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MP में 2 जिलों के 29 गांवों से होकर नया फोरलेन गुजरेगा, जमीन अधिग्रहण होगा जल्द शुरू

MP New Four Lane Road: मध्य प्रदेश सरकार ने सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा बेहतरीन काम किया है। लोगों की आर्थिक स्थिति सुधरती जा रही है, क्योंकि सड़कें गांवों और शहरों के बीच आवाजाही को आसान बना रही हैं। अब मध्य प्रदेश में दो जिलों के 29 गांवों से होकर नया फोर लाइन बनाया जाएगा. इससे लोग आसपास के जिलों में घूमने का मज़ा ले सकेंगे।

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MP में 2 जिलों के 29 गांवों से होकर नया फोर लाइन गुजरेगा, जमीन अधिग्रहण होगा जल्द शुरू

Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश में सरकार ने सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया है। बड़े स्तर पर बिछने वाले सड़क जाल ने राज्य की आर्थिक वृद्धि में भी योगदान दिया है, क्योंकि वे आम जनता की आवागम कनेक्टिविटी को आसान बनाते हैं। 48 किलोमीटर लंबा नया फोरलेन, मध्य प्रदेश के दो जिलों के बीच बनाया जाएगा, जिस पर 1370 करोड़ रुपये खर्च होंगे। नया फोरलेन दो जिलों में 29 गांवों को पार करेगा।

नया रास्ता होगा

मध्य प्रदेश सरकार ने सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए इंदौर और उज्जैन के बीच एक नई फोरलेन सड़क बनाने की घोषणा की है। 48 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण ₹1,370 करोड़ का खर्च होगा। यह फोरलेन 29 गांवों से गुजरेगा, जिनमें 20 इंदौर और 9 उज्जैन जिले के हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने सिंहस्थ 2028 को तैयार करना शुरू कर दिया है। इस भाग में घोषणा की गई है कि इंदौर के हातोद क्षेत्र से उज्जैन के सिंहस्थ बायपास तक एक नई सड़क बनाई जाएगी, जिससे श्रद्धालुओं को आसानी से जाना होगा। वर्तमान उज्जैन-इंदौर मार्ग को नया रास्ता बनाया जाएगा।

29 गांवों को पार करेगा मार्ग 

48 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने में 1370 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह मार्ग खास होगा क्योंकि यह दोनों जिलों के 29 गांवों से गुजरेगा। इसमें 20 गांव इंदौर में और 9 गांव उज्जैन में शामिल हैं। अब विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPIR) बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। रिपोर्ट बनाई जाएगी और सरकार को अप्रूवल के लिए भेज दी जाएगी। निर्माण मंजूरी मिलते ही शुरू हो जाएगा।

पितृ पर्वत को नया रास्ता मिलेगा

उज्जैन के सिंहस्थ बायपास से इंदौर के हातोद क्षेत्र तक एक नई सड़क बनाई जाएगी, जो पितृ पर्वत के पास जाएगी। 4 लेन वनभूमि सड़कें बनाने के लिए 350 हेक्टेयर से अधिक जमीन की आवश्यकता होगी। ऐसे में, डीपीआर और लेआउट बनाने के बाद सरकारी सूचना जारी होने पर जमीन अधिग्रहण शुरू होगा। उज्जैन-इंदौर डीपीआर परियोजना मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (MPRDC) द्वारा संचालित होती है। इंदौर और उज्जैन जिलों में सड़क निर्माण का 70 प्रतिशत और 30 प्रतिशत हिस्सा होता है। MPRDC अधिकारियों ने कहा कि DPRC प्रक्रिया चल रही है। 

शहर तक जाना आसान होगा 

नई उज्जैन-इंदौर राजमार्ग क्षेत्र को बढ़ा देगा। वहीं सड़कों के निर्माण से गांवों का विकास और ग्रामीण विकास दोनों तेज होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में अन्य प्रकार के निवेश भी बढ़ेंगे, जैसे रियल एस्टेट। स्थानीय लोग भी शहर तक आसानी से पहुँचेंगे।

इससे इंदौर-अहमदाबाद राजमार्ग को सीधा जोड़ दिया जाएगा

हातोद से शुरू होने वाली नई राजमार्ग इंदौर-अहमदाबाद राजमार्ग को सीधे उज्जैन से जोड़ेगा। धार, अहमदाबाद और मुंबई से आने वाले लोगों को इससे आसानी होगी। वाहनों को एमआर-10 लवकुश चौराहा पहुंचने पर उज्जैन जाना होगा। नई सड़क बनने से इंदौर-उज्जैन राजमार्ग पर वर्तमान यातायात दबाव भी कम होगा।

छह लेन की सड़क 

साथ ही इंदौर-उज्जैन राजमार्ग को छह लेन बनाने की भी प्रक्रिया चल रही है। अरबिंदो से हरिफाटा की सड़क छह लेन की होनी चाहिए। इसके लिए, ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क किनारे पर अतिक्रमण हटाया गया है। इसे भागों में विभाजित कर बनाया जाएगा ताकि यातायात प्रभावित न हो।