गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर से होकर गुजरेगा लिंक एक्सप्रेसवे, गांवों का जमीनों सर्वे हुआ पूरा
UP News: उत्तर प्रदेश के सड़क और एक्सप्रेसवे नेटवर्क को नई मजबूती देने की दिशा में एक और अहम परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है। कुल 74.3 किलोमीटर लंबे इस मार्ग का लगभग 20 किलोमीटर हिस्सा यीडा क्षेत्र में पड़ेगा, जिसमें से करीब 9 किलोमीटर एलिवेटेड होगा।
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के सड़क और एक्सप्रेसवे नेटवर्क को नई मजबूती देने की दिशा में एक और अहम परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है। ग्रेटर नोएडा में गंगा एक्सप्रेसवे को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए 74.3 किलोमीटर लंबा लिंक एक्सप्रेसवे बनाए जाने की प्रक्रिया ने रफ्तार पकड़ ली है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर लगभग 4000 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है और यह गौतमबुद्ध नगर तथा बुलंदशहर जिले के कुल 56 गांवों की भूमि से होकर गुजरेगी।
जनवरी से शुरू होगी भूमि खरीद प्रक्रिया
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने इस परियोजना के लिए अपने क्षेत्र में आने वाले गांवों का सर्वे पूरा कर लिया है। इसके तहत यीडा क्षेत्र के 16 गांवों में करीब 740 एकड़ भूमि खरीदी जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक, जनवरी से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। भूमि खरीद पूरी होने के बाद यह जमीन उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) को सौंपी जाएगी, जो लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण की जिम्मेदारी निभाएगा।
कहां से कहां तक बनेगा लिंक एक्सप्रेसवे
यह लिंक एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे के 44.3 किलोमीटर बिंदु, यानी बुलंदशहर जिले के सियाना क्षेत्र से शुरू होकर यमुना एक्सप्रेसवे के 24.8 किलोमीटर पॉइंट, सेक्टर-21 फिल्म सिटी के पास आकर जुड़ेगा। कुल 74.3 किलोमीटर लंबे इस मार्ग का लगभग 20 किलोमीटर हिस्सा यीडा क्षेत्र में पड़ेगा, जिसमें से करीब 9 किलोमीटर एलिवेटेड होगा। परियोजना में एक्सप्रेसवे के साथ-साथ सर्विस रोड का भी निर्माण किया जाएगा, जिससे स्थानीय ग्रामीणों और आसपास के क्षेत्रों के लोगों को रोजमर्रा के आवागमन में बेहतर सुविधा मिल सके।
दो जिलों के 56 गांव होंगे प्रभावित
लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण गौतमबुद्ध नगर के 8 गांवों और बुलंदशहर के 48 गांवों की भूमि पर होगा। बुलंदशहर जिले में शामिल गांवों में खुर्जा तहसील के 14 गांव हैं, जबकि शेष गांव बुलंदशहर, सियाना और शिकारपुर तहसीलों में स्थित हैं। प्रशासन का कहना है कि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को पारदर्शी और नियमानुसार पूरा किया जाएगा।
एयरपोर्ट और औद्योगिक क्षेत्रों से सीधे जुड़ाव
इस लिंक एक्सप्रेसवे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर एयरपोर्ट) से भी सीधे जुड़ जाएगा। इसके बनने से गंगा एक्सप्रेसवे की उपयोगिता कई गुना बढ़ जाएगी। साथ ही, यमुना सिटी के औद्योगिक सेक्टर 28, 29, 32 और 33 को भी सीधा रोड कनेक्शन मिलेगा, जिससे उद्योगों और निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
दिल्ली से मुंबई और प्रयागराज तक आसान सफर
इस परियोजना के पूरा होने के बाद मेरठ से गंगा एक्सप्रेसवे होते हुए यमुना एक्सप्रेसवे तक सीधा संपर्क स्थापित हो जाएगा। इससे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे और आगरा तक की यात्रा पहले से कहीं अधिक सुगम हो जाएगी। इसके अलावा, देश-विदेश से आने वाले यात्रियों को मेरठ से प्रयागराज तक निर्बाध कनेक्टिविटी भी मिलेगी।
अधिकारियों का क्या कहना है
यीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आरके सिंह ने बताया गंगा एक्सप्रेसवे को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए करीब 74 किलोमीटर लंबा लिंक एक्सप्रेसवे प्रस्तावित है। इसके लिए यीडा क्षेत्र के 16 गांवों में लगभग 740 एकड़ भूमि की जरूरत होगी। सर्वे का काम पूरा हो चुका है और जनवरी से भूमि खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
क्षेत्रीय विकास को मिलेगी नई दिशा
विशेषज्ञों का मानना है कि यह लिंक एक्सप्रेसवे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लॉजिस्टिक्स, औद्योगिक विकास और पर्यटन को नई गति देगा। बेहतर कनेक्टिविटी से न केवल यात्रा समय घटेगा, बल्कि क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी।
