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50 लाख के Home Loan पर बचेंगे 33 लाख रुपए, जानें RBI के नए नियम

RBI Rule : यदि आप भी होम लोन ले रहे हैं, तो आरबीआई के ये नियम जानना बहुत महत्वपूर्ण है। इस नियम से आप 50 लाख रुपये के लोन से 33 लाख रुपये बच सकते हैं।आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।

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50 लाख के Home Loan पर बचेंगे 33 लाख रुपए, जानें RBI के नए नियम

Bank EMI : जब से बैंकों ने होम लोन की प्रक्रिया को सरल बनाया है, तब से करोड़ों लोगों का घर बनाने का सपना पूरा हो गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का नवीनतम नियम जानना महत्वपूर्ण है अगर आप भी बैंक से होम लोन ले रहे हैं, क्योंकि यह आपको 50 लाख रुपये तक के होम लोन पीर से 33 लाख रुपये की बचत कर सकता है।

बीते एक वर्ष में भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट बढ़ाया, जो फिलहाल 6.5 प्रतिशत पर स्थिर है। होम लोन लेने वाले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। उनके लोन पर ब्याज दरें लगातार बढ़ने से ईएमआई का बोझ बढ़ा है। बैंक अक्सर ग्राहकों को राहत देने के लिए होम लोन की ईएमआई को नहीं बढ़ाते, बल्कि लोन के रीपेमेंट की अवधि को बढ़ाते हैं। यही आपकी लंबी क्षति है। 

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वास्तव में, बैंक आपकी ईएमआई नहीं बढ़ाते, बल्कि आपका टेन्योर बढ़ाते हैं। आपको तब लंबे समय तक ईएमआई देनी होगी। यानी आपका लोन अमाउंट समान रहता है लेकिन आपको ब्याज अब पहले से अधिक समय तक चुकाना होगा। इससे आपका नुकसान बढ़ता है। 20 वर्ष का होम लोन आम तौर पर लिया जाता है, लेकिन EMI कम करने के चक्कर में लोग इसे 30 या 40 वर्ष के टेन्योर में बदल देते हैं।

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ऐसे में, 7 प्रतिशत की सामान्य ब्याज दर के हिसाब से इसकी ईएमआई लगभग 600 रुपये प्रति लाख होगी अगर आप 40 वर्ष के लिए होम लोन लेते हैं। साथ ही, अगर आप इस लोन को 30 वर्ष में बदलते हैं, तो ईएमआई की लागत लगभग 665 रुपये प्रति लाख हो जाएगी, लेकिन आपका टेन्योर लगभग 10 वर्ष कम हो जाएगा।

क्या कहता है RBI का लेटेस्ट नियम?

लोगों की परेशानियों को देखते हुए आरबीआई ने 18 अगस्त 2023 से इससे संबंधित एक नियम को बदल दिया है। 50 लाख रुपये के लोन पर ब्याज में आपकी 33 लाख रुपये की बचत इस नवीनतम नियम से हो सकती है। आरबीआई ने बैंकों को कहा है कि वे खुद से EMI बढ़ाने से बचने के लिए लोन टेन्योर को बढ़ाने से बचें। बल्कि ग्राहकों को दोनों तरह की ईएमआई बढ़ाने की सुविधा दें।

बैंकों को अपने ग्राहकों को ब्याज बढ़ने से टेन्योर या ईएमआई बढ़ने का उनके फाइनेंस पर क्या असर होगा, बताना होगा। साथ ही बैंकों को एक फिक्स ब्याज दर पर लोन देने का विकल्प भी देना चाहिए। वहीं ब्याज दरों के फ्लोटिंग से फिक्स में कन्वर्ट करने के चार्जेस को पहले से ही उन्हें बताना होगा।

50 लाख के लोन पर बचेंगे 33 लाख रुपये

अब करते हैं कैलकुलेशन कि कैसे 50 लाख रुपये के लोन पर जब आप ब्याज चुकाएंगे तो 33 लाख रुपये बचा लेंगे. होम लोन का प्रिंसिपल अमाउंट 50 लाख रखते हैं और ब्याज दर 7 प्रतिशत पर फिक्स करते हैं.

अगर आप ये लोन 20 वर्ष के लिए लेते हैं तब 50 लाख के लोन की मंथली ईएमआई बनेगी 38,765 रुपये. इस ईएमआई के हिसाब से आपका ब्याज जाएगा 43.04 लाख रुपये.

अब मान लेते हैं कि आपने 3 वर्ष की ईएमआई चुका दी है. यानी अब आपका लोन 17 वर्ष का बचा है. इस स्थिति में आप 3 वर्ष के अंदर करीब 10.12 लाख रुपये ब्याज के दे चुके हैं, जबकि आपका लोन अमाउंट बचा है 46.16 लाख रुपये.

अब मान लीजिए कि 3 वर्ष बाद लोन की ब्याज दर बढ़कर 9.25 फीसदी हो जाती है, आप लोन का टेन्योर बढ़वाने की बजाय अपनी ईएमआई बढ़वा लेते हैं. इस स्थिति में आपकी 17 वर्ष के लिए ईएमआई बनेगी 44,978 रुपये. यानी अब आप 17 वर्ष में ब्याज चुकाएंगे 45.58 लाख रुपये.

इस तरह 3 वर्ष और 17 वर्ष को मिलाकर मिलाकर आप 20 वर्ष में कुल ब्याज देंगे 55.7 लाख रुपये. अब अगर आप ईएमआई की बजाय अपना लोन पीरियड बढ़वाते हैं, तब क्या होगा?

लोन की ईएमआई नहीं बढ़ने पर बढ़े ब्याज के साथ आपका लोन टेन्योर हो जाएगा 321 महीने यानी 26 वर्ष से ज्यादा का. अब 3 वर्ष का ब्याज चुकाने के बाद आपको लोन पर कुल 78.4 लाख रुपये का ब्याज और चुकाना होगा.

जब आप ईएमआई नहीं बढ़वाते हैं और लोन टेन्योर बढ़वा लेते हैं, तब आपको 50 लाख रुपये के लोन पर कुल 88.52 लाख रुपये का ब्याज देना होता है, जो ईएमआई बढ़वाने पर लगने वाले 55.7 लाख रुपये के ब्याज से पूरा 33 लाख रुपये ज्यादा बैठता है.

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