रेल यात्रा अब और हुई महंगी, 5 साल बाद बढ़ गई कुलियों की मजदूरी
The Chopal (Indian Railway) : कुलियों की सुविधा बढ़ाने के बाद रेलवे बोर्ड ने मेहनताना बढ़ाने का आदेश दिया है। कुलियों की सामान ढोने की दर में इजाफा करने की पुरानी मांग बढ़ती मंहगाई को देखते हुए थी। इसके अलावा, वे रेल कर्मचारियों की तरह पहले से ही कई सुविधाओं से लाभ उठाते हैं।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लगभग पांच साल बाद कुलियों की सामान ढोने की दरें बढ़ाई गई हैं। रेलवे बोर्ड के आदेश के बाद इसे रायपुर डिविजन में लागू किया गया है। बोर्ड ने कहा कि इसे पूरे देश के सभी 68 डिविजनों में लागू किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि जोनल रेलवे के महाप्रबंधक को कुली की दरों की समीक्षा कर तर्कसंगत बनाने का अधिकार होगा।
यह नई दरें हैं
रेल अधिकारी ने बताया कि 40 किलो से अधिक वजन वाले यात्रियों को 250 के बजाए 340 रुपये देने होंगे। वहीं, व्हील चेयर पर बुर्जग बीमार को लाने के लिए 130 के बजाय 180 रुपये देना होगा। बीमार व्यक्ति को स्ट्रेचर पर लेने के लिए 200 रुपये की जगह 270 रुपये देना होगा। देश के सबसे बड़े रेलवे स्टेशनों (A1 और A श्रेणी) पर कुली की उक्त दरें लागू होंगी। वहीं छोटे रेलवे स्टेशनों पर दरें कुछ कम होंगी। रेल यात्री स्टेशन मास्टर से शिकायत कर सकते हैं अगर वे तय दर से अधिक पैसे मांगते हैं। कुली दरों में इजाफा होने से उनको आर्थिक लाभ होगा, अधिकारी ने कहा।
कुलियों को यह सुविधा मिली है
कई साल पहले, रेलवे बोर्ड ने कुलियों को चिकित्सा, पढ़ाई, ट्रेन में पास और अन्य सुविधाएं मुफ्त में दीं. यह सामाजिक सुरक्षा का एक उपाय था। रेलवे अस्पतालों में कुली और उनके परिवार को निशुल्क इलाज दिया जाएगा। इससे प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना कार्ड धारक इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। इसके अलावा, कुलियों को हर साल एक गर्म शर्ट और तीन लाल शर्ट मिलते हैं। साथ ही, उन्हें हर साल पास और प्रिविलेज टिकट आदेश (पीटीओ) मिलेगा। कुलियों को स्टेशनों पर ही रेस्ट रूम मिलता है। इनमें टीवी, आरओ वाटर और बेड जैसे आवश्यक सुविधाएं होंगी। रेलवे स्कूल में उनके बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाती है।
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