देश का सबसे पुराना हाईवे, विदेश तक जाती हैं गाड़ियां, आपने किया कभी सफर
Oldest Highway Of India : देश की आर्थिक व्यवस्था में परिवहन व्यवस्था अहम योगदान निभाती है। देश की आर्थिक उन्नति के लिए अच्छी सड़कों का होना अति आवश्यक होता है। देश के संपूर्ण विकास के लिए जगह-जगह पर एक्सप्रेसवे और हाईवे का निर्माण किया जा रहा है। आज के जमाने में नई तकनीक से सड़कों का निर्माण किया जा रहा है।
Grand Trunk Road : आज के समय में आपको देश में एक्सप्रेसवे हाईवे बड़ी संख्या में देखने को मिल जाएंगे। देश के विकास में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। देश में व्यापार व अन्य गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली सड़कों का होना बहुत जरूरी होता है। लेकिन अगर आपसे कोई पूछे कि भारत का सबसे पुराना हाईवे कौन सा है, तो क्या आप इस सवाल का जवाब दे पाएंगे। आज हम इस लेख में आपको देश के सबसे पुराने हाईवे के बारे में जानकारी देंगे के बारे में। इस हाइवे को कब और किसने बनवाया सब कुछ आपको बताने वाले हैं।
माना जाता है कि परिवहन व्यवस्था देश की अर्थव्यवस्था में सबसे अधिक योगदान देती है। जो देश के विभिन्न भागों को जोड़ने के लिए नए राजमार्गों और एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं। नवीनतम और अत्याधुनिक सड़कें बनाई जा रही हैं। इनके माध्यम से एक जगह से दूसरे स्थान पर व्यापार और अन्य गतिविधियां होती हैं, जो आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हैं।
इस हाइवे से होता हैं विदेश का सफर
आपको शायद विश्वास नहीं होगा अगर हम आपको बताते हैं कि आप भारत के सबसे पुराने राजमार्ग से विदेश जा सकते हैं, लेकिन यह सच है। अब आपको यह जानने की उत्सुकता बढ़ गई होगी कि आखिर कौन सा राजमार्ग विदेश जाता है। इसके बावजूद, यह राजमार्ग 100 या 200 साल पुराना नहीं है, बल्कि सदियों पुराना है। यह हाईवे देश से बाहर भी जाता है।
किस रोड सबसे पुराना है?
जीटी रोड, या ग्रैंड ट्रंक रोड, भारत का सबसे पुराना हाईवे है। यह कहा जाता है कि यह चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में बनाया गया था। 16वीं शताब्दी में दिल्ली के सुल्तान रहे शेरशाह सूरी ने इसे मान्यता दी थी। उन्होंने इस मार्ग पर कई कोस मीनार, पेड़ और सराय बनाए। कोस मीनार, जिसे आज भी दिल्ली के चिड़ियाघर, मथुरा रोड और लाहौर में देखा जा सकता है, का निर्माण दूरी मापने के लिए किया गया था। एक कोस 3.22 किलोमीटर का था। वहीं, सराय में लोगों को ठहरने के लिए कमरे, पशुओं को बांधने के लिए जगह और पीने के पानी के लिए कुआं मिलता था।
ये मार्ग विदेशों में जाते हैं
यह हाईवे देश से बाहर भी जाता है। यह बांग्लादेश से अफगानिस्तान के काबुल तक चलता है। यह बांग्लादेश से शुरू होकर बर्धमान, आसनसोल, सासाराम, प्रयागराज, अलीगढ़, दिल्ली, अमृतसर और फिर पाकिस्तान के लाहौर और रावलिपंडी से होते हुए अफगानिस्तान तक जाता है। समय के साथ अलग-अलग राजाओं ने इसको और आगे बढ़ाया. आज इस सड़क से अफगानिस्तान जाया जा सकता है। धीरे-धीरे इसका नाम भी बदलता रहा। अंततः, अंग्रेजों ने इसे जीटी रोड नाम दिया और तब से यह राजमार्ग इसी नाम से जाना जाने लगा।
भारत में कितने राजमार्ग हैं?
भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, देश में 599 हाईवे हैं, जो देश की परिवहन क्षमता का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा निर्वाह करते हैं। दैनिक रूप से, बहुत से लोग इन हाईवे से सफर कर अपनी मंजिलों तक पहुंचते हैं। राष्ट्रीय राजमार्गों का उद्देश्य देश के कई राज्यों, राजधानियों, बंदरगाहों और औद्योगिक क्षेत्रों को एक दूसरे से जोड़ना है।