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Sugar Price: आम आदमी का रसोई का बजट बिगाड़ेगी चीनी, भाव में बढ़ोतरी

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आम आदमी का रसोई का बजट बिगाड़ेगी चीनी

THE CHOPAL- देश में दलहन के बाद अब चीनी के मूल्य से आम जनता को रूला भी सकती है। पैदावार में गिरावट आने से चीनी के मूल्यों में बढ़ोतरी की आशंका अब बढ़ भी गई है. हालांकि, भारत की केंद्र सरकार चीनी के मूल्य को लेकर पहले से ही सतर्क भी हो गई है. सरकार ने खुदरा मार्केट में चीनी का भाव  नियंत्रित करने के लिए कोशिश शुरू भी कर दी है. इसी कड़ी में केंद्र की मोदी सरकार ने सभी चीनी मिलों से स्टॉक होल्डिंग की डिटेल्स मांगी भी है. सरकार को यह आशंका है कि दलहन की तरह कही चीनी की भी जमाखोरी भी हो रही है. ऐसे में मार्केट में चीनी की आवक कम होने से कीमतें स्वभाविक रूप से बढ़ जाएंगी.

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पिछले एक महीने के अंदर चीनी खुदरा मार्केट में 2 रुपये KG महंगा हो गया है और अभी भाव में उछाल आने की संभावना भी है. साथ ही सरकार को यह लग रहा है कि गर्मी बढ़ने पर चीनी की मांग काफी बढ़ेगी, जिसका सीधा असर मूल्यों पर पड़ेगा. यानी चीनी की इस बढ़ने पर चीनी के मूल्य में भी इजाफा भी होगा. यही कारण है कि सरकार पहले से ही सतर्क भी हो गई है और बढ़ते मूल्यों को काबू में करने के लिए अब स्टॉक होल्डिंग की डिटेल्स भी मांगी है. ताकि इससे पता लग सके, स्टॉक में चीनी कितनी है और खुदरा मार्केट में रोज आवक कितनी हो रही है.

300 रुपये से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है

वहीं, चीनी के मूल्य को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने चीनी के निर्यात को लेकर कड़ा रूख अपनाया भी है. सरकार ने चीनी निर्यात 6 मिलियन टन तक सीमित भी कर दिया है, ताकि खुदरा मार्केट में चीनी की कोई भी कमी न हो और भाव नियंत्रित भी रहे. खास बात यह है कि चीनी सिर्फ खुदरा मार्केट में ही महंगी नहीं हुई है, बल्कि थोक में भी मूल्य पर असर भी पड़ा है. यूपी में चीनी की एक्स-मिल की मूल्यों में 300 रुपये से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. एक्स-मिल मूल्य 3590 रुपये प्रति क्विंटल भी हो गई हैं. वहीं, महाराष्ट्र में भी मूल्यों में इजाफा भी हुआ है. यहां पर 3 सप्ताह के अंदर एक्स-मिल की मूल्यों 3,340 प्रति क्विंटल से बढ़ कर 3,400 प्रति क्विंटल भी हो गईं. अब आशंका है कि आगे भी मूल्यों में इसी प्रकार की मजबूती जारी भी रहेगी.

पूरी नजर रहेगी

वहीं, जानकारों के अनुसार भारत की केंद्र सरकार चीनी की बढ़ते मूल्यों को लेकर मार्केट में पैनिक नहीं क्रियेट करना चाहती भी है. यही कारण है कि सरकार चीनी मिलों से स्टॉक होल्डिंग की डिटेल्स मांग भी रही है, ताकि मालूम किया जा सके कि मार्केट में चीनी की डिमांट कितनी है और देश में चीनी कितनी बची है. वहीं, डिटेल्स आ जाने के बाद मांग और आपूर्ति पर सरकार की पूरी नजर रहेगी. इससे चीजें नियंत्रन में रहेंगी. वहीं, कई लोगों का कहना है कि गर्मी बढ़ने पर लस्सी, छांछ, दही, कोल्ड ड्रिंक्स और सरबत की मांग बढ़ जाती है. इससे चीनी की खपत अधिक भी होती है. ऐसे में मांग बढ़ने पर मूल्यों में बढ़ोतरी की आशंका बढ़ भी गई है.