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UP में स्मार्ट मीटर का हुआ बड़ा खेला, मिली हजारों खामियां, बिल में हो रही है बड़ी गड़बड़ी, मचा हड़कंप

प्रदेश में लगभग बारह लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। प्रदेश में अभी भी लगभग 2.5 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाने का काम अभी जारी है। ऊर्जा मंत्रालय की टीम पिछले महीने उत्तर प्रदेश में मीटरों की गड़बड़ियों को लेकर आई थी।
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Smart meter played a big role in UP, thousands of flaws were found, big irregularities are happening in the bill, created panic

The Chopal - प्रदेश में लगभग बारह लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। प्रदेश में अभी भी लगभग 2.5 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाने का काम अभी जारी है। ऊर्जा मंत्रालय की टीम पिछले महीने उत्तर प्रदेश में मीटरों की गड़बड़ियों को लेकर आई थी।

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UP में लगाए गए स्मार्ट मीटर काम नहीं करते हैं। वे अपनी योजना को पूरा नहीं कर रहे हैं। उपभोक्ताओं को मैसेज नहीं मिल रहा है या बिलिंग में भी बहुत सारी समस्या भी है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की जांच रिपोर्ट में यह खुलासा भी हुआ है। ऊर्जा विभाग को भेजी जांच रिपोर्ट में व्यवस्था में सुधार करने के लिए मंत्रालय ने आदेश भी दिए हैं। इसने विद्युत वितरण निगमों को परेशान भी कर दिया है।

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आपको बता दे की UP में लगभग बारह लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। आपको बता दे की लगभग 2.5 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य अभी भी जारी है। ऊर्जा मंत्रालय की टीम पिछले महीने उत्तर प्रदेश में मीटरों की गड़बड़ियों को लेकर आई थी। इस दल ने हर विद्युत वितरण निगम के अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर परीक्षण किया। 25 सितंबर को मंत्रालय ने पावर कॉरपोरेशन को रिपोर्ट भेजी है।

इस रिपोर्ट में सिर्फ स्मार्ट मीटर की उपयोगिता पर प्रश्न उठाए गए हैं। माना जाता है कि इन मीटरों को जिस उद्देश्य से लगाया गया था, वे पूरी तरह से असफल हैं। बिलिंग सॉफ्टवेयर को सही तरीके से चलाने में एमडीएम का इंटीग्रेशन भी बाधित है, जिसकी वजह से कनेक्शन काटने और जोड़ने में भी समस्या आ रही है। पिछले छह महीने से स्मार्ट मीटर ने नए बिलिंग सॉफ्टवेयर के आगमन के बाद स्वचालित रूप से कमी की है।

भारत सरकार की गाइडलाइनों के अनुसार, उपभोक्ता परिसर पर लगाए गए मुख्य मीटर और चेक मीटर का मिलान नहीं किया जाता है। उनके एप काम नहीं करते। पूरे नेटवर्क में समस्या है। भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार की गाइडलाइन के तहत छह महीने तक स्मार्ट मीटर पर अधिक भार नहीं लगाया जाएगा। इसके बाद भी भुगतान किया गया है। इसके बावजूद, इस रिपोर्ट के प्रकाशन से शक्ति भवन से लेकर विद्युत वितरण कंपनियों में हड़कंप मच गया है। क्योंकि सभी निगमों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की प्रक्रिया चल रही है ऐसे में पावर कॉरपोरेशन के अधिकारियों ने भी कुछ भी नहीं कहा।

छह महीने से कोई अलार्म अलर्ट सुविधा नहीं मिली

भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि स्मार्ट मीटर को बकाये पर खुद ही कनेक्शन काटना चाहिए, लेकिन जुलाई और अगस्त 2023 के आंकड़ों से पता चलता है कि 22507 उपभोक्ता स्मार्ट मीटर पर बकाया था। इसके बावजूद, सिर्फ 18499 उपभोक्ता, यानी लगभग 17% उपभोक्ता, के कनेक्शन नहीं कटे। स्मार्ट मीटर रखने वाले ग्राहक को अलार्म अलर्ट मिलना चाहिए जब बैलेंस 70 फीसदी, 80 फीसदी और 90 फीसदी बाकी रहता है, लेकिन सुविधा नहीं मिल रही है।