राजस्थान सरकार करवा रही गाय-भैंस का 40000 रूपए का फ्री बीमा, जानिए कैसे आवेदन
Rajasthan pashuon ka bima : इस योजना का उद्देश्य देश के पशुपालकों को उनके अमूल्य पशुधन के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। यह योजना विशेष रूप से उन किसानों और पशुपालकों के लिए बनाई गई है, जो अपनी आजीविका के लिए पशुधन पर निर्भर रहते हैं।
Mangla Pashu Bima Yojana : राजस्थान सरकार 21 लाख पशुओं का मुफ्त बीमा कराएगी। योजना का लाभ प्रदेश के सभी जनाधार कार्ड धारक पशुपालकों को मिलेगा। पशुपालकों को बीमा विभाग के सॉफ्टवेयर या एप्लिकेशन पर आवेदन करना होगा। राजस्थान सरकार ने वर्ष 2024–25 के बजट में मंगला पशु बीमा योजना (Mangla Pashu Bima Yojana) के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 12 जनवरी है। पशुपालकों को उनके मूल्यवान पशुधन के लिए धन प्रदान करना इस योजना का लक्ष्य है। यह पहले 5–5 लाख दुधारु गाय/भैंस, 5–5 लाख भेड़/बकरी और 1 लाख उष्ट्र वंशीय पशुओं का बीमा करेगा।
पूर्ण प्रक्रिया निर्धारित सॉफ्टवेयर या ऐप में इंद्राज की जाएगी, जिसमें बीमा प्रतिनिधि और मृत पशु का पोस्टमॉर्टम परीक्षण होगा। मृत बीमित पशु की दावा राशि सम्बन्धित पशुपालक को बीमा विभाग से 21 कार्य दिवस के भीतर दी जाएगी।
MMPBY का आवेदन ऐसे करें
योजना का लाभ प्रदेश के सभी जनाधार कार्ड धारक पशुपालकों को मिलेगा। पशुपालकों को बीमा विभाग के सॉफ्टवेयर या एप्लिकेशन पर आवेदन करना होगा। 13 दिसंबर 2024 से 12 जनवरी 2025 तक मोबाइल ऐप या वेबपोर्टल पर आवेदन किया जा सकता है। अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए 16% और 12% आरक्षण भी है। पशुओं को बीमा करना अनिवार्य है। चयनित पशुपालक के 10 बकरी, 10 भेड़, 1 उष्ट्र वंश और 2 दुधारू पशु (गाय, भैंस या दोनों) का बीमा निःशुल्क किया जाएगा। यह बीमा सिर्फ उन पशुओं के लिए लागू होगा जो किसी अन्य बीमा योजना से बाहर नहीं हैं।
इन कारणों से मिलेगा लाभ
योजना के तहत किसी भी प्राकृतिक या आकस्मिक दुर्घटना जैसे आग लगने, सडक दुर्घटना, आकाशीय बिजली गिरने, प्राकृतिक आपदा, जहरीला घास खाने या सर्प/कीडा काटने, किसी बीमारी आदि में मृत्यु होने पर बीमा क्लेम मिलेगा।
पशुओं की उम्र
पशुपालक को बीमा के लिए एक वर्ष का भुगतान नहीं करना होगा। पशु की नस्ल, उम्र और दुग्ध उत्पादन क्षमता बीमा राशि का निर्धारण करेंगे। लेकिन किसी भी परिस्थिति में बीमा की सीमा 40 हजार रुपए से अधिक नहीं होगी। गाय तीन से बारह साल और भैंस चार से बारह साल की उम्र में बीमाकृत होनी चाहिए। इसी तरह, भेड़ और बकरी की उम्र एक से छह वर्ष होनी चाहिए, जबकि ऊंट की उम्र दो से पंद्रह वर्ष होनी चाहिए।