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राजस्थान में बढ़ेगा ERCP का दायरा, प्रदेशवासियों के लिए आ गई ख़ुशखबरी

ERCP,ERCP DPR : राजस्थान में भजनलाल सरकार पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का दायरा बढ़ाने जा रही है। जिसके तहत इस प्रोजेक्ट की डीपीआर का काम शुरू कर दिया गया है। इस नहर का निर्माण हो जाने के बाद प्रदेश के 21 जिलों को बड़ा लाभ मिलने वाला है। जिसके अंतर्गत प्रदेश के 21 जिलों के छोटे बड़े बांधों और तालाबों को नहर के साथ जोड़ा जाएगा।

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राजस्थान में बढ़ेगा ERCP का दायरा, प्रदेशवासियों के लिए आ गई ख़ुशखबरी

PKC-ERCP Project Rajasthan : राजस्थान की भजन लाल सरकार ने प्रदेश को बड़ी सौगात दी है। जिसके अंतर्गत प्रदेश में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के दायरे को बढ़ाने की योजना तैयार की है। जिसके तहत प्रदेश के 21 जिलों के छोटे बड़े बांधों और तालाबों को नहर के साथ जोड़ा जाएगा। जिससे प्रदेश की पानी की किल्लत काफी हद तक दूर होगी। राजस्थान सरकार का प्रदेश की जनता के लिए यह एक अहम प्रोजेक्ट है। जिससे प्रदेश में कोई भी व्यक्ति बिना पानी के प्यास नहीं रहेगा। जनता को खेती और पीने के लिए भरपूर पानी की मात्रा मिलेगी। 

कोटा-बूंदी जिले के डार्क जोन क्षेत्र को भी ईआरसीपी से जोड़ा जाएगा। केन्द्रीय जल आयोग को भेजी डीपीआर में जलस्रोतों का दायरा काफी बढ़ा दिया है। इसके लिए 600 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी रिजर्व रखा जाना प्रस्तावित है। ईआरसीपी के पहले बांध नौनेरा की इस मानसून में टेस्टिंग का काम पूरा हो गया है। इस बांध पर इंटकवैल बनाया जाएगा, जिससे जलापूर्ति की जाएगी। ईसरदा बांध तक पानी पहुंचाने के लिए कैनाल बनाई जाएगी। इसके लिए जमीन अवाप्ति की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। पिछले दिनों प्रशासन ने जमीन अवाप्ति से पहले किसानों की आपत्तियां मांगी थी।

इंटकवैल का काम चल रहा

नौनेरा बांध का निर्माण 14 अक्टूबर 2018 में शुरू हुआ था। डेम पर अब तक 955 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, जबकि परियोजना की लागत 1316 करोड़ की है। बांध का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। जलदाय विभाग की ओर से इंटकवैल बनाया जा रहा है। बांध की क्षमता 226 मिलियन क्यूबिक मीटर है।

बीसलपुर-ईसरदा तक जाएगा पानी

पीकेसी-ईआरसीपी का पहला चरण चार साल में पूरा होगा। इसमें नौनेरा बांध से बीसलपुर और ईसरदा तक पानी जाएगा। रामगढ़ बैराज, महलपुर बैराज, नौनेरा में नहरी तंत्र और पंपिंग स्टेशन, मेज नदी पर पंपिंग स्टेशन बनाया जाएगा। साथ ही, 2.6 किलोमीटर लंबी टनल भी तैयार की जाएगी, जो 12 मीटर चौड़ी होगी। इसकी लागत करीब 9600 करोड़ रुपए आंकी गई है। बांध से बांध को जोड़ने के लिए जिस रूट से नदी, नहर गुजरेगी, उस रूट पर कृषि का दायरा बढ़ेगा। औद्योगिक गतिविधियां बढ़ने की स्थितियां बनेंगी, क्योंकि कई उद्योगों को पानी की ज्यादा जरूरत होती है। इससे इलाके का इकोनॉमिक डवलपमेंट भी होगा।

3112 हेक्टेयर में डैम और कैचमेंट एरिया

बांध के निर्माण के दौरान 148.15 करोड़ रुपए का मुआवजा बांटा गया है, इस डेम और इसका कैचमेंट एरिया 3112 हेक्टेयर में है, जिसमें 656 हेक्टेयर वन भूमि थी, वहीं, 495 हेक्टेयर निजी भूमि थी। इनका अधिग्रहण किया गया है, इसके लिए 148.15 करोड़ की राशि बतौर मुआवजा दी गई है, जबकि वन भूमि के लिए 118 करोड़ रुपए दिए गए।

नैनेरा बांध की टेस्टिंग शुरू

नैनेरा बांध की टेस्टिंग शुरू हो गई है। स्काडा सिस्टम से जुडा हुआ है। अब बांध के अन्य जरूरी कार्य पूरे किए जा रहे हैं। अगले मानसून में बांध पूरा भरा जाएगा।