राजस्थान से होकर गुजरने वाले नेशनल हाइवे का बदल गया रूट, भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू, 1400 करोड़ खर्च होंगे
Rajasthan News : वर्तमान में बीड़ में कटान केवल 20 फीट है। राष्ट्रीय राजमार्ग को छह सौ मीटर जमीन चाहिए थी। यह बीड़ कंजर्वेशन क्षेत्र है। इसके लिए वन विभाग और वन्य जीव अभ्यारण्य कमेटी से अनुमति चाहिए थी। बाद में नेशनल हाइवे ऑर्थोरिटी ने उसे विड्रो कर लिया।
National Highway : झुंझुनूं रेवाड़ी-बीकानेर नेशनल हाइवे नंबर 11 का झुंझुनूं जिले का रास्ता बदल गया है। यह झुंझुनूं-चिड़ावा और सिंघाना की पुरानी सड़क की जगह अब एक नई सड़क पर बनाया जाएगा। क्योंकि वन विभाग ने झुंझुनूं बीड़ से फोरलेन सड़क बनाने की अनुमति नहीं दी इसलिए बीड़ से पांच किमी उतर दिशा में इसे बनाया जाएगा। डीपीआर झुंझुनूं से पचेरी तक 72 किमी लंबी फोरलेन रोड का काम पूरा हो चुका है। भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू हो गया है। अगले वर्ष तक इसका निर्माण शुरू हो जाएगा। इस पर लगभग 1400 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
रेवाड़ी से नारनौल, झुंझुनूं और बीकानेर तक नया राष्ट्रीय राजमार्ग 11 मंजूर
NHAI ने 2013 में रेवाड़ी से नारनौल, झुंझुनूं और बीकानेर तक नया राष्ट्रीय राजमार्ग 11 मंजूर किया था। रेवाड़ी से पचेरी और झुंझुनूं से बीकानेर तक इसका काम चला। लेकिन यह झुंझुनूं से पचेरी तक अधूरा है। पहले पुराने राज्य राजमार्ग पर ही फोरलेन बनाने का प्रस्ताव था। झुंझुनूं बीड़ पुराने राजमार्ग पर है। बीड़ संग्रहालय की घोषणा की गई है। यहां मृग भी रहते हैं। वन विभाग ने बीड़ से फोरलेन हाइवे बनाने की बजाय एलिवेटेड रोड बनाने की सिफारिश की। इसमें बगड़, खुडाना, बख्तावरपुरा, चिड़ावा, सिंघाना और पचेरी भी शामिल थे। यहाँ एक एलिवेटेड सड़क बनानी चाहिए थी। ऐसे में नेशनल हाइवे अथॉरिटी ने इसका रूट ही बदल दिया। अब यह झुंझुनूं से शुरू होकर गांवों से होते हुए सिंघाना-पचेरी मार्ग पर गुजरवास में मिल जाएगा।
प्रस्तावित एनएच 11 के पचेरी से झुंझुनूं के हिस्से के लिए नई डीपीआर बनाई गई है। यह बीड़ में झुंझुनूं-चिड़ावा सड़क से करीब पांच किमी उत्तर की दिशा में होकर ग्रीन अलाईमेंट एरिया में बनेगा। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। - विकास गोयल, एईएन नेशनल हाइवे ऑथोरिटी
जमीन से ऊंची रहेगी फोरलेन रोड, चार स्थानों पर exit points होंगे
नए यह सड़क जमीन से ऊंचाई पर बगेगी। इसकी चौड़ाई 17 मीटर होगी। जिसमें बीच में डिवाइडर होगा। 2.5 - 2.5 मीटर बर्म गिट्टी बिछाई जाएगी। राष्ट्रीय राजमार्ग पर जिले में चार स्थानों पर निकलने के स्थान होंगे। प्रमुख शहर के आसपास होंगे। प्रत्येक 500 मीटर पर अंडरपास बनाए जाएंगे। ताकि जानवरों का आसानी से गुजरना होगा। 60 मीटर जमीन अधिग्रहित की जानी हैं। NHAI इसके लिए 60 मीटर चौड़ी जमीन खरीदेगा। इसका प्रयास शुरू हो गया है। जमीन लेने की अनुमति झुंझुनूं, चिड़ावा और सूरजगढ़ एसडीएम को दी गई है।
