राजस्थान वासियों के लिए 94 किलोमीटर लंबी रेल लाइन से जुड़ी अच्छी खबर, 143 करोड़ होंगे खर्च
Railway Infrastructure in Rajasthan : राजस्थान में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से विकसित हो रहा है। इसी कड़ी में राज्य की एक पुरानी परियोजना को आखिरकार गति मिली है। 1996 में स्वीकृत हुए एक रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण कार्य अब प्रारंभ कर दिया गया है. विद्युतीकरण के बाद दिल्ली-अहमदाबाद और दिल्ली-मुंबई जैसे व्यस्ततम रेलवे ट्रेक को आपस में जोड़ने के लिए इस ट्रेक पर भी लंबे रूट की गाड़ियों का संचालन शुरू होगा।
Rajasthan News : राजस्थान में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से विकसित किया जा रहा है. राजस्थान की एक रेलवे ट्रैक को इलेक्ट्रिक बनाने का कार्य शुरू किया गया है. इस रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण होने की वजह से ट्रेन उत्तर भारत के पंजाब, राजस्थान और हरियाणा से होकर सवाई माधोपुर पहुंच रही है. इस रेलवे ट्रैक की विद्युतीकरण में 144 करोड रुपए की लागत राशि खर्च की जाएगी. इस रेलवे ट्रैक को 1996 में मंजूरी मिली थी लेकिन दी दशक से ज्यादा का समय इस परियोजना को पूरा करने में लगा है.
दौसा से गंगापुर शहर के बीच ट्रेनों का संचालन
दौसा-गंगापुर ट्रेक को रेलवे ने इलेक्ट्रिक बनाने का काम शुरू कर दिया है। इसमें 143 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 2026 की शुरुआत तक काम पूरा हो जाएगा। इलेक्ट्रिक इंजन से चलने वाले ट्रेनों को दौसा से गंगापुर शहर के बीच चलाया जाएगा। विद्युतीकरण के बाद दिल्ली-अहमदाबाद और दिल्ली-मुंबई जैसे व्यस्ततम रेलवे ट्रेक को आपस में जोड़ने के लिए इस ट्रेक पर भी लंबे रूट की गाड़ियों का संचालन शुरू होगा। क्षेत्र के लोगों को बड़े शहरों तक आने-जाने में आसानी होगी और उद्योगों के विकास के लिए नई रास्ते खुलेंगे।
परियोजना को 1996-97 में मंजूरी
संवदेक ने दौसा से काम की शुरुआत करते हुए विद्युत लाइन के पोल खड़ा करने के लिए फाउण्डेशन भी बनाना शुरू किया. यह काम दौसा से शुरू होकर बनियान व नांगल राजावतान होते ही सलेमपुरा तक जा पहुंचा है। प्रतिदिन मजूदर फाउण्डेशन का काम करने में जुटे हैं। निर्माण कार्य पूरा होने पर ट्रैक पर पोल लगाकर विद्युत लाइन खींचने का कार्य शुरू होगा। दौसा-गंगापुर रेल परियोजना को 1996-97 में मंजूरी दी गई थी, लेकिन इसे पूरा करने में ढाई दशक से अधिक का समय लगा. पिछले वर्ष 16 मार्च को लोकसभा चुनावों के लिए आचार संहिता लागू होने से कुछ ही घंटे पहले रेलवे ने दौसा से गंगापुर के बीच पहली सवारी गाड़ी का संचालन शुरू किया।वर्तमान में इस रेलवे ट्रेक में विद्युतीकरण नहीं होने से उत्तर भारत के हरियाणा, राजस्थान और पंजाब से कई ट्रेन हिसार, रेवाड़ी, अलवर और जयपुर से होकर सवाई माधोपुर पहुंच रही हैं।
रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का दबाव होगा कम
वर्तमान में इस रेलवे ट्रेक में विद्युतीकरण नहीं होने से उत्तर भारत के हरियाणा, राजस्थान और पंजाब से कई ट्रेन हिसार, रेवाड़ी, अलवर और जयपुर से होकर सवाई माधोपुर पहुंच रही हैं। विद्युतीकरण पूरा होने पर ये ट्रेनें सीधे दौसा, लालसोट और गंगापुर सिटी से सवाईमाधोपुर की ओर जाएंगी। इसके अलावा, आप यहां से कोटा, इंदौर, भोपाल, नागपुर और दक्षिण भारत के कई ट्रेनों को भी निकाल सकते हैं। जयपुर जैसे व्यस्त रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का दबाव भी इससे कम होगा।
टीएसएस (TSSA) डिडवाना में बनाया जाएगा
डिडवाना में एक ट्रेक्शन सबस्टेशन (TSS) दौसा-गंगापुर रेलवे ट्रेक पर बनाया जाएगा। जहां से इस पूरे ट्रेक को बिजली मिलेगी। TSSA के लिए रेलवे अधिकारी भी डिडवाना गए हैं, जहां वे जमीन देख चुके हैं और काम जल्दी शुरू होगा। दौसा-गंगापुर रेलवे ट्रेक के विद्युतीकरण का टेंडर अवार्ड मिल गया है, जिससे काम शुरू हो गया है। प्रोजेक्ट की लागत 143 करोड़ रुपए है और 94 किलोमीटर लंबा है। यह काम वर्ष 25 से 26 तक पूरा होगा। यह काम एक ही कंपनी को दिया गया है।
