Sirsa News: राजकीय महिला कॉलेज का अनोखा बुक बैंक, जरूरतमंद छात्राओं के लिए नई पहल

Government Women's College Sirsa : एक आइडिया जिंदगी बदल सकता है, इस कहावत को शहर के राजकीय महिला कॉलेज ने सच कर दिखाया। कॉलेज के शिक्षकों ने मिलकर एक अनोखा बुक बैंक तैयार किया है, जो अब 1200 से अधिक पुस्तकों के संग्रह के साथ जरूरतमंद छात्राओं के लिए वरदान साबित हो रहा है।

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Sirsa News: राजकीय महिला कॉलेज का अनोखा बुक बैंक, जरूरतमंद छात्राओं के लिए नई पहल

Haryana Agriculture News: कहते हैं कि एक आइडिया जिंदगी बदल शहर के राजकीय महिला कॉलेज एक आइडिया ने अनोखा बुक बैंक तैयार कर दिया जो जरूरतमंद छात्राओं के फायदेमंद साबित हो रहा है। कई कंपनियों की ओर से आने वाली सैंपल लेकर से टीचर्स के मन में बुक बैंक बनाने का आइडिया आया। बता दे की 6 से शुरू हुए बुक बैंक में 1200 से पुस्तकें जमा हो चुकी है। अब पासआउट छात्राओं को प्रेरित किया जा कि पढ़ाई खत्म होने के बाद अपनी दान दें ताकि अन्य जरूरतमंद बच्चो के काम आ सके। राजकीय महिला कॉलेज में 1800 से ज्यादा छात्राएं शिक्षा हासिल कर रही हैं।

कैसे हुई बुक बैंक की शुरुआत?

कॉलेज में विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधि अपनी पुस्तकों को लागू कराने के लिए टीचर्स को सैंपल बुक्स देते थे। इन पुस्तकों का उपयोग नहीं हो पा रहा था। इस पर अंग्रेजी विभाग की प्रो. मोनिका गिल, प्रो. किरण कालड़ा, प्रो. सविता और अन्य शिक्षकों ने मिलकर इन पुस्तकों को जरूरतमंद छात्राओं तक पहुंचाने का निर्णय लिया।

1500 से ज्यादा छात्राएं बुक बैंक का लाभ उठा चुकी हैं

इस कॉलेज की लाइब्रेरी से छात्राओं को निर्धारित समय के लिए पुस्तकें दी जाती है लेकिन लंबे समय के लिए मिलना संभव नहीं। ऐसे में विभिन्न विभागों के टीचर्स ने मिलकर यहां सांझा बुक बैंक स्थापित किया है। इस बुक बैंक में विभिन्न कंपनियों के सैंपल बुक्स के अलावा पासआउट छात्राओं द्वारा उपलब्ध करवाई गई पुस्तकें जमा है। यहां से जरूरतमंद छात्राओं पुस्तकें उपलब्ध करवाई जाती है और फिर परीक्षाओं के बाद वापस जमा करवा दिया जाता है। अब तक 1500 से ज्यादा छात्राएं बुक बैंक का लाभ उठा चुकी हैं। विभिन्न विभागों के टीचर्स द्वारा सामूहिक प्रयास शुरू किए गए इस बुक बैंक को प्रिंसिपल डॉ. सज्जन कुमार ने भी सराहा है। कॉलेज टीचर्स ने शहरवासियों और पूर्व छात्राओं (जिनकी पढ़ाई पूरी हो चुकी है) से आह्वान किया है कि यदि उनके पास ऐसी पुस्तकें हैं जिनका अब नियमित रूप प्रयोग नहीं हो रहा है, वे कॉलेज के कुक बैंक में इन्हें जमा करवा सकते हैं।