UP में लिफ्ट व एस्केलेटर के लिए रजिस्ट्रेशन कराना हुआ जरुरी, अन्यथा लगेगा जुर्माना
UP News: लिफ्ट और एस्केलेटर के लिए रजिस्ट्रेशन आवश्यक है। हर साल इसकी जांच करानी होगी और 1500 रुपये खर्च करना होगा। मरम्मत नहीं करने और मानकों को नहीं मानने पर संबंधित मालिक या संस्था पर जुर्माना लगाया जाएगा।
Uttar pradesh news: उत्तर प्रदेश में 2024 लिफ्ट एंड एस्केलेटर विधेयक उत्तर प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को पारित हुआ। इस बिल को नोएडा में लागू करना आसान नहीं होगा। आए दिन दुर्घटना की शिकायतें आईं। इसे ध्यान में रखते हुए यह उपाय प्रस्तुत किया गया है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में एकाएक हाईराइज इमारतों की संख्या बढ़ी। इन इमारतों में लोगों की सुविधा के लिए लिफ्ट लगाए गए हैं। लेकिन इसके संरक्षण के लिए कोई नियम नहीं थे। आजकल सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करने से हर दिन दुर्घटना होने की शिकायतें मिलती हैं।
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निर्माण, गुणवत्ता, सुरक्षा, सुविधाओं, स्थापना, संचालन और रखरखाव के लिए आवश्यक कोड और प्रक्रियाओं का पालन करना आवश्यक होगा। कानून में लिफ्ट और एस्केलेटर स्थापित करने वाले मालिक को दैनिक संचालन के दौरान किसी भी तकनीकी खराबी को तुरंत दूर करने का भी उल्लेख है।
साथ ही, आपातकालीन परिस्थितियों में लिफ्ट के भीतर फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए मालिक को वर्ष में कम से कम दो बार मॉक ड्रिल अभ्यास कराया गया है। इस कानून के अनुसार, बिजली की खराबी की स्थिति में अंदर फंसे यात्रियों को बचाने के लिए मालिक को लिफ्ट या एस्केलेटर में स्वचालित बचाव युक्ति लगानी होगी। दुर्घटना होने पर मालिक भी पीड़ित परिवार को पैसे देगा। लिफ्ट और एस्केलेटर की स्थापना और संचालन से संबंधित शिकायतों पर मालिक या संबंधित संस्था के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की गई है। इस कानून अब इमारत के मालिक को लाइट जाने के बाद लिफ्ट में फंसने से बचाने के लिए ऑटेमेटिक रेस्क्यू सिस्टम लगाना होगा. इससे बिजली आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में लिफ्ट नजदीकी तल पर पहुंचे जाएगी. उसके द्वार खुद व खुद खुल जाएंगे। वहीं लिफ्ट में बाहर से लोगों से बातचीत करने के लिए पर्याप्त रोशनी भी लगानी होगी। वहीं, लिफ्ट में आपातकालीन घंटी होनी चाहिए।
पंजीकरण करना अति आवश्यक होगा
अब एस्केलेटर और लिफ्ट लगाने के लिए पंजीकृत होना आवश्यक होगा। पंजीकरण के लिए आवेदन करने का समय छह से चालीस महीने होगा। लिफ्ट में आने वाली समस्याओं के लिए भी 30 महीने का समय दिया गया है। इस दौरान सभी सुविधाएं सुनिश्चित होनी चाहिए। ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि विधायक धीरेन्द्र सिंह और पंकज सिंह ने नोएडा में एक घटना के बाद लिफ्ट और एस्केलेटर के लिए कानून बनाने की मांग की। विधेयक में यह प्रावधान है। यह दुर्घटना होने पर तुरंत सूचना देने और बीमा और मुआवजा देने के लिए भी बनाया गया है। इसे हर पांच साल में बदलना चाहिए। हर साल इसकी जांच करानी होगी और 1500 रुपये खर्च करना होगा। मरम्मत नहीं करने और मानकों को नहीं मानने पर संबंधित मालिक या संस्था पर जुर्माना लगाया जाएगा।
प्रधानमंत्री धीरेन्द्र सिंह
जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में जनता के हकों के लिए प्रतिबद्ध है। उसने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश और एनसीआर क्षेत्र में शहरीकरण का दौर बढ़ने से लिफ्ट और एस्केलेटर नियम राज्य के लिए बहुत फायदेमंद होंगे। प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी और ऊर्जा मंत्री श्री एके शर्मा जी को इस सराहनीय कदम के लिए धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ।
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