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SSC : हाई कोर्ट ने 25,753 शिक्षकों की भर्ती रद्द की, ब्याज सहित वेतन लौटाना होगा

Shikshak Bharti update: नौकरी लगने का सपना हर युवा देखता है। अगर यह सपना पूरा हो जाए तो खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता। लेकिन हम आपको एक ऐसे अजीबोगरीब मामले के बारे में बताने जा रहे हैं जहां 24000 शिक्षक भर्ती कोर्ट में रद्द कर दी हैं। सालों साल नौकरी करने के बाद अब हाई कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षकों की भर्ती रद्द कर दी गई है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षकों को सैलरी भी वापस करनी होगी। पढ़ें पूरी खबर

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SSC : हाई कोर्ट ने 25,753 शिक्षकों की भर्ती रद्द की, ब्याज सहित वेतन लौटाना होगा

Teacher recruitment scam : करी लगने का सपना हर युवा देखता है। अगर यह सपना पूरा हो जाए तो खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता। लेकिन हम आपको एक ऐसे अजीबोगरीब मामले के बारे में बताने जा रहे हैं जहां 25,753 शिक्षक भर्ती कोर्ट में रद्द कर दी हैं। क्योंकि आज हम सरकारी नौकरी पाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं लेकिन सरकारी नौकरी में आठ साल काम करने के बाद, हाई कोर्ट ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया और पूरी सैलरी वापस देने का आदेश दिया, तो सरकारी नौकरी पाने वाले व्यक्ति के साथ क्या होगा?

पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया। कोर्ट ने अवैध रूप से मिली सभी नौकरियां रद्द कर दीं। कलकत्ता हाईकोर्ट की खंडपीठ, जज देबांशु बसाक और जज मोहम्मद सब्बीर रशीद ने कहा, "जो लोग लंबे समय से अवैध तरीके से काम कर रहे हैं, उन्हें ब्याज समेत सैलरी लौटानी होगी।"इस निर्णय से 25,753 नौकरियां रद्द कर दी गईं। 2016 के पैनल में उन्हें नौकरी मिली। पैनल का कार्यकाल खत्म होने पर कर्मचारियों को भुगतान करना होगा।

हम यह बता रहे हैं क्योंकि कोलकाता हाईकोर्ट ने आज 24000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। इन शिक्षकों ने सालों पहले शिक्षक के तौर पर पदार्पण किया था। पश्चिम बंगाल सरकार ने 2016 में शिक्षकों की भर्ती को आज कोलकाता हाईकोर्ट ने आदेश देकर रद्द कर दिया है। इतना ही नहीं, कोर्ट ने इन शिक्षकों को इस दौरान प्राप्त की गई पूरी भुगतान वापस करने का आदेश दिया है।

कोलकाता हाई कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग को इस भर्ती प्रक्रिया को रद्द करके नई प्रक्रिया से शिक्षकों को नियुक्त करना चाहिए। 2014 में, पश्चिम बंगाल सरकार ने 24000 से अधिक पदों पर शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारियों की भर्ती की थी। इस भर्ती प्रक्रिया में 23 लाख से अधिक लोग शामिल हुए। इस भर्ती के दौरान आरोप लगाए गए कि 5 से 15 लाख रुपये की रिश्वत ली गई है।

पश्चिम बंगाल सरकार में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को इस भर्ती में मिली मदद से इस्तीफा देना पड़ा। उन दिनों, मॉडल अर्पिता मुखर्जी और पार्थ चटर्जी पर इस भर्ती के दौरान करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा था। इससे कई लोगों ने कोलकाता हाई कोर्ट में इस भर्ती को रद्द करने की मांग की। इसके परिणामस्वरूप, कोलकाता हाईकोर्ट ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हालांकि इस फैसले को गैरकानूनी बताते हुए सुप्रीम कोर्ट जाना चाहते हैं।