आलू की बढ़ रही कीमतों ने लोगों की बढ़ाई चिंता, वहीं किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर
फागुन की महंगाई ने सब्जियों के राजा आलू पर भी भारी असर डाला है। मंडियों में आलू की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। चलिए जानते है विस्तार से पूरी जानकारी...

The Chopal, UP News : फागुन की महंगाई ने सब्जियों के राजा आलू पर भी भारी असर डाला है। मंडियों में आलू की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं, जिससे पिछले तीन साल से नुकसान झेल रहे किसानों के चेहरे पर एक बार फिर खुशी की लहर आई है।
उत्पादन में कमी के कारण
विशेषज्ञों का कहना है कि इस वर्ष आलू उत्पादन में भारी गिरावट हुई है। मौसम की स्थिति ने उत्पादन में 30 से 35 प्रतिशत की कमी की है। यही कारण है कि आलू की खेती केवल 1,600 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदा जा रहा है।
आगरा की आलू उत्पादन में मुख्य भूमिका
उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा आलू उत्पादक जिला आगरा देश के आलू उत्पादन में 27 प्रतिशत का योगदान देता है। 75 हजार हेक्टेयर में इस साल किसानों ने आलू का उत्पादन किया है।
मौसम की मार और उत्पादन
जनवरी में पंद्रह दिनों तक चले ठंडे दिनों की स्थिति ने आलू के झुलसा रोग को बढ़ावा दिया, जो आलू की वृद्धि पर भी प्रभाव डाला। इससे उत्पादन में कमी का एक महत्वपूर्ण कारक बन गया।
किसानों की खर्च और श्रम का सम्मान
पिछले तीन वर्षों में आलू की खेती किसानों को घाटे में डालती रही है। इसके बावजूद, इस वर्ष उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिल रहा है। खेतों से आलू का मूल्य 1,200 से 1,600 रुपये प्रति कुंतल है।
विभाग की सावधानीपूर्वक निगरानी
आलू की खेती और भंडारण कृषि विभाग की निगरानी में है। अब तक 50 प्रतिशत आलू खुदाई हो चुकी है और 30 से 35 प्रतिशत शीतगृहों में भंडारण किया गया है।
किसानों और व्यापारियों की समझदारी
किसानों ने भी महंगाई के दौर में समझदारी दिखाई है। वे शीतगृहों से लोन लेने से बच रहे हैं और आलू को नगद खरीद रहे हैं। यही कारण है कि वे अपने उत्पाद के स्वयं के मालिक हैं।
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