EMI वालों वालों को जल्द मिलेगी बड़ी राहत, RBI गवर्नर ने दी यह जानकारी

RBI - भारतीय रिजर्व बैंक के हाल ही में गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ब्याज दर फिलहाल ऊंची रहेंगी और समय ही बताएगा कि यह कितने समय तक ऊंची रहेगी। महंगाई को नियंत्रित करने के लिए रिजर्व बैंक ने फरवरी से नीतिगत दर में कोई बढ़ोतरी नहीं की है..। नीचे खबर में इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी मिलेगी। 
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EMI people will soon get big relief, RBI Governor gave this information

The Chopal - शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ब्याज दर फिलहाल ऊंची रहेंगी और समय ही बताएगा कि यह कितने समय तक ऊंची रहेगी। वर्तमान भू-राजनीतिक संकट के कारण, विश्व भर के सबसे बड़े केंद्रीय बैंकों ने महंगाई को नियंत्रित करने के लिए अपनी प्रमुख नीतिगत दरें बढ़ा दी हैं। महंगाई को नियंत्रित करने के लिए रिजर्व बैंक ने फरवरी से नीतिगत दर में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। 6.5 प्रतिशत पर है। रेपो दर में इससे पहले पिछले साल मई से लेकर अब तक छह बार 2.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसलिए होम लोन सहित सभी प्रकार के लोन महंगे हो गए हैं।

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दास ने 2023 के कौटिल्य इकनॉमिक कॉन्क्लेव में एक प्रश्न के जवाब में कहा कि ब्याज दर अभी भी ऊंची रहेगी। यह कब तक चलेगा, यह समय ही बताएगा। उन्हें महंगाई को सक्रिय रूप से नियंत्रित करने वाली मॉनीटरी पॉलिसी पर भी जोर दिया गया। ऐसा होने से महंगाई जुलाई में 7.44 प्रतिशत के उच्चतम स्तर से सुचारू रूप से गिरने लगी। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मौद्रिक नीति हमेशा चुनौतीपूर्ण रहती है और इससे खुश नहीं होना चाहिए।

ग्लोबल ग्रोथ का इंजन बनेगा भारत-

उन्होंने कहा कि मूल्य स्थिरता तथा वित्तीय स्थिरता एक-दूसरे के पूरक हैं और आरबीआई ने दोनों को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने का प्रयास किया है। सब्जियों तथा ईंधन की कीमतों में नरमी के कारण सितंबर में सालाना आधार पर खुदरा महंगाई घटकर तीन महीने के निचले स्तर 5.02 प्रतिशत आ गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई अगस्त में 6.83 प्रतिशत और सितंबर 2022 में 7.41 प्रतिशत थी। जुलाई में महंगाई 7.44 प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। गवर्नर ने कहा, 'हमने नीतिगत दर पर रोक बरकरार रखी है। अब तक 2.50 प्रतिशत की वृद्धि वित्तीय प्रणाली के जरिए अब भी काम कर रही है।

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उन्होंने कहा कि डिजिटल भुगतान से मौद्रिक नीति का असर तेजी से और प्रभावी रूप से दिखने लगा है। गवर्नर ने अपने भाषण में कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अब तीन चुनौतियों महंगाई, धीमी वृद्धि और वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम का सामना कर रही है। घरेलू वित्तीय क्षेत्र के संबंध में उन्होंने कहा कि भारतीय बैंक तनाव की स्थिति के दौरान भी न्यूनतम पूंजी आवश्यकताओं को बनाए रखने में सक्षम होंगे। दास ने कहा कि भारत ग्लोबल ग्रोथ का नया इंजन बनने के लिए तैयार है और मार्च 2024 में समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।