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Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों को लेकर सुनाए 2 बड़े फैसले

Supreme Court Decision : देश भर में सरकारी और निजी कर्मचारियों से जुड़े कई मामले पेंडिंग हैं।  अब सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ दो दिन में दो महत्वपूर्ण निर्णय (employee's service rules) इन दोनों प्रकार के कर्मचारियों को लेकर दिए हैं।  शीर्ष अदालत के दोनों फैसले विभिन्न मुद्दों को लेकर सभी कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण हैं, इसलिए वे चर्चा का विषय बन गए हैं। 

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Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों को लेकर सुनाए 2 बड़े फैसले

The Chopal, Supreme Court Decision : नौकरीपेशा लोगों के लिए यह अच्छी खबर है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने दो महत्वपूर्ण फैसले सुनाए हैं जो सरकारी और निजी कर्मचारियों से जुड़े मामलों में लागू होते हैं।

जिन मामलों में फैसले दिए गए हैं, वे कर्मचारियों के अधिकारों (Employees Rights) के आर्थिक स्तर से भी जुड़े हैं, क्योंकि वे कर्मचारियों के काम के दौरान और रिटायरमेंट के बाद के समय से जुड़े हैं।  इन SC निर्णयों (सभी कर्मचारियों के लिए) पर बहुत बहस हो रही है।  इन महत्वपूर्ण निर्णयों के बारे में खबर में जानें।

ये दो निर्णय सुप्रीम कोर्ट ने दिए हैं:

सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में SC निर्णय सुनाते हुए कहा कि अगर कोई नौकरी मिलती है और बाद में पता चलता है कि कोई सूचना छिपाई गई है, झूठी जानकारी दी गई है या FIR के बारे में कर्मचारी ने नहीं बताया, तो नौकरी देने वाला मनमानी करते हुए कर्मचारी को बर्खास्त नहीं कर सकता।

सुप्रीम कोर्ट ने दूसरे मामले में निर्णय दिया है कि किसी कर्मचारी को उसकी रिटायरमेंट के बाद भुगतान नहीं देना चाहिए, सिर्फ इसलिए कि उसे अतिरिक्त भुगतान या इंक्रीमेंट मिल गया था। 

यह अधिकार कर्मचारी को नहीं है—

रेलवे सुरक्षा बल (RPF) में कांस्टेबल के पद पर चुने गए पवन कुमार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पहला फैसला सुनाया है।  मामले के अनुसार, पवन कुमार को ट्रेनिंग से हटा दिया गया था क्योंकि उसे नहीं बताया गया था कि उस पर FIR दर्ज है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कहा कि कंडीडेट ने इस तरह की जानकारी छिपाई है, इसलिए वह इसे सेवा में रखने की मांग नहीं कर सकता और उसे ऐसा अधिकार नहीं है।  कोर्ट ने निर्णय दिया है कि ऐसे कर्मचारी को मनमाने ढंग से भी नहीं व्यवहार किया जा सकता है।  रिटायरमेंट नियमों और इंक्रीमेंट राशि से जुड़े मामले में कोर्ट ने दूसरा फैसला सुनाया है।

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