Real Estate: क्या प्रॉपर्टी के भाव होंगे कम, घरों की बिक्री 18 फीसदी घटी
Property Market : कोरोना महामारी के बाद देश में प्रॉपर्टी बाजार बडी हलचल लगातार बनी हुई है। कोरोना महामारी के बाद प्रॉपर्टी की कीमतों में तेजी आई थी। लेकिन अब प्रॉपर्टी बाजार में आई इस तेजी पर ब्रेक लगता नजर आ रहा है।
Real Estate News : कोरोना महामारी के दौरान प्रॉपर्टी बाजार में प्रॉपर्टी की कीमतों में आई तेजी अब मंदी की ओर रुख कर रही है। देश के प्रमुख नौ शहरों में घरों की बिक्री में गिरावट आई है। कोरोनावायरस महामारी के बाद संपत्ति बाजार में हुई तेजी पर अब ब्रेक लगता दिखाई दे रहा है। घरों की बिक्री लंबे समय तक गिरने का अनुमान है। रियल एस्टेट डेटा विश्लेषक कंपनी प्रॉपइक्विटी का अनुमान है कि जुलाई-सितंबर तिमाही में देश के नौ प्रमुख शहरों में मकानों की बिक्री 18 प्रतिशत घटकर 1,04,393 इकाई रह जाएगी।
पिछले साल की तुलना में बिक्री में होगी कमी
इसी अवधि में पिछले वर्ष 1,26,848 इकाई की बिक्री हुई थी। हैदराबाद इसमें सबसे अधिक 42 प्रतिशत गिर सकता है। इसके बाद बेंगलुरु में 26 प्रतिशत, कोलकाता में 23 फीसदी, पुणे में 19 फीसदी, चेन्नई में 18 फीसदी, मुंबई में 17 फीसदी और ठाणे में 10 फीसदी की गिरावट होगी। इस वर्ष जुलाई से सितंबर तक केवल दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 22 फीसदी और नवी मुंबई में चार फीसदी की दर से आवास बिक्री बढ़ने का अनुमान है।
विभिन्न भारतीय शहरों में प्रॉपर्टी बिक्री की स्थिति निम्नलिखित है:
1 - हैदराबाद: बिक्री में 42% की गिरावट का अनुमान है।
2 - बेंगलुरु: बिक्री में 26% की कमी हो सकती है।
3 - कोलकाता: 23% की गिरावट की संभावना है।
4 - पुणे: 19% की कमी का अंदाजा है।
5 - चेन्नई: यहां बिक्री में 18% की गिरावट हो सकती है।
6 - मुंबई: 17% की गिरावट का अनुमान है।
7 - ठाणे: 10% की कमी की संभावना है।
8 - दिल्ली-एनसीआर: यहां 22% की बढ़ोतरी हो सकती है, जो सकारात्मक संकेत है।
9 - नवी मुंबई: यहां 4% की मामूली बढ़ोतरी की उम्मीद है।
यह आंकड़े दिखाते हैं कि ज्यादातर शहरों में प्रॉपर्टी की बिक्री में गिरावट आ रही है, जबकि दिल्ली-एनसीआर और नवी मुंबई में मामूली बढ़ोतरी का अनुमान है।
प्रॉपर्टी मार्केट में मांग में कमी के कई प्रमुख कारण हो सकते हैं:
1 - कीमतों में वृद्धि:
बीते दो सालों में प्रॉपर्टी की कीमतें 50% से 70% तक बढ़ गई हैं, जिससे आम लोगों के लिए घर खरीदना कठिन हो गया है।
2 - अफोर्डेबल प्रॉपर्टी की कमी:
बाजार में सस्ती और अफोर्डेबल प्रॉपर्टी की कमी है। अधिकतर डेवलपर्स महंगे प्रोजेक्ट्स पर ध्यान दे रहे हैं, जिससे मध्यम वर्ग के लिए विकल्प सीमित हो गए हैं।
3 - मध्यवर्ग का प्रभावित होना:
अब एक 2BHK फ्लैट की कीमत करोड़ों में पहुंच गई है, जिससे मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोग घर नहीं खरीद पा रहे हैं। उनकी आय के अनुपात में घरों की कीमतें अधिक हो गई हैं।
4 - निवेशकों का दबदबा:
कई निवेशक भारी मात्रा में पैसा प्रॉपर्टी में लगा रहे हैं। हालांकि, यह मार्केट केवल निवेशकों के आधार पर नहीं टिक सकता। आम खरीदारों की कमी से मांग में गिरावट आ रही है।
5 - भविष्य की संभावनाएं:
यदि प्रॉपर्टी की कीमतें इसी तेजी से बढ़ती रहीं, तो इससे मार्केट में मंदी आ सकती है। लोगों की आय में उतनी वृद्धि नहीं हो रही जितनी तेजी से प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ रही हैं, जिससे भविष्य में संकट की स्थिति बन सकती है।
2 - कदम उठाने की जरूरत:
अगर सरकार या डेवलपर्स समय पर आवश्यक कदम नहीं उठाते, तो प्रॉपर्टी बाजार में मंदी का खतरा बढ़ सकता है। अफोर्डेबल हाउसिंग और मिड-रेंज प्रॉपर्टी की आवश्यकता है ताकि आम लोगों की पहुंच में घर आ सके।