जयपुर में 30 किलोमीटर लंबे इस रूट पर दौड़ेगी मेट्रो, एलिवेटेड रोड से सफर होगा आसान
Rajasthan News: राजधानी जयपुर को राज्य बजट में कई महत्वपूर्ण सौगातें मिली हैं। बजट में मेट्रो के नए मार्गों का ऐलान किया गया है। आइए देखें मेट्रो की नई लाइन कैसी होगी?

Jaipur Metro Expansion : जयपुर मेट्रो राजधानी से बाहर भी बढ़ेगी। सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र से विद्याधर नगर (टोडी मोड़) तक का मार्ग मेट्रो फेज-2 में बनाया जा सकेगा। केंद्र सरकार के सहयोग से इस पर लगभग 12 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस मार्ग पर काम करीब ३० किलोमीटर दूर शुरू होगा। यह मार्ग तैयार होने के बाद, जयपुर में दूसरे बड़े मार्ग पर मेट्रो चलेगी, जिससे लगभग 20 लाख से अधिक लोग लाभान्वित होंगे। राजधानी जयपुर को राज्य बजट में कई महत्वपूर्ण सौगातें मिली हैं।
बजट में मेट्रो के नए मार्गों का ऐलान किया गया है। जयपुर मेट्रो का मार्ग राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (RSU) से प्रताप नगर में शुरू होकर टोंक रोड, बीटू बायपास, मानसरोवर से वैशाली नगर तक बनाया जाएगा। इससे शहर के बाहरी क्षेत्र में रहने वाले बहुत से लोगों को राहत मिलेगी और यातायात सुगम होगा। सीकर रोड और अजमेर रोड पर स्थित बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTTS) कॉरिडोर को हटाया जाएगा। सरकार ने इसे अयोग्य और मार्ग में बाधक बताया है।
एलिवेटेड रास्ते आसान होंगे
2.40 किमी का एलिवेटेड रोड अपेक्स सर्किल से जगतपुरा आरओबी तक बनाया जाएगा। 130 करोड़ रुपये इस पर खर्च होंगे। झोटवाड़ा आरओबी से खातीपुरा आरओबी तक 65 करोड़ रुपए, ओटीएस चौराहे पर 80 करोड़ रुपए, रिद्धि-सिद्धि चौराहे पर 185 करोड़ रुपए और नारायण सर्किल से पुराना रामगढ़ मोड़ तक, खानियां से बगराना आगरा रोड तथा अरण्य भवन से ट्रांसपोर्ट नगर तक एलिवेटेड रोड बनाने की डीपीआर बनाई जाएगी।
मेट्रो का आकार: जयपुर जाम शहर बन गया। मेट्रो को सार्वजनिक परिवहन के लिए बेहतर विकल्प के रूप में देखा जा रहा था। बजट में मेट्रो का विस्तार महत्वपूर्ण है।
रोडवेज बस: रोडवेज के बेडे में लगातार बसों की कमी को इंगित किया जा रहा था, इस बजट में 500 नई बसें खरीदने का प्रावधान किया गया है।
बीआरटीएस: शहर में बीआरटीएस सुविधा के स्थान पर सुगम यातायात बाधा बनता जा रहा था, बजट में बीआरटीएस को हटाने की घोषणा की गई है।
पिंक टॉयलेट: महिलाओं को सार्वजनिक स्थलों जैसे कार्यालयों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और बाजारों में टॉयलेट्स न होने के कारण भारी मुश्किलें होती हैं। बजट में पिंक टॉयलेट्स की घोषणा की गई है।
गिग वर्कर्स: गिग वर्कर्स की समस्याओं पर सबसे पहले पत्रिका ने ध्यान देते हुए ये दर्द है बेसुमार अभियान चलाया था, अब सरकार ने बजट में न केवल गिग वर्कर्स को संरक्षण की पहल की है, बल्कि उनकी ट्रेनिंग की भी व्यवस्था की है।