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Tenant : एक साल में कितना किराया बढ़ा सकता है मकान मालिक, किराएदार जान लें अपने अधिकार

rights of tenant : अगर आप किराए के मकान पर रहते हैं तो ये खबर आपके काम की है। अब पिछले साल के मुकाबले किराया बढ़ चुका है। जिसके चलते मकान मालिक किराएदारों से ज्यादा रेंट मांग रहे हैं। ऐसे में किराएदारों को अपने अधिकारों के बारे में ज्ञान होना  चाहिए। ताकि मकान मालिक आपसे ज्यादा रेंट की डिमांड न कर सके।
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How much can a landlord increase the rent in a year? Tenants should know their rights

The Chopal : बैंगलोर (Banglore) में पिछले साल के मुकाबले किराया दोगुना हो गया है. ऐसे में कई लोग सोशल मीडिया पर अचानक किराया बढ़ाने को लेकर शिकायत कर रहे हैं, सोशल मीडिया यूजर्स लिख रहे हैं कि रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement) होने के बावजूद मकान मालिक अचानक किराया बढ़ाने की बात कह रहे हैं, विरोध करने पर मकान मालिक कह रहा है "अगर तुम्हें नहीं जम रहा है तो घर खाली कर दो, कहीं और रहो." लेकिन मकान मालिक का इस तरह किराया बढ़ाना गैर-कानूनी है।ऐसे में जरूरी है कि किरायदार को अपने अधिकारों के बारे में जानकारी और साथ ही मकान मालिक के भी अधिकार हैं ,उन्हें जानना जरूरी है.

किराया वसूली

आदर्श किराया अधिनियम, 2021 (Model Tenancy Act 2021) के तहत मकान मालिक अचानक से किराया नहीं बढ़ा सकता, इसके लिए मकान मालिक को तीन महीने पहले किराएदार को नोटिस देना होगा. साथ ही किराए की वृद्धि की रकम जो रेंट एग्रीमेंट में पहले से तय की गई है उससे ज्यादा किराया नहीं वसूला जा सकता. किराया कितना बढ़ाया जाएगा ये किराएदार और मकान मालिक की आपसी सहमति के बाद रेंट एग्रीमेंट में दर्ज किया जाना चाहिए.

एडवांस (सिक्यॉरिटी मनी)

किराएदार से दो महीने से ज्यादा का एडवांस नहीं वसूला जा सकता है. वहीं मकान खाली करने के एक महीने के अंदर यह रकम लौटाना जरूरी है.

किराया समय पर न चुका पाएं

अगर किराएदार किसी परेशानी की वजह से किराया सही समय पर नहीं चुका पाता है तो मकान मालिक बिजली और पानी की व्यवस्था किराएदार से नहीं छीन सकता. सुप्रीम कोर्ट बिजला-पानी की सुविधा को मूलभूत सुविधा बता चुका है.

बिना अुनमति के घर में नहीं आ सकता मकान मालिक

किराए का घर मकान मालिक का है लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि वो बिना किराएदार की अनुमति के घर में घुस जाए. अगर किराएदार घर पर नहीं है उस समय भी मकान मालिक घर का ताला तोड़कर नहीं घुस सकता.

घर के ढांचे और रंग रोगन की जिम्मेदारी किराएदार की नहीं

घर का रंग अगर किराएदार के रहते फींका पड़ जाए तो ऐसे में मकान मालिक किराएदार से घर को रंगने के लिए बाध्य नहीं कर सकता. घर के ढांचे से जुड़ी सभी मरम्मत मकान मालिक को ही करवानी पड़ेगी.

बेवजह से घर से नहीं निकाल सकता मकान मालिक

अचानक से या बिना किसी ठोस कारण के मकान मालिक किराएदार से मकान खाली करने को नहीं बोल सकता. ऐसा होने पर ये गैर-कानूनी माना जाएगा.

लेकिन ठोस कारण क्या हो सकते हैं?

आदर्श किराया अधिनियम, 2021 केवल किराएदारों का ही नहीं मकान मालिक के अधिकारों की रक्षा भी करता है। 

मकान मालिक के अधिकार

पिछले 2 महीनों से किराया नहीं देने पर, किराए के मकान में कमर्शियल या गैर कानूनी काम करने पर, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसी स्थिति में मकान मालिक किराएदार को घर खाली करने के लिए कह सकता है.

मकान मालिक को किराएदार को घर से बाहर निकालने के लिए 15 दिन का नोटिस पीरियड देना पड़ता है.

मकान मालिक को समय पर किराया लेने का पूरा अधिकार है.

किराएदार घर का रख-रखाव ठीक से नहीं करता तो मकान मालिक को टोकने का पूरा अधिकार है.

किराएदार एक महीने का नोटिस दिए बगैर अचानक से घर खाली नहीं कर सकता.

मकान मालिक रेंट एग्रीमेंट की तय शर्तों के अलावा अतिरिक्त शर्त नहीं जोड़ सकता.

कानून का उल्लंघन होने पर क्या कर सकता है किराएदार/मकान मालिक?

मकान मालिक या किराए दार आदर्श किराया अधिनियम, 2021 के तहत किसी भी कानून का उल्लंघन करता है तो वह किराया प्राधिकरण यानी रेंट अथॉरिटी के पास जा सकता है. यहां शिकायत दर्ज हो सकती है. हालांकि ये कानून केंद्र का है और अधिकतर राज्यों ने इसे लागू नहीं किया. हर राज्य का अपना कानून हो सकता है, हालांकि उनमें ज्यादा अंतर नहीं है.

रेंट अथॉरिटी के अलावा मामले को कोर्ट में भी ले जाया जा सकता है.

लेकिन ध्यान रहे जैसे दुकानदार का सामान लौटाने या शिकायत करने के लिए बिल की जरूरत होती है वैसे ही किराए के मकान के लिए भी रेंट एग्रीमेंट की जरूरत होती है. इसलिए जरूरी है कि हर किराएदार और मकान मालिक को रेंट एग्रीमेंट बनवाना ही चाहिए.

रेंट एग्रीमेंट मकान मालिक और किराएदार एक साथ बैठ कर बनाए, उसमें सारी चीजें आपसी सहमति से लिखी जानी चाहिए ताकि कोई समस्या न आए.

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