एक ट्रस्ट में दी है। 86 वर्षीय त्यागराजन ने कहा, "मैंने 750 मिलियन डॉलर (करीब 6,210 करोड़ रुपए) की संपत्ति श्रीराम ओनरशिप ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दी है।" उन्होंने अपनी संपत्ति को कब दान किया है, इसका खुलासा नहीं किया है।
ये भी पढ़ें - MP Railway : एमपी की नई रेलवे लाइन बिछाने का काम हुआ शुरू, दिसंबर तक पूरा होगा जाएगा निर्माण
कंपनी इस वर्ष शुरू हुई थी
ब्राह्मण उद्योगपति आर. त्यागराजन चेन्नई स्थित श्रीराम ग्रुप के संस्थापक हैं, जिसमें एवीएस राजा और टी. जयरमन भी शामिल हैं। उन्होंने 25 अगस्त 1937 को चेन्नई (उस समय मद्रास) में जन्म लिया था। इस टीम की स्थापना 5 अप्रैल 1974 को चेन्नई में आर त्यागराजन, एवीएस राजा और टी. जयारमन ने की थी। ग्रुप ने चिट फंड बिजनेस से शुरूआत की, फिर लोन और इंश्योरेंस बिजनेस में प्रवेश किया। दासता ने कम आय वाले लोगों को लोन देकर अपना साम्राज्य बनाया है।
ये भी पढ़ें - Google Pixel 8 Pro की फोटो हुई लीक, जाने क्या हैं मामला
लाखों लोगों को मिला इस कंपनी से रोजगार
श्रीराम राम के इस ग्रप में करीब 1,08,000 लोग काम करते हैं। उनकी कंपनी ट्रकों, ट्रैक्टरों और अन्य वाहनों के लिए समाज के गरीब वर्ग को ऋण देने में अग्रणी है। त्यागराजन ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने यह कंपनी इसलिए खोली थी कि बिना क्रेडिट इतिहास वाले लोगों को पैसा उधार लेने में दिक्कत में न आए। प्रमुख कंपनी श्रीराम फाइनेंस लिमिटेड(Shriram Finance Limited) का बाजार मूल्य लगभग 8.5 बिलियन डॉलर है। जून तिमाही में इसका मुनाफा करीब 200 मिलियन डॉलर रहा।
ये भी पढ़ें- लव राशिफल 01 सितंबर 2023: प्रेमी या जीवन साथी के साथ कैसा रहेगा दिन
इसलिए खोली थी कंपनी
एक साक्षात्कार में त्यागराजन ने कहा- मैं थोड़ा वामपंथी हूं, लेकिन मैं उन लोगों की जिंदगी से कुछ थोड़ी परेशानी कम करना चाहता हूं, जो संघर्ष कर रहे हैं। त्यागराजन ने ये भी कहा कि मैं वित्तीय सेवाओं के कारोबार में ये साबित करने के लिए आया हूं कि बिना क्रेडिट हिस्ट्री और रेगुलर इनकम वाले लोगों को भी लोन देना उतना जोखिम भरा नहीं है, जितना आमतौर पर समझा जाता है।