भारतीय रेलवे स्टेशन की अजीब कहानियां, कहीं बने है 23 प्लेटफार्म तो कहीं महिलाओं को रखना पड़ता है प्रदा
The Chopal - घुमक्कड़ लोगों के जीवन में रेलवे स्टेशनों का महत्व अधिक होता है। और हो भी क्यों नहीं? रेलवे स्टेशन पर इतने सुंदर दृश्य देखने को मिलते हैं। यहां बहुत से अलग-अलग लोग, सुविधाएं और भोजन मिलता है। वैसे, हमारी सरकार आज रेलवे स्टेशनों की ऐतिहासिक इमारतों में अधिक रुचि दिखा रही है। देश के अधिकांश रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय बनाने की चर्चा चल रही है। इनमें से कुछ स्टेशनों ने पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है।
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यात्रा प्रेमी होने के कारण आपने भारत के कई स्थानों पर समय बिताया होगा। यह कहना गलत नहीं होगा कि स्टेशन आपको एक अलग दुनिया में ले जाते हैं और आपको यातायात भी देते हैं। आज हम भारत के कुछ दिलचस्प रेलवे स्टेशनों की कहानी बताएंगे।
महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी टर्मिनस
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, मुंबई, देखने में बहुत सुंदर है। इसकी सुंदरता इसे यूनेस्को विश्व सम्पदास्थल का गौरव बना चुकी है। 19वीं शताब्दी में बनाई गई इमारत को विक्टोरिया टर्मिनस कहा जाता था। इसकी डिजाइन में विक्टोरिया गोथिक और भारतीय आर्किटेक्चर का प्रभाव है। रेलवे स्टेशन की इमारत पर लगे आठ सितारा गुंबद इसकी शान को और भी बढ़ाते हैं। FDW Spitfans ने इस स्टेशन को बनाया था। इसे बनाने में दस वर्ष लगे और क् वीन विक् टोरिया की गोल्डन जुबली के दिन इसे खोला गया। यह उस समय बॉम् बे की सबसे महंगी इमारत हुआ करती थी, आज छत्रपति शिवाजी टर्मिनस नामक इमारत।
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रोयापुरम, तमिलनाडु-
दक्षिण भारत में चेन्नई का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन रोयापुरम है। 1856 में उद्घाटन हुआ था। 1 जुलाई 1856 को, यहां से पहली ट्रेन वालाजाह रोड तक चली। यह स्टेशन इतने वर्षों बाद भी ठीक वैसा ही है। रोयापुरम को स्टेशन बनाने के लिए चुना गया क्योंकि यह ब्रिटिश कारोबारियों की बस्ती के पास था। यह रेनोवेट करने पर कई बार चर्चा हुई, लेकिन 2016 में मद्रास हाईकोर्ट ने 160 से अधिक साल पुरानी इमारत में कोई परिवर्तन करने पर रोक लगा दी। इसलिए आज तक स्टेशन अपनी मूल स्थिति में है।
हावड़ा, पश्चिम बंगाल
कोलकाता, पश्चिम बंगाल, अपने आप में अलग है। यहां का रेलवे स्टेशन हावड़ा जंक्शन, जो हुगली नदी के तट पर है, इससे भी अधिक रोचक है। यहां आप रोमन और बंगाली कला का एक मिश्रण देखेंगे। इस स्टेशन की सबसे बड़ी पहचान है बोरो घड़ी। यह भी भारत के एयरपोर्ट को बदनाम करता है। 23 प्लेटफॉर्म वाला यह स् टेशन भी अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। ये भारत का दूसरा बड़ा और पुराना रेलवे स्टेशन है, जो लाल पत्थर से बना है। बताया जाता है कि उस समय अंग्रेजों ने इस स्टेशन को बनाया, जो एक बड़ी उपलब्धि थी। आज इस स्टेशन पर प्रतिदिन एक लाख लोग आते हैं।
चारबाग, उत्तर प्रदेश
यदि आप आर्किटेक्चर का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण देखना चाहते हैं, तो लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन देखने लायक है। 1914 में इस रेलवे स्टेशन का निर्माण हुआ था, जो लाल और सफेद रंगों में रंगा गया था। जेएच हार्नीमैन ने इसका डिजाइन बनाया था। लोगों की नजरें इससे हटती नहीं थीं जब यह पूरा बनकर तैयार हुआ। इस ऐतिहासिक इमारत में मुगल काल की राजस् थानी कल् चर काफी करीब है। यहां बड़े गुंबद और मीनारों के साथ एक सुंदर बगीचा भी है। बाहर से देखते हुए, यह किसी राजपूताना महल से कम नहीं लगता। यह प् लेन पर एक चैस बोर्ड की तरह दिखता है। इस स्टेशन की एक विशेषता यह है कि पोर्च के बाहर खड़े होकर भी आप ट्रेन की आवाज नहीं सुन सकते। हमारे राष्ट्रपति महात्मा गांधी और पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की पहली निजी बैठक यहीं हुई थी, ऐसा कहा जाता है।
काचीगुड़ा, तेलंगाना
हैदराबाद का तीसरा सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन काचीगुड़ा है। 116 वर्ष पूरे हो चुके हैं। इस रेलवे स्टेशन को निजाम काल में बनाया गया था। इस स्टेशन का उद्देश्य पहले मुंबई जैसे शहर से कनेक्टिविटी बनाना था। यह स्टेशन पहले मीटर गेज का हिस्सा था, जिसे गोदावरी वैली लाइट रेलवे नाम दिया गया था। यह दिलचस्प है कि महिलाओं के लिए अलग स्थान था। जिसमें पर्दा लगता था। इससे महिलाएं ट्रेन में शांति से चढ़ सकती थीं। यात्रियों को स्टेशन का रेलवे म्यूजियम भी बहुत अच्छा लगता है।