केंद्र सरकार ने बनाया सॉलिड प्लान, आम जनता को मिलेगी बहुत बड़ी राहत
The Chopal - मोदी सरकार त्योहारी सीजन में दालों के मूल्यों को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठा सकती है। इसके परिणामस्वरूप, उड़द दाल और अरहर की स्टॉक सीमा को दो महीने तक बढ़ाया जा सकता है। 31 अक्टूबर 2023 तक सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए दालों की स्टॉक सीमा निर्धारित की गई है।
ये भी पढ़ें - मोदी सरकार ने करोड़ों कर्मचारियों को दिया बड़ा तोहफा, बढ़ाया गया महंगाई भत्ता, इस दिन होगा लागू
सरकार सरकार मूल्य स्थिरीकरण निधि (पीएसएफ) के तहत किसानों की उपज के अलावा घरेलू बाजार से मसूर दाल खरीदने की भी योजना बना रही है। मामले से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि दालों के उत्पादन में गिरावट और आयात में सुस्ती की संभावनाओं को देखते हुए स्टॉक सीमा को कम से कम दो महीने के लिए बढ़ाया जाएगा।
उड़द और तुअर दाल के स्टॉक पर सीमा
गौरतलब है कि सरकार ने जून में तुअर और उड़द दाल के स्टॉक पर सीमा लगाई थी, ताकि बढ़ती कीमतों के बीच जमाखोरी और सट्टेबाजी को नियंत्रित किया जा सके। 31 अक्टूबर तक स्टॉक सीमा थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, मिल मालिकों और आयातकों सहित कई संस्थाओं पर लागू होगी।
दालों की मूल्यवृद्धि दर
अगस्त महीने में 13.04 फीसदी
जुलाई में 13.27% फीसदी
जून में 10.53% फीसदी
मैं 6.56% फीसदी
अप्रैल में 5.55% फीसदी
मार्च में 3.3% फीसदी
कारोबारियों को चीनी स्टॉक की घोषणा करनी चाहिए
सरकार चीनी के बढ़ते मूल्यों को नियंत्रित करने में भी लगी है। इसके मद्देनजर, सरकार ने चीनी के खुदरा और थोक विक्रेताओं को हर हफ्ते चीनी स्टॉक की सूचना देने का आदेश दिया है। साथ ही, अक्टूबर के लिए 13 लाख मीट्रिक टन का चीनी कोटा अभी से जारी है। विक्रेताओं को हर हफ्ते सरकारी पोर्टल पर अपना स्टॉक बताना होगा। चीनी की थोक कीमत चार हजार रुपये प्रति क्विंटल पार कर गई है। खाद्य सचिव ने हाल ही में कहा कि देश में पर्याप्त चीनी स्टॉक है। चीनी साल भर सस्ती होगी। केंद्रीय और राज्य सरकारों की टीमें निरंतर जमाखोरों पर छापेमारी करती रहती हैं।
ये भी पढ़ें - Indian Railway : सबसे अधिक रूकने वाली ट्रेन, 111 स्थानों पर हैं स्टोपेज, फिर पहुंचती है राइट टाइम
