Relationship : बहू की जिंदगी इस तरीके से बर्बाद कर देती है सास, फिर पति- पत्नी का रहना होगा मुश्किल
The Chopal - हर व्यक्ति अपनी जिंदगी में खुश रहना चाहता है, लेकिन कभी-कभी परिस्थितियों का ताना-बाना ऐसा बनता है कि माहौल नकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है। लड़की को ससुराल में कई नए संबंध मिलते हैं, लेकिन सास-बहू का संबंध सबसे महत्वपूर्ण है। सास के साथ बहू का रिश्ता कैसा है, उसकी ससुराल की यात्रा पर निर्भर करता है। यद्यपि सास खुद को बहू की मां बताती है, लेकिन इस रिश्ते की कड़वाहट, या कड़वाहट, कई बार ससुराल में बहू का जीना मुश्किल बना देती है।
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अगर रिश्ते की अच्छी शुरुआत रही तो बहू के लिए ससुराल में रहना बहुत ज्यादा आसान हो जाता है। लेकिन कई बार बहू चाहे जितनी मर्जी कोशिश कर ले, वो चीजों को अच्छा कर ही नहीं पाती है क्योंकि उसकी सास ऐसा संभव नहीं होने देगी। आज बात ऐसी सास के बारे में, जो बहुओं का जीना मुश्किल कर देती हैं।
बेटे पर हक जताने वाली सास
शादी से पहले और शादी के बाद की जिंदगी में काफी बदलाव होता है। मां का अपने बेटे पर हक होता है, अधिकार होता है। उसकी छोटी-बड़ी जरूरतों को वो ही हमेशा से पूरा करती आई होती हैं। उसे क्या खाना है, क्या पहनना है, कब किस चीज की जरूरत हैं , मां शादी से पहले सब का ख्याल रखती हैं, लेकिन शादी के बाद चीजें बदल जाती है।
उसके बेटे का ख्याल रखने के लिए उसकी पत्नी आ चुकी होती है। बेटा मां के बजाए पत्नी पर निर्भर होने लगता है और अक्सर देखा जाता है कि सासू मांओं को ये बदलाव पसंद नहीं आता। मां को लगता है कि बहू के आने के बाद बेटा उनके दूर होने लगा है और इस बात का बदला वो बहू को परेशान कर लेने लग जाती हैं।
बहू से ईर्ष्या
कहते हैं कि औरत ही औरत की सबसे बड़ी दुश्मन होती है। बहू के ईर्ष्या करने वाली सास न केवल सास बहू के रिश्ते को खराब करती हैं, बल्कि ससुराल का माहौल बिगाड़ बैठती है। वो अपनी बहुरानी को सबके साथ खुशी से रहता नहीं देख पाती। कोई उसकी तारीफ करे, तो उसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं हो पाता। ऐसे में सास जानबूझकर बहू के काम बिगाड़ने लगती है और उसे नीचा दिखाने का मौका नहीं छोड़ती।
कंट्रोल खोने का डर
सास घर की होम मिनिस्टर की तरह होती है। घर की सबसे खास मेंबर। चाहे पति हो या बेटा वो मां को खास महत्व देते हैं। घर के फैसले मां लेती हैं, लेकिन अक्सर देखा जाता है कि शादी के बाद स्थिति बदलने लगती है। सास अपनी बहू पर भी उसी तरह से नियंत्रण चाहती हैं, जिस तरह से वो अब तक बेटे पर रखती आई है। सास चाहती है कि बहू भी सब कुछ उनके हिसाब से करें। अगर बहू सास की इस उम्मीद पर खरी नहीं उतर पाती है तो संबंध बिगड़ने लगते हैं।
पीठ पीछे बुराई
अक्सर देखा जाता है कि सास बहुओं के पीठ पीछे उनकी बुराइयां करती हैं। आपके सामने तो अच्छा व्यवहार करती हैं, लेकिन आपके पीछे पड़ोसियों से, रिश्तेदारों से बुराई करने से नहीं चूकतीं। इससे बहू की छवि बुरी बन जाती है। इसका एहसास जब तक होता है, तब तक बहू के लिए सब बुरे बन चुके होते हैं।
खुद को विक्टिम की तरह पेश करने वाली
कई सास ऐसी होती है, जो खुद अपनी बहू को परेशान करने का हर तरीका अपनाती हैं। लेकिन खुद को बेटे, पति और रिश्तेदारों के सामने बेचारी बनाकर पेश करती हैं। वो बहू के लिए नकारात्मक या जुल्मी औरत की छवि सबके मन में बना देती है। इससे होता ये है कि सभी मिलकर बहू से ऐसा बर्ताव करने लगते हैं कि उसका ससुराल में रहना मुश्किल हो जाता है।
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