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Richest Person : ये है उत्तर प्रदेश का सबसे अमीर आदमी, आज हैं 17200 करोड़ रुपये की कंपनी के मालिक

Dinesh Chandra Agarwal: बिजनेस टाइकून भारत-नेपाल सीमा के पास एक छोटे से यूपी शहर नानपारा से ताल्लुक रखते हैं. वह अपने दादा से प्रेरित थे जो एक स्वतंत्रता सेनानी हैं. उन्होंने कानपुर के प्रसिद्ध संस्थान HBTI (हरकोर्ट बटलर टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट) से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री हासिल की.आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.
 
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Richest Person: This is the richest man of Uttar Pradesh, today he is the owner of a company worth Rs 17200 crore.

The Chopal : कब किसके जीवन में कोई बड़ा बदलाव आ जाए, यह कोई नहीं जानता. ऐसा ही दिनेश चंद्र अग्रवाल के साथ हुआ. उत्तर प्रदेश के तेजी से बढ़ते महानगर नोएडा में अब कुल 10 अरबपति हैं. 360 वन वेल्थ हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2023 के अनुसार, व्यवसायी दिनेश चंद्र अग्रवाल उनमें से सबसे अमीर हैं. अग्रवाल सूचीबद्ध कंपनी इंडियामार्ट (Indiamart) इंटरमेश के संस्थापक और सीईओ हैं, जिसकी स्थापना उन्होंने 1996 में अपने चचेरे भाई ब्रिजेश अग्रवाल के साथ की थी.

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अग्रवाल का बिजनेस भारत की पहली इंटरनेट कंपनियों में से एक था. आज इसका मार्केट कैप 17,200 करोड़ रुपये से अधिक है. अग्रवाल ने कंपनी की शुरुआत महज 40,000 रुपये की पूंजी से की थी.

कहां से आते हैं दिनेश चंद्र अग्रवाल?

बिजनेस टाइकून भारत-नेपाल सीमा के पास एक छोटे से यूपी शहर नानपारा से ताल्लुक रखते हैं. वह अपने दादा से प्रेरित थे जो एक स्वतंत्रता सेनानी हैं. उन्होंने कानपुर के प्रसिद्ध संस्थान HBTI (हरकोर्ट बटलर टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट) से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री हासिल की. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत CMS के लिए काम करते हुए की, जो अब टाटा समूह की आईटी सर्विस TCS का हिस्सा है. उनके जीवन में पहला महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब वे अरबपति शिव नादर की HCL टेक्नोलॉजीज से जुड़े और उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका में काम करने का अवसर मिला.अमेरिका में काम करते हुए अग्रवाल को इंटरनेट और सॉफ्टवेयर की ताकत का एहसास हुआ.

अगला बड़ा मौका

अगला बड़ा मोड़ तब आया जब भारत सरकार की VSNL (विदेश संचार निगम लिमिटेड) ने 1995 में देश में सार्वजनिक इंटरनेट की पहुंच शुरू की. अग्रवाल ने अपनी बेहतरीन विदेशी नौकरी छोड़ने और एक ऑनलाइन बिजनेस शुरू करने के लिए भारत लौटने का फैसला किया. उन्होंने अमेरिकी ग्राहकों को भारतीय सामान बेचने के लिए एक मंच बनाकर B2B सेवाओं को सीमित कर दिया.

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पहले डॉटकॉम मंदी और फिर 9/11 के आतंकवादी हमले के कारण अमेरिकी कारोबार में मंदी के दौर में अग्रवाल संकट की घड़ी से बच गए. उन्होंने एक लाभदायक बिजनेस शुरू किया जो आज छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs), बड़े उद्यमों के क्षेत्र में खरीदारों और आपूर्तिकर्ताओं के लिए अग्रणी बाजार है.