Rajasthan News: भजनलाल सरकार की सख्ती, अब 15 दिन में हो पट्टे की फाइल का निपटारा
Rajasthan Government:राजस्थन में अपनी जमीन का पट्टा बनाने के लिए अब आम लोगों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। राजस्थान में अफसरों की रिश्वतखोरी और पट्टे बनाने को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों के बाद सरकार ने पट्टे निर्माण की नियमों में बदलाव किया है।
Bhajan lal Government : महापौर, सभापति और अध्यक्षा जमीन के पट्टे से जुड़ी फाइल का 15 दिन में निस्तारण नहीं करते हैं तो स्थानीय निकाय विभाग के उपनिदेशक (क्षेत्रीय) से हस्ताक्षर करवाकर पट्टे जारी किए जा सकेंगे। स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक कुमार पाल गौतम ने इस संबंध में आदेश जारी किए।
जारी आदेश के बाद फाइल को 15 दिन समय तक रोकने पर सीधे डीएलबी के डिप्टी डायरेक्टर के पास भेजी जाएगी। वहां से उप निदेशक फाइल पर साइन करके लाभार्थी को पट्टा जारी कर सकेंगे। इसके अलावा जमीन, मकान या आवास के पट्टों के प्रारूप में भी बदलाव किया गया है। स्वायत्त शासन निदेशालय के निदेशक और विभाग के विशिष्ट सचिव कुमार पाल गौतम ने 19 सितंबर को आदेश जारी कर दिया था कि प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान पट्टों पर मुख्यमंत्री की फोटो होती थी। इस प्रारूप में बदलाव करते हुए अब पट्टा बिल्कुल सामान्य रखने का निर्णय लिया है। पट्टे पर केवल पट्टेधारी की फोटो ही चिपकाने का निर्णय किया है।
लोगों को होगा फायदा
आपको बता दें कि शहरी और ग्रामीण निकायों में पट्टा बनाने के लिए आम लोगों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे. किसी-किसी को तो कई बार कोशिशों के बाद भी पट्टा बनने में सालों का समय लग जाता था और अफसर रिश्वत लेकर काम कर रहे थे। इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए स्वायत्त शासन निदेशालय ने यहां फैसला लिया है, इससे आम लोगों को बहुत फायदा होगा।
पट्टों के नियमों में हुआ बदलाव
जमीन, मकान और आवास के पट्टों के प्रारूप में बदलाव किया गया है। इसमें प्रशासन शहरों संग अभियान का लोगो और सीएम की फोटो हटा दिया जाएगा। इसकी जगह केवल पट्टाधारक की ही फोटो लगाने के निर्देश दिया गया है।
पट्टों पर आयुक्त, उपायुक्त संबंधित अधिकारी साइन करते हैं। इसके बाद पट्टे की फाइल महापौर, सभापति या चेयरमैन के पास जाती है। फाइल पर ये साइन करते हैं। इसके बाद पट्टा होता है।
गहलोत सरकार ने भी दिखाई थी सख्ती
पहले की कांग्रेस सरकर ने भी सख्ती दिखाई थी। नवबंर 2021 में इसी तरह के आदेश जारी किए थे। प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान फैसला लिया था। पट्टे से संबंधित फाइल पर महापौर और सभापति 15 दिन में हस्ताक्षर नहीं करते तो उनकी डीम्ड अनुमति मानी जाएगी. ऐसे में निकाय आयुक्त या अधिशासी अधिकारी अपने स्तर पर ही पट्टा जारी कर सकेंगे।