राजस्थान मनरेगा में लागू हुआ नया सिस्टम, काम करने वाले श्रमिकों-मेट के लिए बड़ी अपडेट
Rajasthan Corruption in MNREGA : मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) में हो रहे फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार ने मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (MMS) का नया अपडेटेड वर्जन लॉन्च किया है। यह तकनीकी अपग्रेड फर्जी उपस्थिति और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। अगले पखवाड़े से राज्य सरकार भी मनरेगा परियोजनाओं में ई-माप पुस्तिका लागू करेगी। इससे फर्जीवाड़ा कम होगा और काम पारदर्शी रहेगा।
Rajasthan News : राज्य सरकार ने नागौर के खींवसर मनरेगा योजना में व्यापक फर्जीवाड़े को नियंत्रित करने के लिए एमएमएस सिस्टम का नवीनतम अपडेटेड संस्करण जारी किया है। इस अपडेटेड वर्जन में मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम से उपस्थिति उन्हीं श्रमिकों की लगेगी, जिनकी आंखें झपकेंगी। ऐसा नहीं होने पर कर्मचारियों की फोटो उपस्थिति कॉलम में अपलोड नहीं की जाएगी।
दूसरा मनेरगा में पहले एवजी मेट कई जगह मिलते थे, लेकिन अब वे न तो नए सिस्टम से हाजरी ले सकते हैं और न ही एक स्वीकृत कार्य से दूसरे कार्य पर हाजरी ले सकते हैं। शुक्रवार से राज्य भर में मनरेगा कार्यस्थलों पर सरकार ने नई एमएमएस प्रणाली लागू की है। राजस्थान, अन्य राज्यों की तरह, जल्द ही नाप पुस्तिका को इंटरनेट पर उपलब्ध कराया जाएगा। इससे व्यापक रूप से भ्रष्टाचार कम होगा।
अपडेटेड वर्जन के लाभ
राजस्थान सरकार के मनरेगा विभाग के शासन सचिव ने एनएमएमएस एप के नवीनतम संस्करण में मेट को पीओ लॉगिन से पखवाड़ा शुरू होने से पहले कार्य आवंटित करने का आदेश दिया है। पीओ लॉगिन से जिस मेट को जो कार्य आवंटित किया गया है, वही कार्य उस मेट के पास उपस्थिति लेने के लिए खुलेगा। इससे मेट न तो काम पर बदलेगा और न ही दूसरे काम में गड़बड़ी कर सकेगा। मेट की उपस्थिति दर्ज करते समय एप के काउंट हेड और दर्ज की गई उपस्थिति में अंतर होने पर फोटो सेव नहीं होगी. सामने खड़े कर्मचारियों का सिर एप के माध्यम से काउंट किया जाएगा।
आई ब्लिंक आवश्यक
इसी तरह, फोटो क्लिक करते समय कर्मचारियों को आई ब्लिंक करना अनिवार्य है। फोटो को अपलोड नहीं किया जा सकता अगर सामने उपस्थित कर्मचारियों में से किसी एक की आई ब्लिंक नहीं हुई है। इससे गड़बड़ी की आशंका नाम मात्र भी नहीं रहेगी। जबकि पहली उपस्थिति दर्ज करने के लिए जियोटेग स्थान दस मीटर तक था। इसे हल करने के लिए सरकार ने ग्रेवल सड़क, सीसी ब्लाक और अन्य कई परियोजनाओं के लिए 500 मीटर की दूरी से उपस्थिति दर्ज करने की अनुमति दी है।
अगले पखवाड़े ई-माप पुस्तिका
अगले पखवाड़े से राज्य सरकार मनरेगा कार्यक्रमों में ई-माप पुस्तिका लागू करेगी। इससे फर्जीवाड़ा कम होगा और काम पारदर्शी रहेगा। राजस्थान में भी सरकार उड़ीसा, कर्नाटक और त्रिपुरा की तरह माप पुस्तिका को ऑनलाइन कर ई-माप पुस्तिका लागू करेगी। अगले पखवाड़े से मस्टररोल की तरह ई-माप पुस्तिका फीड करने का मॉड्युल उपलब्ध कराया गया है, जो इसके लिए अनिवार्य होगा।
पारदर्शिता रहेगी, भ्रष्टाचार कम होगा
NMMS एप अपडेट होने से एवजी मेट मनरेगा में काम नहीं कर सकेंगे और कर्मचारियों को फर्जी नाम नहीं दे सकेंगे। सरकार भी ई-माप पुस्तिका लागू करने की योजना बना रही है।