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प्रॉपर्टी जब्त करने के मामले में Supreme Court का मुख्य फैसला, ऐसे केस में संपती जब्त नहीं कर सकती पुलिस

Supreme Court Verdict : संपत्तियों के नियमों को जानना बहुत महत्वपूर्ण है। नियमों को नहीं जानते तो आप अपने अधिकारों को कैसे जानेंगे? पुलिस द्वारा संपत्ति जब्त करना, जिसे संपत्ति कुर्क करना भी कहते हैं, इसके बारे में जानकारी होना बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसे ही एक मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि ऐसे केस में पुलिस ऐसी संपत्ति को जब्त नहीं कर सकती है। आइए नीचे खबर में जानें कि मामला क्या है और सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या है..।

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प्रॉपर्टी जब्त करने के मामले में Supreme Court का मुख्य फैसला, ऐसे केस में संपती जब्त नहीं कर सकती पुलिस

The Chopal, Supreme Court Verdict : हर दिन सुप्रीम कोर्ट में संपत्ति से संबंधित मामले सामने आते रहते हैं। कोई अवैध काम से संबंधित मामला (SC में पारिवारिक विवाद मामले) सुप्रीम कोर्ट ने संपत्ति जब्त करने के मामले में हाल ही में निर्णय दिया है। कोर्ट ने निर्णय दिया है कि पुलिस ऐसे केस में प्रोपर्टी जब्त नियम नहीं लागू कर सकती है। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्या मामला है जिसमें सिर्फ पुलिस संपत्ति को सीज कर सकती है। आप इस पूरे मामले को खबर में पढ़ें..।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पुलिस को आरोपी की संपत्ति को जांच के दौरान जब् त करने का कोई अधिकार नहीं है। वह किसी आपराधिक मामले की जांच चलने के दौरान आरोपी की संपत्ति कुर्क नहीं कर सकती। सुधीर वसंत कर्नाटकी बनाम महाराष्ट्र राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय लिया है।  

बॉम्बे हाईकोर्ट ने ये निर्णय लिया था 

बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस केस में निर्णय दिया था कि पुलिस को जांच के दौरान संपत्ति जब्त करने का कोई अधिकार नहीं है। महाराष् ट्र हाईकोर्ट (Maharashtra High Court news) ने मुख् य न् यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 102, सीरीज 102, में पुलिस को अवैध संपत्ति को जब्त करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने दोनों में संपत्ति को सीज करने का यही निर्णय लिया था।

हाईकोर्ट कोर्ट का निर्णय बदलने का अनुरोध

इस मामले में कोर्ट का फैसला बदलने का अनुरोध किया गया था। महाराष् ट्र सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। बॉम् बे हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस को संपत्ति कुर्क करने का अधिकार मिलने पर इसका दुरुपयोग हो सकता है। महाराष् ट्र सरकार ने अपनी याचिका में कहा कि पुलिस अपराध से जुड़ी संपत्ति और आरोपियों का बैंक खाता सीज कर सकती है (Can the police seize property related to crime?(कर सकती है) 

ये आदेश सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए

जस्टिस संजीव खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश पढ़ते हुए कहा कि यह निर्णय सहमति से लिया गया है, लेकिन न्यायमूर्ति गुप्ता ने इस पर कुछ अतिरिक्त कारण दिए हैं। यह निर्णय पुलिस को सीआरपीसी की धारा-102 के तहत जांच के दौरान अचल संपत्ति को जब्त करने और कुर्क करने का अधिकार नहीं देता है। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सीआरपीसी की धारा-102 को इस निर्णय में परिभाषित किया, जो पुलिस को किसी मामले की आपराधिक जांच के दौरान संपत्ति को जब्त करने का अधिकार देता है। 

सीआरपीसी की धारा 102 क्या है?

आपको सीआरपीसी की धारा 102 (1) (Can police Seize the Immovable Property of the Criminal) पुलिस को आपराधिक जांच के दौरान अपराधी की अचल संपत्ति को सीज या जब्त करने का अधिकार देता है। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसी आपराधिक मामले की जांच के दौरान कोई भी पुलिस अधिकारी अवैध संपत्ति या गलत तरीके से अर्जित अचल संपत्ति (immovable property law) को जब् त कर सकता है। अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इस धारा को अपनाया है ऐसे में पुलिस को किसी आपराधिक मामले की जांच के दौरान अचल संपत्ति कुर्क करने का अधिकार नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट का इस मामले पर निर्णय अंतिम माना जाएगा।