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राजस्थान के इन जिलों से होकर गुजरेगा 142 किलोमीटर लंबा हाइवे, जिले की बदल जाएगी तस्वीर

National highway in rajasthan: राष्ट्रीय राजमार्ग 162-ई राजस्थान के ऐतिहासिक और धार्मिक पर्यटन स्थलों को जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है। यह 142 किमी लंबा राजमार्ग भटेवर से हल्दीघाटी, कुंभलगढ़ और चारभुजा तक विस्तारित होगा। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल सैलानियों के लिए यात्रा को सुगम बनाना है, बल्कि पर्यटन और क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा देना है।

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राजस्थान के इन जिलों से होकर गुजरेगा 142 किलोमीटर लंबा हाइवे, जिले की बदल जाएगी तस्वीर 

The Chopal : केंद्र सरकार द्वारा करीब 800 करोड़ रुपये की लागत से स्वीकृत किया गया राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 162-ई, जो राजस्थान के नाथद्वारा में प्रभु श्रीनाथजी के दर्शन, हल्दीघाटी में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की रणस्थली का वंदन, कुंभलगढ़ (प्रताप की जन्मस्थली) में दुर्ग के वैभव और गढ़बोर में चारभुजानाथ के दर्शनों की अनुभूति देता है, अब धीरे-धीरे विकसित होने लगा है। राष्ट्रीय राजमार्ग 162-ई, जो भटेवर से वाया हल्दीघाटी-कुंभलगढ़ होकर चारभुजा तक 142 किमी चलेगा, ऐतिहासिक और धार्मिक पर्यटन स्थलों को जोड़ेगा और सैलानियों को सफर करना आसान बनाएगा।

2 पैकेजों में विभाजन किया गया निर्माण कार्य

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन इस सड़क की सीमा और नियमों में शामिल होने वाली जमीन और भवन पहले से ही खत्म हो चुकी हैं। सबको इंतजार है कि सुगम और आरामदायक सफर के लायक सड़क बन जाए, चाहे पर्यटक हों या स्थानीय लोग। NHAI की देखरेख में बन रही इस सड़क का निर्माण दो भागों में विभाजित है।

पैकेज-2 में निचली ओडन से मावली, वल्लभनगर होते हुए भटेवर तक सड़क बनाई जाती है; पैकेज-1 में चारभुजा से केलवाड़ा, लोसिंग, हल्दीघाटी-खमनोर होते हुए निचली ओडन तक सड़क बनाई जाती है। पैकेज 1 में काम का 75% पूरा हो चुका है। इसकी अवधि सितंबर 2025 तक है। साथ ही, पैकेज-2 का काम शुरू हो गया है, जिसका लक्ष्य अक्टूबर 2026 तक चलना है। NHAI अधिकारियों और संवेदकों ने कहा कि वे निर्धारित समयावधि में निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य लेकर काम कर रहे हैं।

पैकेज-1 में क्या होगा

पैकेज-1 में चारभुजा से ओडन तक 800 मीटर (88 किलोमीटर) सड़क बनाई जा रही है। इस भाग में 255 छोटी-छोटी पुलियाएं बनाई गई हैं। इसके अलावा, २३ ब्रिज (मेजर-माइनर) बनाए गए हैं। 21 ब्रिज पूरी तरह से बन गए हैं, जबकि दो अन्य ब्रिजों की मरम्मत चल रही है। सड़क पर तीन अंडरपास बनाए गए हैं: दो बड़े और एक छोटा। द्विपास केलवाड़ा, ओलादर और बरवाड़ा में बनाए गए हैं। 88.8 किमी में से 60 किमी की सड़क डामरीकरण की जा चुकी है। 255 में से 90% पुलियाओं भी पूरी हो चुकी हैं। पैकेज-1 में लगभग 400 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

पैकेज-2 की सड़कों की लागत लगभग दो सौ करोड़ होगी

पैकेज-2 में 53 किलोमीटर (340 मीटर) लंबी सड़क का निर्माण निचली ओडन से भटेवर तक शुरू हो गया है। इस खंड में 113 छोटी-बड़ी पुलियाएं बनाना प्रस्तावित है। सड़क पर पांच मेजर-माइनर ब्रिज और ओडन और मावली के आसपास दो अंडरपास बनाए जाएंगे। रास्ते में रेलवे लाइनों को देखते हुए तीन रेलवे ओवरब्रिज भी बनेंगे. इनमें से दो मावली जंक्शन के पास बनाए जाएंगे और तीसरा वल्लभनगर में रेलवे लाइन क्रॉसिंग पर बनाया जाएगा। यह अक्टूबर 2026 तक चलेगा।

3 टोल बनेंगे: 2 निर्धारित, 1 प्रस्तावित

टू-व्हीलर को छोड़कर, इस मार्ग पर आने वाले पर्यटकों के वाहनों के अलावा सड़क पर चलने वाले सभी प्रकार के वाहनों पर निर्धारित यात्रा शुल्क लगाया जाएगा। पूरे 142 किलोमीटर की सड़क पर तीन टोल प्लाजा बनाए जाएंगे। इनमें से दो लगभग निर्धारित हैं। एक टोल प्लाजा खमनोर-हल्दीघाटी क्षेत्र के बलीचा राजस्व गांव में रेबारियों की ढाणी के पास होगा, जबकि दूसरा राजसमंद के कुंभलगढ़ क्षेत्र में ओलादर और मजेरा के आसपास होगा। वल्लभनगर के आसपास तीसरा टोल बनाया जाना प्रस्तावित है।

पहले कम चौड़ाई और समस्याएं थीं

सड़क की चौड़ाई पहले निचली ओडन से खमनोर-हल्दीघाटी, कुंभलगढ़ और चारभुजा तक पहाड़ी क्षेत्रों में 3 मीटर और कहीं-कहीं 5 मीटर तक थी। संकरी पुलियाओं पर वाहनों को निकलने में परेशानी, बारिश में सड़क पर पानी के बहाव से कटाव और सड़कों को क्षतिग्रस्त होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
अब पर्याप्त चौड़ाई और सुगमता होगी

अब सड़क लगभग दोगुना चौड़ी होगी। तकनीकी मापदंडों के अनुसार सड़क की कुल चौड़ाई 10 मीटर होगी, जिसमें दो लेन और पेव्ड शोल्डर होंगे। दावा किया जा रहा है कि निर्माण पूरा होने पर मौसम की कोई कमी नहीं होगी। बारिश का पानी नहीं मिलेगा। सड़क पर वाहनों की आवाजाही में सुविधा और सुगमता होगी।

कार्य समय पर पूरा किया जाएगा

चारभुजा-भटेवर राजमार्ग का काम वर्क ऑर्डर की अवधि के अनुसार चल रहा है। राजमार्ग के सभी निर्माण निर्धारित मानकों और समय में ही पूरे होंगे।