झुंझुनूं में यह फोरलेन नेशनल हाइवे के बाईपास
इंटरचेंज जंक्शन झुंझुनूं और पचेरी में बनाया जाएगा. झुंझुनूं में यह फोरलेन नेशनल हाइवे के बाईपास में होगा। इसका इंटर जंक्शन मोड़ी पहाड़ के पास बनेगा। पचेरी में भी, हरियाणा बॉर्डर के पास, जहां यह सड़क शुरू होगी, इसी तरह होगा। वहां इंटरजंक्शन भी होगा। सड़क को जमीन से तीन मीटर ऊंचाई पर बनाया जाएगा, जिससे मवेशियों और आम जनता की आवाजाही को रोका जा सके।
झुंझुनूं में मंड्रेला रोड से शुरू होकर बुडाना, मालीगांव, अलीपुर, पटेल नगर, पृथ्वीराजपुरा, ब्राह्मणों की ढाणी, तोलासेही, सांवलोद, गुजरवास होते हुए सिंघाना-पचेरी राजमार्ग पर पहुंचेगा। इस पूरे मार्ग पर गांवों की सड़कों पर लगभग दस व्हीकल अंडरपास बनाए जाएंगे। पहले यह राजमार्ग झुंझुनूं बीड़, बगड़, बख्तावरपुरा, चिड़ावा और सिंघाना होते हुए पचेरी तक पुराने राजमार्ग पर बनाया जाना था। National Highway Agency पुरानी रोड को ही फोरलेन बनाना चाहता था। जो झुंझुनूं का बीड़ पार करता है।
वन्य जीवों की सुरक्षा को देखते हुए वन विभाग ने इसकी अनुमति नहीं दी। वन विभाग ने बीड़ में एक सड़क बनाने का आदेश दिया। नेशनल हाइवे ने बीड़ को छोड़कर नया रूट बनाया क्योंकि करीब पांच किमी दूरी में एलिवेटेड हाइवे बनाना अधिक खर्चीला था। अब डीपीआर बनाकर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को मंजूरी के लिए भेजा गया है। NHAI नए रास्ता से लाभ उठाएगा। दूरी में कोई खास परिवर्तन नहीं होगा। यह पहले 73 किमी था। अब 72 किमी अब रहेगा। प्रमुख कस्बों के पास होने से कई घर, दुकान और प्रतिष्ठान इसकी जद में आते हैं। इनके टूटने से प्रभावित लोगों को अधिक राशि दी जानी चाहिए।
गांवों से गुजरेगा
किसानों की जमीन की कीमत कई गुणा बढ़ेगी बगड़, बख्तावरपुरा, चिड़ावा, िसंघाना, पचेरी में बाइपास बनाए जाने थे, अब नए रूट से बाइपास नहीं बनाना पड़ेगा। इस हाइवे पर गांवों की मुख्य सड़कों पर एक दर्जन से अधिक व्हीकल अंडरपास बनाए जाएंगे। अभी तक झुंझुनूं मंडावा और फतेहपुर में बाइपास के लिए 26 किमी सड़क बनाने पर एनएचआईए 156 करोड़ रुपए खर्च कर चुका है।
झुंझुनूं में 13 किमी में से 10 किमी बाइपास बनाई जा चुकी
मंडावा में काम हो चुका है। झुंझुनूं में 13 किमी में से 10 किमी बाइपास बनाई जा चुकी है। अब नए रूट में यह गांवों के बाहर खेतों के अंदर से गुजरेगा। इसलिए पक्का निर्माण नहीं टूटेगा, खेतों की डीएलसी रेट कम होने से मुआवजा भी कम देना पड़ेगा। बाइपास बनाने की जरूरत नहीं रहने से इसका खर्चा बचेगा। दूरी भी कम होगी। इससे भी लागत कम हुई है। यानी नए प्रोजेक्ट पर 1400 करोड़ रुपए की लागत आएगी। यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए मंत्रालय को भेजा गया है। नए साल में काम शुरू होगा।