Supreme Court : किस का होता है पैतृक संपत्ति बेचने का अधिकार, सुप्रीम कोर्ट का आया अहम फैसला
Supreme Court Decision : धारा 22 के अनुसार, संयुक्त हिंदू परिवार की संपत्ति किसी तीसरे व्यक्ति को बेचने से पहले अन्य वारिसों की सहमति चाहिए।आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
The Chopal : हिन्दू उत्तराधिकारी अधिनियम की धारा 22 कृषि भूमि पर भी लागू होगी, सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल हाईकोर्ट की निर्णय को सही ठहराया। धारा 22 के अनुसार, उत्तराधिकार में मिली संपत्ति को किसी एक सदस्य बेचना चाहे, तो अन्य वारिस प्राथमिकता के आधार पर इसे खरीदने का दावा कर सकते हैं. दूसरे शब्दों में, संपत्ति को किसी तीसरे व्यक्ति को बेचने से पहले अन्य वारिसों की सहमति चाहिए।
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इस व्यवस्था से पहले, हिस्सेदार कृषि भूमि को बिना पूछे किसी दूसरे हिस्सेदार को बेच सकता था। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि हिंदू सक्सेशन एक्ट कृषि भूमि विवादों पर भी लागू होगा। यह फैसला कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश धर्मचंद चौधरी की खंडपीठ ने दो विरोधाभासी एकल पीठों के फैसलों पर स्पष्टीकरण देते हुए दिया था।
2008 में हाइकोर्ट की एकल पीठ ने निर्णय दिया कि हिंदू सक्सेशन एक्ट के प्रावधान कृषि भूमि की बिक्री पर लागू नहीं होंगे। 2015 में दूसरी एकलपीठ ने हिंदू सक्सेशन एक्ट के प्रावधानों को कृषि भूमि की बिक्री पर लागू करने का फैसला किया। दो विरोधाभासी फैसलों के बाद एकल पीठ ने मामले को हाईकोर्ट की खंडपीठ में उचित निर्णय के लिए भेजा।
जिस पर खंडपीठ ने 2015 में पारित फैसले को सही करार देते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि हिंदू सक्सेशन एक्ट की धारा 22 के मुताबिक कृषि योग्य भूमि सहित सभी तरह की भूमि से जुड़े विवादों के लिए हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के प्रावधान लागू होंगे। इस फैसले के आधार पर न्यायाधीश सीबी बारोवलिया ने सात मई 2018 को बाबू राम की अपील को खारिज करते हुए उक्त व्यवस्था को उचित ठहराया था। बाबू राम ने सुप्रीमकोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।