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Success Story: किसी मोडेल से कम नहीं है यह IAS अफसर, जानिए IPS से IAS बनने की कहानी

आज हम आपके लिए सक्सेस की ऐसी स्टोरी लेकर आए है जिसे पढ़कर आप अपने भविष्य के लिए जरूर मोटिवेट होंगे। यहां एक बेटी ने अपने पिता के सपने पुरे करने के लिए खुद के सपने देखने को छोड दिया और पापा की लाडली अपनी कडी मेहनत से बन गई आईएएस अफसर, चलिए इनके संघर्ष की पुरी कहानी...

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This IAS officer is no less than a model, know the story of his transformation from IPS to IAS

The Chopal News (नई दिल्ली)। कुछ व्यक्ति उदाहरण बन जाते हैं। हम अक्सर सुनते हैं कि पिता अपनी बेटी की ख्वाहिशों को पूरा करने की कोशिश करते हैं। लेकिन एक बेटी ऐसी भी है जिसने अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए अपने सपनों को छोड़ दिया। यह कहानी है उत्तराखंड के कर्णप्रयाग में आईएएस अधिकारी मुद्रा गैरोला की।

10वीं और 12वीं की पढ़ाई यहीं से की गई है-

IAS अधिकारी मुद्रा गैरोला उत्तराखंड के चमोली जिले के कर्णप्रयाग में रहते हैं। उनका परिवार फिलहाल दिल्ली में रहता है। वह बचपन से ही सर्वश्रेष्ठ रही हैं। 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में उनके मार्क्स 96% और 97% थे।

मुंबई से BDS प्राप्त करने वाली पहली महिला आईपीएस, किरण बेदी, इस संस्थान में सम्मानित हुई है। मुद्रा ने बारहवीं पास करके मुंबई के एक मेडिकल कॉलेज में बीडीएस यानी डेंटल की पढ़ाई की। बीडीएस ने भी गोल्ड मेडल जीता। वह स्नातक करने के बाद दिल्ली आ गई और एमडीएस में दाखिला लिया।

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पिता ने अपना सपना पूरा किया: उनकी बेटी आईएएस अधिकारी बनना चाहती थी। पिता ने आईएएस बनना चाहा था, लेकिन कुछ कारणों से यह नहीं हुआ। मुद्रा ने एमडीएस को बीच में छोड़कर पूरी तरह से यूपीएससी की तैयारी में लग गया। 2018 में उसने यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम उत्तीर्ण किया। जिसमें वह इंटरव्यू चरण में पहुंची। 

2022 में आईएएस बनने के बाद, उन्होंने 2019 में फिर से यूपीएससी का इंटरव्यू लिया। इस बार भी अंतिम चुनाव नहीं हुआ। 2020 में वह मेन्स एग्जाम नहीं क्रैक कर सकती। 2021 में, मुद्रा ने फिर से UPSC की जांच की। उसकी मेहनत इस बार कुछ काम आई: उन्होंने 165वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्लीयर किया और आईपीएस बन गईं। लेकिन आईएएस से कम कुछ उन्हें मंजूर नहीं था। 2022 में वह आईएएस बनने में कामयाब रहीं, 53वीं रैंक प्राप्त करके।

पिता अरुण मुद्रा भी IAS बनना चाहते थे। 1973 में उन्होंने UPSC की परीक्षा दी थी। उस समय वह इंटरव्यू में असफल रहे। बेटी ने उनका अधूरा सपना पूरा किया।

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