Railway: जनरल टिकट लेकर स्लीपर डिब्बे में किया जा सकता है सफर या नहीं? जानिए

Indian Railway : भारत में लोगों द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने का सबसे सस्ता तरीका भारतीय रेलवे है। जिसके चलते लाखों लोग अपना सफर ट्रेन से करते हैं। ट्रेन में ज्यादा भीड़ होने के कारण लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। जिसे देखते हुए भारतीय रेलवे ने सीटों सीटों का किराया अलग-अलग कर दिया है। जिसके अंतर्गत सबसे सस्ता विकल्प जनरल डिब्बा है। जिसमें आप रेल टिकट काउंटर से टिकट खरीदकर तुरंत सफर कर सकते हैं। यात्री अक्सर जनरल डिब्बे का टिकट लेकर स्लीपर बोगी में चढ़ते हैं, जिनके पकड़े जाने पर भारी जुर्माना देना होगा। इसके अलावा हम आपको बताएंगे कि जनरल टिकट पर स्लीपर क्लास में जाने पर कितना जुर्माना देना होगा, चलिए जानते हैं
जानें क्या कहता है, भारतीय रेलवे का नियम?
जनरल टिकट यात्रियों को भारतीय रेलवे से स्लीपर डिब्बे में सफर करने की अनुमति मिलती है, लेकिन इसके पीछे कई शर्तें हैं। 1989 के रेलवे अधिनियम के अनुसार, यात्रा की दूरी 199 किलोमीटर या उससे कम हो तो टिकट 3 घंटे तक वैलिड रहता है।
यात्री पकड़े जाने पर करवाना होगा, यह काम
यदि टीटीई यात्री को इस स्थिति में पकड़ ले तो वह दोनों केटेगरी टिकटों के बीच की क़ीमत लेकर स्लीपर क्लास का टिकट बना सकता है। अगर सीट ही नहीं है, तो अगले स्टेशन तक जाना भी संभव है।
इतना देना होगा, जुर्माना
ऐसा होने पर भी अगर यात्री स्लीपर कोच में सफर करता है, तो उसे 250 रुपये का जुर्माना देना होगा। टीटीई यात्री को चालान बनाकर कोर्ट में जमा करने को कहा जाएगा अगर वे जुर्माना नहीं दे पाते।
स्लीपर क्लास में सफर, करने की शर्त
रेलवे अगली ट्रेन का इंतजार करने का सुझाव देता है अगर जनरल कोच में भीड़ है। लेकिन वैलिडिटी सीमा के भीतर और ट्रेन नहीं आती है तो यात्री स्लीपर क्लास में यात्रा कर सकते हैं। ऐसे में, ट्रेन में आते ही टीटीई से संपर्क करना होगा और अपनी स्थिति बतानी होगी।